दिल्ली: एम्स में कोवैक्सीन का बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल शुरू, बनाए गए तीन ग्रुप
इस ट्रायल में देखा जाएगा कि क्या वैक्सीन सेफ और इम्यूनोजेनिक है? क्या ये कारगर होगी? ट्रायल में बच्चों को तीन ग्रुप में बांटा गया है. पहला ग्रुप है 12 से 18 साल, जिसमें इस ऐज ग्रुप के क्लीनिकल ट्रायल के वालंटियर्स को वैक्सीन की डोज दी जाएगी.
नई दिल्ली: दिल्ली के एम्स अस्पताल में आज से भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल शुरू हुआ है. आज करीब 25 बच्चे आए थे, जिनकी स्क्रीनिंग और टेस्ट हुए हैं. टेस्ट में सही और जिनके शरीर मे एंटीबॉडी नहीं मिलेगी उन बच्चों को वैक्सीन के ट्रायल में शामिल किया जाएगा और कोरोना की वैक्सीन दी जाएगी. उम्मीद है कि आज देर शाम तक रिपोर्ट आएगी और बच्चों में वैक्सीन दी जाएगी.
इस ट्रायल में देखा जाएगा कि क्या वैक्सीन सेफ और इम्यूनोजेनिक है? क्या ये कारगर होगी? ट्रायल में बच्चों को तीन ग्रुप में बांटा गया है. पहला ग्रुप है 12 से 18 साल, जिसमें इस ऐज ग्रुप के क्लीनिकल ट्रायल के वालंटियर्स को वैक्सीन की डोज दी जाएगी. इसके बाद 6 से 12 साल के उम्र के बच्चे और फिर 2 से 6 साल के उम्र के बच्चों को वैक्सीन ट्रायल में शामिल किया जाएगा.
- बच्चों का ट्रायल भी वैसा ही होगा जैसे अन्य लोगों का हुआ है.
- पहली डोज और दूसरी डोज के बीच 28 दिनों का अंतर होगा.
- बच्चों को भी 6mg की डोज दी जाएगी.
- ट्रायल में वैक्सीन लगने के बाद इन्हें भी लगातार मॉनिटर किया जाएगा.
भारत में अलग-अलग सेंटर्स में 525 बच्चों पर इस वैक्सीन का ट्रायल होना है. जिसमें से 50 के करीब बच्चों पर दिल्ली एम्स में इसका ट्रायल होना है. इस ट्रायल के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर डॉ. संजय राय के मुताबिक ट्रायल में शामिल होने के लिए अब तक इसमें दस गुना ज्यादा एप्लीकेशन आई है.