Arvind Kejriwal Meditation: राजनीति की वजह से लगातार बढ़ते तनाव को दूर करने के लिए राजनेता कई तरह उपाय करते रहते है. कोई नेता परिवार के साथ सैर-सपाटे पर जाकर कुछ  दिन का ब्रेक लेते हैं तो कुछ नेता इसके लिए नियमित योग करते हैं. लेकिन दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल ने अपना तनाव दूर करने के लिए विपश्यना केंद्र की शरण ली है. केजरीवाल ने इसके लिए सक्रिय राजनीति से दस दिनों तक छुट्टी ली है. दिल्ली से करीब तीन सौ किलोमीटर दूर जयपुर की गलता घाटी में धम्मथली विपश्यना केंद्र में दिल्ली के सीएम केजरीवाल मन पर नियंत्रण और आत्म अवलोकन की कोशिश कर रहे है.


केजरीवाल दो दिन पहले जयपुर पहुंच गए है और वो इस विपश्यना केंद्र में चल रहे दस दिन के शिविर में शामिल हो रहे है. वैसे सीएम होने की वजह से केजरीवाल को राजकीय अतिथि का दर्जा हासिल है लेकिन विपश्यना केंद्र के भीतर केजरीवाल का सीएम प्रोटोकॉल बिलकुल प्रभावी नहीं है और वो अकेले एक कमरे में रह रहे है. वैसे केजरीवाल का इन दस दिनों में क्या रूटीन रहने वाला है ये बताने से पहले हम आपको ये जानकारी भी देना चाहेंगे कि इस विपश्यना केंद्र में सी एम् केजरीवाल का ये दूसरा दौरा है. इससे पहले करीब ढाई साल पहले भी केजरीवाल अपने निकट सहयोगी और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ इस विपश्यना केंद्र में साधना कर चुके है.


अब आपको बताते है कि केजरीवाल इस विपश्यना केंद्र में दस दिनों तक कैसे रहेंगे. दरअसल, विपश्यना केंद्र में साधना कुल तीन चरण में पूरी की जाती है. शुरू के तीन दिनों तक साधक को श्वास और प्रश्वास की गति को प्राणायाम के जरिये नियंत्रित करना सीखना होता है. इसके बाद चौथे दिन से यहां गहन ध्यान योग सिखाया जाएगा. शिविर का अंतिम दिन मंगल मैत्री के नाम से पहचाना जाता है और इसके तहत शिविर में शामिल सभी साधक आपस में अपने अनुभव बांटते है.


सीएम केजरीवाल को इस विपश्यना केंद्र में मुंबई के विपश्यना टीचर भारत ग्रोवर के मार्गदर्शन में साधना करवाई जा रही है. केजरीवाल अकेले एक कमरे में है और हर दिन उन्हें सुबह चार बजे जागना पड़ता है. सुबह का नाश्ता साढ़े छह बजे और दोपहर का खाना सुबह 11 बजे यहां साधको को दिया जाता है. इन दस दिनों में टीवी, समाचार पत्र, संगीत या अन्य कोई मनोरंजन और मोबाइल फोन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा. यहां तक कि साधकों को अपने घर परिवार के लोगों से बातचीत भी नहीं करने दी जाती है.


नाश्ते और भोजन के समय के अलावा पूरे दिन में केवल 45 मिनट का विश्राम समय विपश्यना केंद्र में दिया जाता है और रात नौ बजे तक साधक को अपने कक्ष में में जाकर रोशनी बंद कर सो जाना पड़ता है. इस प्रकार पूरे दिन में करीब पंद्रह घंटे तक साधक को साधना में रहना पड़ता है. इस दौरान एकाकी और सामूहिक साधना के अलावा प्रवचन भी सुनाये जाते है. शाम के समय साधक करीब आधा घंटे की वॉक भी करते है. केजरीवाल अपने व्यस्त राजनैतिक कार्यक्रम छोड़कर दस दिनों तक इसी दिनचर्या में शामिल रहेंगे.


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