नई दिल्ली: दिल्ली सरकार बेघर लोगों को जल्द ही फ्लैट आवंटन की प्रक्रिया शुरू करेगी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को अपने आवास पर शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन और दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की. बैठक में सीएम ने DUSIB को निर्देश दिया कि अभी तक जितने फ्लैट बन चुके हैं, उन फ्लैट्स को झुग्गी में रह रहे लोगों को जल्द से जल्द आवंटित कर दिया जाए. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि झुग्गी में रहने वाले लोगों को हर हाल में पांच किलोमीटर के दायरे में ही फ्लैट बना कर दिए जाएं. अगर कहीं पर जमीन प्राप्त करने में अड़चन आ रही है, तो उन सभी बांधाओं को जल्द दूर किया जाए और जल्द से जल्द जमीन चयन की प्रक्रिया पूरी की जाए, ताकि बेघर लोगों को ‘जहां झुग्गी, वहीं मकान’ जल्द से जल्द दिया जा सके.


अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ‘जहां झुग्गी, वहीं मकान’ पाॅलिसी दिल्ली सरकार की प्रमुख पाॅलिसी में से एक है. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि बेघर लोगों के लिए फ्लैट्स का निर्माण समय सीमा के अंदर पूरा कर लिया जाए, ताकि उन्हें आश्रय प्रदान किया जा सके. साथ ही किसी भी कीमत पर झुग्गी से पांच किलोमीटर के दायरे में ही मकान मिले. इससे पहले मुख्यमंत्री ने नवंबर महीने में शहरी विकास मंत्री और DUSIB अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी. उस दौरान DUSIB के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के सामने बेघर लोगों को फ्लैट बना कर देने से लेकर उसमें शिफ्ट करने तक का पूरा खाका पेश किया था.


क्या है 'जहां झुग्गी, वहीं मकान' के तहत फ्लैट निर्माण की योजना-


बेघर लोगों के लिए तीन चरणों में 89,400 फ्लैट बनाने का निर्णय लिया गया है. यह फ्लैट 237 एकड़ भूमि में बनाए जाएंगे. दिल्ली सरकार पहले चरण में 41,400 फ्लैट बनाएगी. यह 41,400 फ्लैट दिल्ली सरकार के पास वर्तमान में उपलब्ध खाली जमीन पर बनाए जाएंगे. दूसरे चरण में 18,000 फ्लैट बनाए जाएंगे. इसके लिए दिल्ली सरकार के पास जो जमीन उपलब्ध है, अभी उस जमीन का लैंड यूज दूसरी कैटेगरी में है, इसलिए सरकार एमसीडी से पहले उस जमीन का लैंड यूज बदलवाएगी और इसके बाद इन फ्लैट्स का निर्माण कराएगी. वहीं, दो चरणों में तैयार किए गए 59,400 फ्लैट में पहले बेघर लोगों को शिफ्ट किया जाएगा. उनके शिफ्ट होने के बाद जो जमीन खाली होगी, उसमें तीसरे चरण के तहत 30,000 फ्लैट बनाए जाएंगे. तीनों चरण में फ्लैट निर्माण का कार्य 2022 से 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा.


इसके साथ ही DUSIB की खाली ज़मीन पर ईडब्ल्यूएस फ्लैटों का निर्माण किया जाएगा. पहले चरण में 41,400 ईडब्ल्यूएस फ्लैट बनाए जाएंगे. इसके लिए डूसिब के पास 221 एकड़ भूमि उपलब्ध है, जिसमें से वर्तमान में 115 एकड़ भूमि पर ईडब्ल्यूएस फ्लैटों का निर्माण करने के लिए विचार किया गया है. सावधा घेरवा में भी 106 एकड़ जमीन है, जिसे बाद में ले लिया जाएगा. यह भी निर्णय हुआ है कि फ्लैटों के निर्माण के लिए जल्द से जल्द आर्किटेक्ट कंसल्टेंट की नियुक्ति की जाएगी, ताकि योजना को गति दी जा सके. इसके बाद प्रस्तावित फ्लैटों की ले-आउट योजनाओं की स्वीकृति दी जाएगी. यह सभी फ्लैट बहुमंजिला होंगे. इसका एफएआर 400 और प्रति हेक्टेयर घनत्व 900 डी.यू. होगा.


प्रत्येक 8000 घरों में पांच अलग-अलग टेंडर होंगे. ईपीसी अनुबंध और काम के आवंटन के लिए निविदाएं ली जाएंगी. यह प्रक्रिया 31 मार्च 2021 तक पूरा कर ली जाएगी. जिस एजेंसी को फ्लैट निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, उसे अनुबंध के 24 महीने यानी 31 मार्च 2023 तक निर्माण कार्य पूरा करना होगा. इन फ्लैटों की अनुमानित लागत करीब 3312 करोड़ रुपये है और प्रत्येक फ्लैट को बनाने में करीब 8 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे.


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