अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: दिल्ली में शुरू हुआ ध्यान एवं योग विज्ञान केंद्र, CM केजरीवाल बोले- हम योग को जन आंदोलन में बदलना चाहते हैं
ध्यान और योग विज्ञान केंद्र की कार्यप्रणाली पर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर 20, 25, 30, 40 लोग अपना एक ग्रुप बनाकर दिल्ली सरकार को फोन करें और कहें कि हमें योग सीखना है, तो दिल्ली सरकार उनको इंस्ट्रक्टर मुफ्त में उपलब्ध कराएगी.
नई दिल्ली: 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर दिल्ली में ध्यान और योग विज्ञान केंद्र की शुरुआत की जा रही है. रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस केंद्र का उद्घाटन किया. दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी में ये ध्यान और योग विज्ञान केंद्र शुरू किया गया है. उद्धघाटन के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि योग केंद्र की स्थापना हमारा सपना रहा है. हम योग को जन आंदोलन में बदलना चाहते हैं और इसके लिए हमने बजट का भी प्रावधान किया है. शुरुआत में इस ध्यान और योग विज्ञान केंद्र में 450 योग इंस्ट्रक्टर तैयार किए जा रहे हैं. 2 अक्टूबर से दिल्ली सरकार लोगों को मुफ्त इंस्ट्रक्टर उपलब्ध कराना शुरू कर देगी.
दिल्ली के हर एक व्यक्ति तक योग पहुंचाना हमारा सपना
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सोमवार को योग दिवस है और मैं समझता हूं कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को इससे अच्छे तरीके से नहीं मनाया जा सकता था. हम लोग यहां सेंटर फॉर मेडिटेशन एंड योगा साइंसेज शुरू करने जा रहे हैं. यह हम लोगों का सपना था. हम लोग डेढ़-दो साल से बहुत गंभीरता से सोच रहे थे कि किस तरह से दिल्ली के हर व्यक्ति तक योग को पहुंचाया जाए. हम सब ने यह कई बार सुना है कि योग को जन आंदोलन बनाना है, यह कहते तो बहुत लोग हैं, लेकिन योग को कैसे जन आंदोलन बनाया जाए और कैसे घर-घर तक पहुंचाया जाए? जैसा कि पूरी दुनिया को भारत योग सिखा रहा है, लेकिन अपने भारत वर्ष में कितने लोग योग करते हैं? इसको जन-जन तक कैसे पहुंचाएं, इस पर चिंतन-मनन चल रहा था. इस बार जब बजट आया था, उसके पहले हमने बहुत से लोगों के साथ बैठक कर इस पर चर्चा और विचार-विमर्श किया. इसके बाद हमने यह तय किया कि इसको एक खास बजट दिया जाए.
RWA, पार्क या सार्वजनिक जगहों पर बुला सकेंगे इंस्ट्रक्टर
ध्यान और योग विज्ञान केंद्र की कार्यप्रणाली पर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर 20, 25, 30, 40 लोग अपना एक ग्रुप बनाकर दिल्ली सरकार को फोन करें और कहें कि हमें योग सीखना है, तो दिल्ली सरकार उनको इंस्ट्रक्टर मुफ्त में उपलब्ध कराएगी. वो लोग योग सीखने के लिए इंस्ट्रक्टर को अपनी आरडब्ल्यूए, किसी पार्क या किसी भी सार्वजनिक स्थान पर बुला लें. उन्हें इंस्ट्रक्टर दिल्ली सरकार मुफ्त में देगी. सीएम ने कहा कि मुझे लगा कि लोगों को योग के प्रति खींचने का यह एक बड़ा सरल तरीका है. इस सपने के साथ हम लोगों ने इस साल बजट के अंदर प्रावधान किया और हमने सोचा था कि हम इसको पूरी शिद्दत के साथ शुरू करेंगे. एक अप्रैल से बजट लागू हुआ, उसके बाद कोरोना आ गया. सीएम ने कहा कि संभावना है कि आगामी दो अक्टूबर से हम इसको जनता के बीच ले जाने के लिए तैयार होंगे. आज हमारे सामने जो 450 योग इंस्ट्रक्टर हैं, वह योग इंस्ट्रक्टर तब तक तैयार हो जाएंगे और दो अक्टूबर से हम वास्तविकता में दिल्ली के लोगों को यह कॉल दे पाएंगे कि अगर आप अपने यहां योगा कराना चाहते हैं, तो आप हमें बताइए. हम आपको टीचर मुफ्त में उपलब्ध कराएंगे. अभी कम शिक्षक हैं और हो सकता है कि हम सारे लोगों को एक साथ शिक्षक उपलब्ध नहीं करा पाएं, लेकिन यह एक अच्छी शुरुआत हो गई है. बहुत कम समय में इस पूरे कार्यक्रम को डिजाइन किया गया है.
कोरोना काल में योग का सबसे ज्यादा महत्व है
ध्यान और योग केंद्र की उपयोगिता पर बात करते हुए सीएम ने कहा कि मैं समझता हूं कि इस समय लोगों को सबसे ज्यादा योग की जरूरत महसूस हो रही है. अगर किसी को कोरोना हुआ तो लोग इम्युनिटी की बात करते हैं. अब यह इम्युनिटी शब्द हर आदमी की जुबान पर है. लेकिन इम्युनिटी कैसे आएगी. यह इम्युनिटी जीवन शैली को ठीक रखने और योग करने से आएगी. योग, लोगों को इम्यूनिटी प्रदान करेगा और अंदर से शक्ति देगा और लोगों को स्वस्थ रखेगा. मैं समझता हूं कि इस वक्त लोगों में सबसे ज्यादा मांग योग होगी. एक तो कोरोना से बचने के लिए, क्योंकि योग करेंगे तो आपकी इम्यूनिटी अच्छी होगी. दूसरा यह जिन लोगों को कोरोना से ठीक हुए लोगों को पोस्ट कोविड शारीरिक और मानसिक तौर पर एक्सरसाइज और मेडिटेशन की सख्त जरूरत होती है. करोना के दौरान खासतौर से फेफड़े और ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा समस्या होती है. मैं समझता हूं कि पोस्ट कोविड अगर हम प्रणायाम आदि सिखाएंगे, तो इसका लोगों को काफी लाभ मिलेगा.
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