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दिल्ली सरकार ने बेसहारा बुजुर्गों के लिए शुरू किया ओल्ड एज होम, मुख्यमंत्री केजरीवाल ने किया उद्घाटन 

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने बेसहारा बुजुर्गों के लिए 117 कमरे का पांच मंजिला ओल्ड एज होम बनाया है. जिसका उद्घाटन मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किया.

दिल्ली सरकार ने दिल्ली के बेसहारा बुजुर्गों के लिए गांधी नगर इलाक़े के कांति नगर में एक ओल्ड एज होम तैयार किया है, जिसका आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उद्घाटन किया. इस ओल्ड एज होम को बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर वरिष्ठ नागरिक निवास नाम दिया गया है, सरकार द्वारा तैयार किया गया ये दिल्ली का चौथा ओल्ड एज होम है, हालांकि दिल्ली सरकार इस तरह के कुल नौ ओल्ड एज होम का निर्माण करवा रही है.

सुविधाओं की बात करें तो इस ओल्ड एज होम में  बुजुर्गों के लिए निःशुल्क आवास, भोजन, कपड़े, बिस्तर, टीवी, रेडियो, किताबें, भजन-कीर्तन कार्यक्रम के साथ मनोरंजन केंद्र, स्वास्थ्य, फिजियोथेरपी आदि सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी है. इस ओल्ड एज होम के उद्घाटन के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जिन बुजुर्ग़ों की देखभाल करने वाला कोई नहीं है, उनका ख्याल उनका बेटा रखेगा, हम उन्हें सम्मान की ज़िंदगी देंगे. इस निवास में उनके लिए सारी अत्याधुनिक सुविधाएं बिल्कुल फ्री हैं. हमने यह कोशिश की है कि जिन बुजुर्गों को अपना घर छोड़कर मजबूरी में यहां आकर रहना पड़ेगा, उनको यह महसूस न हो कि वे घर छोड़कर आए हैं. मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि ऐसे निवास स्थान बनाने की जरूरत ही न पड़े. सारे बुजुर्ग अपने बच्चों के साथ अपने-अपने घर में सुखी और खुश रहें.

तैयार किए गए 117 कमरे

इस पांच मंजिला सीनियर सिटिज़न होम में 117 कमरे तैयार किये गये हैं, जिसमें से 81 कमरे पुरुषों के लिए हैं, जबकि 36 कमरे महिलाओं के लिए हैं. इससे पहले इसी तरह के तीन ओल्ड ऐज होम का उद्घाटन किया जा चुका है, जबकि पांच और भवनों का निर्माण कार्य चल रहा है. इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 'हमने दिल्ली के बुजुर्गों के लिए तीर्थ यात्रा भी शुरू की है. बीच में कोरोना की वजह से तीर्थ यात्रा बंद हो गई थी. दिल्ली सरकार बुजुर्गों को फ्री में तीर्थ यात्रा करा कर लाती है. सरकार, द्वारका, हरिद्वार, ऋषिकेश, मथुरा, वृंदावन, अयोध्या, अजमेर शरीफ, रामेश्वरम और शिरडी समेत कई सारी जगह तीर्थ यात्रा कराती है.'

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 'आप जहां भी जाना चाहो, अपने आप को वेबसाइट पर जाकर रजिस्टर कर लो. आपको घर से लेकर जाना और लाना फ्री है. आपको एसी ट्रेन में लेकर जाते हैं और एसी होटल में रुकवाते हैं और खाना आदि सब कुछ फ्री है. बुढ़ापे में अच्छे से तीर्थ यात्रा करके आइए, बहुत अच्छा लगेगा. जो लोग तीर्थ यात्रा करने जाते हैं, उनको मैं ट्रेन में छोड़ने जाता हूं. जब वे वापस आते हैं, तो हम उनको लेकर आते हैं. वे बहुत खुश होते हैं.'

बाबा साहब डॉ अंबेडकर की याद में बनाया गया

इस दौरान मौक़े पर दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि 14 अप्रैल को बाबा साहब डॉ अंबेडकर जी की जयंती है. हमने उनकी ही याद में बुजुर्गों के लिए यह डॉक्टर बाबा साहब अंबेडकर वरिष्ठ नागरिक निवास बनाया है. बहुत से लोग निवास की जगह आश्रम लिखने को कह रहे थे, लेकिन हम लोगों ने कहा कि वृद्धाश्रम में वह फीलिंग आती है, जैसे इन बुजुर्गों को कोई देखने वाला नहीं है. जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तो श्रवण कुमार के रूप में दिल्ली के सारे बुजुर्गों को, चाहे वह किसी भी जाति-धर्म के क्यों न हों, उनको तीर्थ यात्राएं करा रहे हैं. जिन बुजुर्गों को देखने वाला कोई नहीं है, उनका बेटा बनकर उनके लिए सारी व्यवस्थाएं कर रहे हैं.

राजेन्द्र पाल गैतम ने कहा पिछले दिनों में उत्तराखंड गया. वहां मैंने देखा कि ऐसे वृद्धाश्रम बने हुए, जो नौकरशाह और बड़े-बड़े पूंजीपति रहे हैं. उन्होंने कई करोड़ रुपए देकर अपने खुद के लिए वृद्धाश्रम बनवाए हैं. हम लोग किस दिशा में बढ़ रहे हैं कि अपने मां-बाप को भी सम्मान पूर्वक नहीं रख सकते. जो मां-बाप बच्चे को पैदा करता है. मां अपने बच्चे को साथ में सुलाती है. वह टॉयलेट कर देता है, तो मां उसको सूखे में सुलाती और खुद गीले में सो जाती है. खुद भूखी रहती है, लेकिन बच्चे को अच्छे से लालन-पालन करती है. उसी मां-बाप को जब जरूरत पड़ती है, तो वही बच्चे अपने मां-बाप का ध्यान नहीं रखते हैं, यह बेहद शर्मनाक है. कम से कम भारत की संस्कृति से यह बात मेल नहीं खाती है. 

इस सीनियर सिटिज़न होम में क्या है खास

ये सीनियर सिटिज़न होम 1550 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में पांच मंजिला बना है,
सीनियर सिटिज़न होम में 117 कमरे तैयार किये गये हैं,
खुली जगह के साथ मनोरंजन केंद्र,
चिकित्सा देखभाल यूनिट,
फिजियोथेरपी
आधुनिक रसोई और भोजन एरिया,
लिफ्ट की सुविधा,
पार्किंग की सुविधा,

बुजुर्गों के लिए उपलब्ध सेवाएं


निःशुल्क आवास भोजन, कपड़े और बिस्तर की सुविधा,
केस वर्क और परामर्श सेवाएं,
बुजुर्गों की चिकित्सा देखभाल,
टीवी, रेडियो, पुस्तकें और भजन-कीर्तन कार्यक्रमों के साथ अन्य मनोरंजन सुविधाएं,

सीनियर सिटीज़न होम में एंट्री के लिये क्या है ज़रूरी? 

संस्थान में दिल्ली के गरीब, निराश्रित और बुजुर्ग लोग प्रवेश ले सकते हैं, जिन की आयु 60 वर्ष या उससे अधिक है. जिनके पास भरण-पोषण के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं है या रख-रखाव के लिए कोई सदस्य नहीं है. जो किसी भी संक्रामक या संचारी रोगों से पीडित नहीं हैं.

प्रवेश की प्रक्रिया 

संस्थान में प्रवेश स्वैच्छिक आधार पर किया जाता है और ऐसे में प्रवेश के इच्छुक किसी भी व्यक्ति को कुछ दस्तावेजों व प्रमाणपत्रों के साथ समाज कल्याण विभाग मुख्यालय में सामाजिक सुरक्षा शाखा के उप निदेशक अथवा अधीक्षक (वरिष्ठ नागरिक निवास) को आवेदन करना होगा. आवेदन के साथ आयु प्रमाण पत्र, स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र, दिल्ली में निवास का प्रमाण-पत्र या अधिवास प्रमाण पत्र की कॉपी संलग्न करनी होगी. आवेदन प्राप्त होने पर अधीक्षक और कल्याण अधिकारी तुरंत पात्रता के मूल्यांकन के लिए प्रक्रिया पूरी करेंगे, ताकि यह पता लगाया जा सके कि आवेदक पात्रता आवश्यकताओं को पूरा करता है या नहीं. सामाजिक जांच रिपोर्ट, कल्याण अधिकारी द्वारा क्षेत्र का दौरा करने के बाद तुरंत अधीक्षक को प्रस्तुत करेंगे. अधीक्षक अपनी टिप्पणियों और सिफारिशों के साथ जांच किए गए आवेदनों को प्रदेश और निर्वहन समिति, जिला समाज कल्याण अधिकारी और अधीक्षक के समक्ष निर्णय के लिए रखेगा. इसके बाद आवेदकों को वरिष्ठ नागरिक निवास में रहने के लिए सूचित किया जाएगा.

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