अरविंद केजरीवाल ने फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' का फिर किया जिक्र, कहा - त्रासदी पर पैसा कमाना अपराध है
केजरीवाल ने आगे कहा कि, बताया जा रहा है कि अभी तक 200 करोड़ रुपए से ज्यादा पैसा कमा चुके हैं. किसी कौम के दर्द और त्रासदी पर पिक्चर बनाकर पैसा कमाया जाए, यह तो अपराध है.
दिल्ली सरकार की तरफ से शनिवार 25 मार्च को बजट पेश किया गया. जिसमें 5 साल में 20 लाख नौकरियों के अलावा कई तरह के ऐलान किए गए. बजट पेश होने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने इस बजट को लेकर जानकारी दी. लेकिन इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर फिल्म द कश्मीर फाइल्स का जिक्र कर दिया. उन्होंने अबकी बार कहा कि, जो 200 करोड़ रुपये की कमाई हुई है उसे कश्मीरी पंडितों के विकास पर खर्च किया जाए.
कश्मीर पंडितों पर सिर्फ राजनीति करती है बीजेपी - केजरीवाल
दरअसल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया ने केजरीवाल से कश्मीर फाइल्स को लेकर सवाल किया. जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि, पिछले 20 से 25 साल में, जब से कश्मीरी पंडितों का पलायन हुआ, जब से केंद्र में 13 साल भाजपा की सरकार रही, उसमें पिछले 8 साल से केंद्र में भाजपा की सरकार है. इस दौरान कश्मीरी पंडितों का एक भी परिवार क्या पुनर्वास हुआ है. एक भी कश्मीरी परिवार वापस कश्मीर नहीं गया. भाजपा ने उस पूरे मुद्दे पर केवल और केवल शुद्ध राजनीति की है. अब राजनीति करने के बाद अब वो कश्मीरी पंडितों के दर्द और त्रासदी के उपर एक पिक्चर बनाकर करोड़ों रुपए कमाना चाहते हैं.
केजरीवाल ने आगे कहा कि, बताया जा रहा है कि अभी तक 200 करोड़ रुपए से ज्यादा पैसा कमा चुके हैं. किसी कौम के दर्द और त्रासदी पर पिक्चर बनाकर पैसा कमाया जाए, यह तो अपराध है. यह सही नहीं है. देश यह बर्दाश्त नहीं करेगा. हमारी दो ही मांग हैं. इस पिक्चर को यू-ट्यूब पर डालो, ताकि सारा देश कश्मीरी पंडितों के दुख को देख सके और दूसरा यह कि जितना भी पैसा आपने कमाया है, यह सारा पैसा कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए खर्च किया जाना चाहिए और तीसरा कि अब ठोस कदम उठाए जाएं. ताकि कश्मीरी पंडित वास्तव में अपने घर को लौट सकें.
एमसीडी बिल को कोर्ट में चुनौती देने की बात
इस दौरान केजरीवाल ने दिल्ली में एमसीडी चुनावों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि, एमसीडी का जो बिल है, वो केवल चुनाव को स्थगित करने के लिए लाया गया है. उस पूरे बिल के अंदर मोटे तौर पर दो ही बातें हैं. एक तो यह है कि 272 वार्ड को घटाकर 250 कर दिए. इससे क्या फायदा हुआ. इसका कोई तर्क नहीं है. क्यों किया, किसलिए किया गया. इससे अब परिसीमन होगा. अगर परिसीमन हुआ, तो साल दो साल चुनाव नहीं होगा. दूसरा कि पूरा का पूरा एमसीडी अब केंद्र सरकार चलाएगी. यह तो संविधान के खिलाफ है. एक बार बिल आ जाए, तो हम स्टडी करेंगे और जरूरत हुई तो कोर्ट में चुनौती देंगे.
ये भी पढ़ें -
Delhi Budget: BJP का बजट पर वार- किसानों, दिव्यांगों और पेंशनधारियों के लिए सरकार के हाथ खाली
सीएम योगी ने अधिकारियों से मांगे ये तीन प्लान, जानिए क्या करने जा रही यूपी सरकार