Arvind Kejriwal On Centre: सीएम अरविंद केजरीवाल बोले- हम केंद्र के साथ काम करने को तैयार
Delhi CM On Freebies: सीएम केजरीवाल ने कहा, 'हम स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए केंद्र के साथ काम करने को तैयार हैं. मैं केंद्र से अपील है कि इसे मुफ्त की रेवड़ी कहना बंद करें.'
Arvind Kejriwal on Free Scheme: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने मंगलवार को केंद्र सरकार से अपील की कि वह दिल्ली सरकार की स्पेशलाइजेशन का इस्तेमाल पूरे भारत में स्कूली शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए करें, ताकि भारत को दुनिया में नंबर एक देश बनाया जा सके. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की केंद्र सरकार से फ्री शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को 'मुफ्त की रेवड़ी' ना कहने का भी आग्रह किया.
बीजेपी (BJP) ने केजरीवाल पर सरकार में आने के लिए लोगों को फ्री सेवाओं का 'झांसा' देने का आरोप लगाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पिछले महीने ही उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करने के बाद लोगों को 'रेवड़ी कल्चर' को लेकर सर्तक रहने की हिदायत दी थी और कहा था कि यह देश के विकास के लिए ' बेहद घातक है.'
हर बच्चे को देशभर में अच्छी और फ़्री शिक्षा मिले, हर व्यक्ति को अच्छा और फ़्री इलाज मिले - हमें अब इस कार्य में युद्धस्तर पर लग जाना चाहिए। तभी भारत नम्बर वन देश बनेगा। https://t.co/oAj9TmQH0d
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 16, 2022
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने क्या कहा?
सीएम केजरीवाल ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'हम स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए केंद्र के साथ काम करने को तैयार हैं. मैं केंद्र से अनुरोध करता हूं कि इसे मुफ्त की रेवड़ी कहना बंद करें.' दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक ने कहा कि बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए बड़ी संख्या में सरकारी स्कूल खोलने, उनमें सुधार करने, गेस्ट टीचरों को पक्का करने, अध्यापकों को ट्रेनिंग देने की जरूरत है. तभी भारत एक 'समृद्ध देश' बन सकता है. यह सब पांच साल में हो सकता है. हमने यह करके दिखाया है.
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आगे कहा कि गरीब परिवार के लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में ही भेज सकते हैं और यह आवश्यक है कि उनके हालात सुधरें. उनका कहना कि अगर एक मामूली पृष्ठभूमि से नाता रखने वाले बच्चे को सरकारी स्कूल में अच्छी शिक्षा मिलेगी तो वह एक चिकित्सक, इंजीनियर या उद्योगपति बन सकता है जिससे उनके परिवार की आर्थिक हालत में सुधार होगा. इससे उनके परिवार को गरीबी से बाहर निकलने में मदद मिलेगी और देश भी समृद्ध बनेगा.
सीएम केजरीवाल ने जानकारी दी कि 17 करोड़ बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं. हमने दिल्ली में यह करके दिखाया है. हमने दिल्ली में सरकारी अस्पतालों को बेहतर बनाया है. हम हर एक दिल्लीवासी के स्वास्थ्य पर औसतन दो हजार रुपये खर्च कर रहे हैं.
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