अरविंद केजरीवाल बोले- निर्भया के दोषियों को जल्द फांसी हो, पूरे देश की तरह हम भी यही चाहते हैं
निर्भया गैंगरेप मामले को लेकर सड़क से लेकर संसद तक हंगामा हुआ. को छह गुनहगारों ने देश की बेटी निर्भया के साथ जो किया, वह रुह कंपा देने वाला था.
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया गैंगरेप मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. तब से इस मामले के दोषियों को लगातार फांसी देने की मांग होती रही है. इसी कड़ी में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को मांग की कि 2012 में निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या करने वाले दोषियों को जल्द से जल्द फांसी दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा, "देश की तरह हम भी चाहते हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द फांसी दी जाए. सभी लंबित औपचारिकताओं को तेजी से पूरा किया जाना चाहिए."
दिल्ली सरकार ने इस महीने की शुरुआत में मामले में एक दोषी की ओर से दायर की गई दया याचिका को खारिज करने की पुरजोर सिफारिश की थी.
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में 13 दिसंबर को निर्भया मामले की सुनवाई टल गई. दोषियों की जल्द फांसी के लिए अभी और इंतजार करना होगा. कोर्ट अब इस मामले पर 18 दिसंबर दोपहर 2 बजे सुनवाई करेगा. दिल्ली की तिहाड़ जेल में चारों दोषी बंद हैं. निर्भया की मां ने चारों दोषियों के लिए जल्द से जल्द फांसी की मांग की है. निर्भया की मां का कहना है कि यह दोषी सुप्रीम कोर्ट से तक फांसी की सजा सुनाए जाने के बावजूद अभी भी जेल में ही बंद है.
16 दिसंबर, 2012 की शाम दक्षिणी दिल्ली के मुनीरका बस स्टॉप पर एक खाली प्राइवेट बस में अपने दोस्त के साथ चढ़ी 23 वर्षीय पैरा मेडिकल छात्रा के साथ छह लोगों ने चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया और क्रूरता की सारी हदें पार करने के बाद उसे और उसके दोस्त को महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिया था. पीड़ता का इलाज पहले सफदरजंग अस्पताल में चला, उसके बाद बेहतर इलाज के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने उसे सिंगापुर भेजा था. वारदात के तेरहवें दिन पीड़ता ने दम तोड़ दिया.
इस मामले में सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. उनमें से एक नाबालिग था और एक आरोपी ने तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर ली. अब बाकी बचे चार दोषियों को फांसी दी जानी है, जिसकी तैयारी चल रही है.
‘कानून’ नहीं होने दे रहा दोषियों को फांसी?
दरअसल तिहाड़ जेल में निर्भया के तीन आरोपियों ने अलग-अलग जगह पर अपनी कानूनी याचिकाएं दायर की हुई है. इनमें पवन शर्मा ने अपनी उम्र को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. वहीं एक आरोपी विनय शर्मा ने पहले तो राष्ट्रपति के यहां दया याचिका दायर की, लेकिन बाद में उसने दया याचिका वापस लेने की मांग की. तीसरे आरोपी अक्षय ने सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटिशन दाखिल किया है, जिस पर 17 दिसंबर को सुनवाई होगी. दिलचस्प बात यह है कि अभी चौथे आरोपी की तरफ से कोई दया याचिका नहीं लगाई गई है. यानी कानून से मिले अधिकारों का इस्तेमाल करके आरोपी खुद को बचाने की कोशिश में लगे हुए हैं.
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