Arvind Kejriwal Meets PM Narendra Modi: 'भारत की जी-20 अध्यक्षता' को लेकर सोमवार (5 दिसंबर) को संपन्न हुई सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting) से इतर विपक्षी नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की जो तस्वीरें सामने आई हैं, वे सुर्खियां बटोर रही हैं. ऐसी ही एक तस्वीर पीएम मोदी और दिल्ली की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की है. गुजरात-एमसीडी चुनाव (Gujarat-MCD Elections 2022), सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain ) और सिसोदिया (Manish Sisodia) पर तल्खी के बीच यह तस्वीर अहम है.
तस्वीर में चार लोग हैं लेकिन तीन बड़ी हस्तियां ऐसी हैं जिनकी हर गतिविधि से देश के मूड पर फर्क पड़ता है. पीएम मोदी और अरविंद केजरीवाल के अलावा पास में ही पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) भी दिखाई दे रही हैं.
बेहद विनम्रता से केजरीवाल के पेश होने के मायने क्या हैं?
भाषा के लिपि में आने से पहले बॉडी (शरीर) के माध्यम से इसे आदिकाल से समझा जा रहा है, संवाद किया जा रहा है, इसलिए अंग्रेजी का टर्म 'बॉडी लैंगुएज' आया जिसे शारीरिक भाषा कह सकते हैं. राजनीतिक जगत में भी बॉडी लैंगुएज बहुत मायने रखती है, इससे नेताओं की मंशा का अंदाजा लगता है.
तस्वीर में सीएम केजरीवाल जिस तरह से पीएम मोदी के सामने हाथ जोड़े नजर आ रहे हैं, यह लोकाचार, सदाचार और विनम्र आचरण को दर्शाता है लेकिन जिस तरह से पीएम मोदी, बीजेपी नीत केंद्र सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को लेकर केजरीवाल और उनके नेताओं की ओर से पिछले दिनों बयान आए हैं, उसने उनके तल्ख रवैये को सामने रखा है.
कथित दिल्ली आबकारी घोटाले को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और अन्य के खिलाफ सीबीआई और ईडी की जांच चल रही है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद हैं. हाल में जेल में कथित मसाज लेते हुए जैन के वीडियो वायरल होने पर बीजेपी ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी और सीएम केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा है.
गुजरात की सत्ता पर 27 साल से काबिज बीजेपी के किले को भेदने के लिए इस बार केजरीवाल ने सबसे सक्रिय चुनाव लड़ा है, लगभग सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारे. केजरीवाल कहते आए हैं कि दिल्ली में बीजेपी आम आदमी पार्टी की सरकार को काम नहीं करने दे रही है. शायद ही कोई मौका हो जब बीजेपी भी केजरीवाल और उनकी सरकार को घेरने चूकी हो. इन सभी परिस्थितियों के चलते तस्वीर में मुस्कराते हुए नजर आ रहे चेहरों का मतलब क्या है?
केजरीवाल के इस तरह हाथ जोड़े होने के तीन कारण
पीएम मोदी के सामने सीएम केजरीवाल के इस तरह हाथ जोड़कर पेश आने की तीन वजह हो सकती हैं, हालांकि, यह सिर्फ अंदाजा है, दावा नहीं. पहली यह कि केजरीवाल अंदर से पीएम मोदी के विशाल व्यक्तित्व को स्वीकार करते हैं और निजी पलों में राजनीतिक मुद्दों को किनारे रख आदर देने के सर्वोच्च मानदंडों का पालन करते हुए आचरण करते हैं.
मोदी के व्यक्तित्व का रिपोर्ट कार्ड
देखा जाए तो कार्यकर्ताओं की संख्या के हिसाब से बीजेपी को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कहा जाता है और पीएम मोदी विपक्ष की ओर से उठाए जाने वाले मुद्दों में न अटकते हुए 2014 से देश का प्रतिनिधित्व न केवल घरेलू, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर सफलतापूर्वक कर रहे हैं. 72 वर्ष की उम्र में निगम चुनाव से लेकर आम चुनाव तक उनकी सक्रियता लोगों को आकर्षित करती है. वह कभी बीमार नहीं पड़ते हैं और बिना रुके अपनी राजनीति और देश को चला रहे हैं.
उनके भाषण की कला विशाल जनसमूह से वाहवाही लूटती है. विपक्ष उन पर हिंदू धुव्रीकरण करने का आरोप लगाता आया है लेकिन राजनीतिक नजरिये से देखा जाए तो बहुसंख्यकों के समर्थन को बीजेपी वोट बदलने में कामयाब रही है.
दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप और उनके भी पहले बराक ओबामा पीएम मोदी से प्रभावित रहे हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध की परिस्थितियों में भारत के तटस्थ रवैये ने पीएम मोदी की छवि चमकाई है. इसमें पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान की मोदी को लेकर तारीफें भी शामिल हैं जो उन्होंने अपने ही देश की सरकार पर निशाना साधने के लिए कीं.
परफॉर्मेंस और प्रोडक्टिविटी जानते हैं केजरीवाल!
वहीं, हाल में बाली में आयोजित हुए जी-20 शिखर सम्मेलन का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें बाइडेन खुद चलकर पीएम मोदी के पास आकर उनसे हाथ मिलाते हुए दिखे थे. इन सभी बिंदुओं के हवाले से माना जा सकता है कि राजनीतिक कटुता से इतर केजरीवाल व्यक्ति के व्यक्तिगत रिपोर्ट कार्ड यानी परफॉर्मेंस को तवज्जो देते हैं क्योंकि राजनीति में आने से पहले केजरीवाल ने भी एक नौकशाह थे और उन्होंने परफॉर्मेंस का महौल देखा है. 2006 में केजरीवाल ने भारतीय राजस्व सेवा के संयुक्त आयुक्त के पद से इस्तीफा दिया था, इसलिए परफॉर्मेंस और प्रोडक्टिवी जैसी कसौटी से भलिभांति परिचित हैं.
महत्वाकांक्षा के मुताबिक 'आप' को खड़ा करना बाकी
सबसे बढ़कर, केजरीवाल ने राजनीतिक करियर की शुरुआत में वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था, जिसके नतीजे उनके पक्ष में नहीं आए थे. जानकारों ने मोदी का विकल्प बताकर केजरीवाल की महत्वाकांक्षाओं को बल दिया था लेकिन केजरीवाल 'आप' की उम्मीद के मुताबिक, सत्ता में वर्चस्व कायम नहीं कर पाए हैं. अभी तक उन्हें दो राज्यों में ही सफलता मिली है- एक दिल्ली और दूसरा पंजाब. पीएम मोदी उनके रास्ते में एक बड़े पर्वत की भांति नजर आते हैं. ऐसे में पीएम मोदी के सामने केजरीवाल का इतना विनम्र होना स्वाभाविक है.
पीएम के सामने हाथ जोड़ने का दूसरा कारण
दूसरा कारण यह हो सकता है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों को उनके स्तर पर स्वतंत्रता मिली हुई है लेकिन केंद्र के दखल के आरोप गाहे-बगाहे विपक्ष की ओर लगाए जाते रहे हैं. केजरीवाल के मंत्री सत्येंद्र जैन पिछले करीब सात महीने से जेल में हैं और लगातार जमानत के लिए संघर्ष कर रहे हैं. हाल में निचली अदालत से जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में अपील की है, जिसे लेकर कोर्ट ने ईडी से जवाब भी मांगा है.
वहीं, आम आदमी पार्टी में केजरीवाल के बाद दूसरे सबसे ताकतवर नेता मनीष सिसोदिया कथित आबकारी घोटाले को लेकर एजेंसियों की जांच का सामना कर रहे हैं. ऐसा लग सकता है कि जी-20 की ऑल पार्टी मीटिंग से इतर जब मौका मिला तो केजरीवाल ने राजनीतिक सुचिता का परिचय तो दिया लेकिन अति विनम्रता इसलिए दिखाई ताकि पीएम मोदी एजेंसियों के जरिये कथित कठोरता से पेश न आएं, जरूरी नरमी बनाए रखें और राजनीति चलती रहे.
तीसरा कारण यह तो नहीं?
तीसरा कारण हो सकता है कि केजरीवाल जानते हैं कि तस्वीरें जनता के सामने आती हैं. कल के दिन वह कह सकें कि मोदी से उन्हें दिक्कत नहीं है, उनकी नीतियों से दिक्कत है, वह तो आम आदमी है, इसलिए आम आदमी की तरह ही प्रधानमंत्री के सामने पेश आते हैं ताकि मोदी समर्थकों की सहानुभूति भी हासिल करने में वह (केजरीवाल) कामयाब रहें.
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