Delhi Ordinance: केंद्र के अध्यादेश की प्रतियां जलाकर विरोध जताएंगे CM अरविंद केजरीवाल, ये है पूरा प्लान
Delhi Ordinance Row: आम आदमी पार्टी एक बार फिर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ सड़क पर उतरने की तैयारी कर रही है.
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Delhi Ordinance Bill: दिल्ली सरकार की शक्तियों को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ अब आम आदमी पार्टी एक बार फिर सड़क पर उतरने की तैयारी कर रही है. AAP के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार (30 जून) को पार्टी मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करके इस अध्यादेश के खिलाफ सड़क पर विरोध करने की विस्तृत जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि 3 जुलाई को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सभी मंत्रियों और विधायकों के साथ मिलकर पार्टी मुख्यालय पर केंद्र के अध्यादेश की प्रतियां जलाकर विरोध जताएंगे. इसके बाद 5 जुलाई को सभी विधानसभाओं में और 6 से 13 जुलाई तक दिल्ली के हर मोहल्ले, गली और चौराहे पर काले अध्यादेश की प्रतियां जलाई जाएंगी.
केंद्र ने दिल्ली के साथ धोखा किया है- सौरभ भारद्वाज
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के लोग इस काले अध्यादेश से खुश नहीं हैं और केंद्र सरकार ने दिल्ली के साथ धोखा किया है. इससे दिल्ली वाले बहुत नाराज हैं. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एलजी के जरिये बीजेपी असंवैधानिक तरीके से दिल्ली पर कब्जा करना चाहती है. अब तो बीजेपी के कट्टर समर्थक भी केंद्र के काले आध्यादेश के विरोध में हैं.
'बीजेपी-केंद्र सरकार दिल्लीवालों से बदला लेना चाहती है'
AAP के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली की जनता ने पहली बार 2013 में अरविंद केजरीवाल को अपना मुख्यमंत्री चुना. फिर 2015 में दोबारा 70 में से 68 सीटें देकर और 2020 में तीसरी बार 70 में से 62 सीटें देकर दिल्लीवालों ने अरविंद केजरीवाल को अपना मुख्यमंत्री चुना. कहा जा सकता है कि देश के सबसे प्रसिद्ध मुख्यमंत्रियों में हमेशा अरविंद केजरीवाल का नाम शुमार होता रहा है. बीजेपी ने अपने पूरे केंद्रीय नेतृत्व के साथ मिलकर तीनों चुनावों में पूरा जोर लगाया, मगर दिल्ली में उनकी करारी हार हुई. अब बीजेपी और केंद्र सरकार दिल्लीवालों से बदला लेना चाहती है.
'इससे केंद्र सरकार को बहुत कष्ट होता है'
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल की सरकार दिल्ली की जनता को मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी, मुक्त विश्व स्तरीय शिक्षा व्यवस्था, वर्ल्ड क्लास स्कूल, अस्पतालों और मोहल्ला क्लिनिक में मुफ्त दवा और इलाज, महिलाओं की मुफ्त बस यात्रा, बुजुर्गों के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा समेत हर तरीके की सुविधाएं दे रही है, मगर इससे भी केंद्र सरकार को बहुत कष्ट होता है. किसी राज्य में बीजेपी के मंत्री जाते हैं तो वहां लोग कहते हैं कि हमें अरविंद केजरीवाल जैसी सरकार चाहिए. जब केंद्र सरकार के सारे हथकंडे चुनावों में फेल हो गए तो अब ये एलजी के माध्यम से किसी भी तरह दिल्ली पर एक गैरकानूनी कब्जा करना चाहते हैं. यह काला अध्यादेश उसी गैरकानूनी कब्जे का तरीका है.
'केजरीवाल सही कहते थे कि ये...'
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि देश की सबसे बड़ी कोर्ट के 5 जजों की संवैधानिक पीठ ने फैसला लिया है कि अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार का है. इसे लेकर साढ़े 8 साल तक आम आदमी पार्टी ने लड़ाई लड़ी. अरविंद केजरीवाल सही कहते थे कि ये अधिकार दिल्ली की चुनी हुई सरकार के हैं मगर केंद्र सरकार और बीजेपी दिल्लीवालों से झूठ कहती थी. ये अधिकार हमेशा से संविधान में दिल्ली की चुनी हुई सरकार को मिले थे. केंद्र ने उनके ऊपर जबरदस्ती कब्जा किया हुआ था. जिस दिन सुप्रीम कोर्ट छुट्टी पर गया, उसी रात यह अध्यादेश लाकर दिल्लीवालों से, अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी से बदला लिया गया.
'बीजेपी के कट्टर समर्थक भी मानते हैं...'
उन्होंने कहा कि आज दिल्ली के अंदर बीजेपी के कट्टर समर्थक भी इस बात को कह रहे हैं कि केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर ठीक नहीं किया. यह एक तरह से दिल्लीवालों के साथ धोखा हुआ है. आज दिल्ली में गरीब से लेकर मिडल क्लास और बच्चों से लेकर युवाओं तक यही कह रहे है कि केंद्र सरकार के काले अध्यादेश का हर तरह से विरोध किया जाना चाहिए.
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि आम आदमी पार्टी दिल्ली वालों के साथ मिलकर इस अध्यादेश का विरोध एक तय कार्यक्रम के अनुसार शुरू करने जा रही है. जिसमें सबसे पहले 3 जुलाई को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सभी कैबिनेट मंत्री और 'आप' के विधायक दल के साथ मिलकर आम आदमी पार्टी मुख्यालय में केंद्र सरकार के अध्यादेश की प्रतियों को जलाएंगे.
उन्होंने कहा कि इसके बाद 13 जुलाई तक दिल्ली के हर गली-मोहल्ले, कॉलोनी- सेक्टर, चौराहे-सड़कों और कोने-कोने में इस अध्यादेश की प्रतियों को जलाया जाएगा. इस दौरान दिल्ली में आम आदमी पार्टी के सभी उपाध्यक्ष सुनिश्चित करेंगे कि दिल्ली के हर मंडल पर इस काले अध्यादेश की प्रतियों को जलाया जाए.
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