दिल्ली में घर-घर राशन डिलीवरी योजना को उप-राज्यपाल अनिल बैजल की तरफ से हरी झंडी नहीं मिलने के बाद दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी एक दूसरे के ऊपर सियासी वार पलटवार कर रही है. वहीं दूसरी तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसको लेकर मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है. इसमें केजरीवाल ने कहा कि लोग ये पूछ रहे हैं कि अगर पिज्जा, बर्गर और स्मार्ट फोन की होम डिलीवरी हो सकती है तो फिर राशन की क्यों नहीं हो सकती.
'दिल्ली ही नहीं देश में होनी चाहिए घर-घर राशन डिलीवरी'
सीएम केजरीवाल ने आगे लिखा है, “ये कोरोना का कठिन समय है. कई लोग कोरोना के डर से राशन लेने नहीं जाते क्योंकि राशन की दुकान पर भीड़ लगती है. ये सब गरीब लोग हैं. कई लोगों ने कोरोना-काल में नौकरी भी खो दी है. उनके घर में खाने को नहीं है. अगर हम इन्हें इनके घर राशन पहुंचाना चाहते हैं तो इसमें आपत्ति क्यों है? मुझे लगता है कि कोरोना काल में केवल दिल्ली में ही नहीं बल्कि पूरे देश में घर-घर राशन पहुंचाने की ये योजना लागू करनी चाहिए.”
दिल्ली सीएम ने लिखा कि मैं हाथ जोड़कर दिल्ली के 70 लाख गरीबों की ओर से आपसे विनती करता हूं कि इस योजना को मत रोकिए, ये राष्ट्रहित में है, इसे होने दीजिए. आज तक राष्ट्रहित के सभी कामों में मैंने आपका साथ दिया. मैंने हमेशा कहा है कि राष्ट्रहित के किसी भी कम में राजनीति होनी चाहिए. अगर कोई विपक्षी पार्टी की सरकार भी राष्ट्रहित में कोई काम करती है तो हम हमेशा उसका साथ देंगे.
'दिल्ली सरकार योजना में बदलाव को है तैयार'
केजरीवाल ने कहा- अभी तक की सरकारों ने देश के गरीब लोगों को 75 साल राशन की लाइन में खड़ा रखा. इन्हें और अगले 75 साल राशन की लाइनों में खड़ा मत कीजिए सर. ये लोग मुझे और आपको कभी माफ नहीं करेंगे. केन्द्र सरकार इस योजना के तहत जो बदलाव करवाना चाहती है उसके लिए हम तैयार है.
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