नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस की 74वीं वर्षगांठ के अवसर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देश के नाम सम्बोधन दिया. इस संबोधन में अरविंद केजरीवाल ने स्वतंत्रता दिवस पर देशवासियों को प्रतिज्ञा लेने की अपील करते हुए कहा एक ऐसे भारत के निर्माण करें जो हमारे अमर शहीदों के सपनों का भारत हो.


अरविंद केजरीवाल ने तीन मुख्य बातों पर प्रण लेने की अपील की-


पहला प्रण, जीवन में कोई भ्रष्टाचार नहीं करेंगे. न रिश्वत लेंगे न रिश्वत देंगे. रिश्वत लेना, रिश्वत देना और भ्रष्टाचार देश और भारत माता के साथ गद्दारी है. और उन सैनिकों के साथ गद्दारी है, जो बॉर्डर पर अपनी जान कुर्बान करते हैं. यह उनके साथ गद्दारी है, जिन्होंने देश को आज़ाद कराने के लिए जान दी. यह भगत सिंह, चंद्रशेखर, सुभाष चंद्र बोस के साथ गद्दारी है.


दूसरा प्रण प्रदूषण को लेकर है...


अरविंद केजरीवाल ने कहा हमें प्रण लेना चाहिए कि हम ऐसा कोई काम नहीं करेंगे, जिससे जल या वायु का प्रदूषण फैले. अगर हम आज अपनी धरती को प्रदूषित करते हैं, तो न सिर्फ हम अपने देशवासियों की जान के साथ खेल रहे हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ी की जान भी दांव पर लगा रहे हैं.


तीसरा प्रण अपने देश को साफ सुथरा रखना है...


अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब हम सड़क पर निकलते हैं तो 2 मिनट के लिए भी नहीं सोचते कुछ खाकर कूड़ा सड़क पर ही फेंक देते हैं. यह सड़क भी तो अपनी है. अपने घर में नहीं फेंकते, अपने ड्रॉइंग रूम में नहीं फेंकते, लेकिन सड़क पर फेंक देते हैं. हमें अपने देश को साफ सुथरा रखना होगा.


मुख्यमंत्री ने कहा आज 15 अगस्त को हमें इन तीनों का प्रण लेना है, तभी हम सोच सकते हैं, हम उन लोगों की कुर्बानी को अच्छे तरीके से याद कर रहे हैं, जिन्होंने हमें आजादी दिलाई.


कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर किया दिल्ली मॉडल का जिक्र


कोरोना काल का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली मॉडल का भी जिक्र किया और राजधानी में कोरोना कैसे काबू में आ रहा है, इसे लेकर अपनी बात रखी. केजरीवाल ने कहा कि मुझे डर है कि अगर यह गांव गांव में फैल गया, तो देश के अंदर विकराल रूप धारण कर सकता है, इसलिए हर गांव के अंदर ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन का सिलेंडर पहुंचाया जाना चाहिए. हर गांव में टेस्टिंग की सुविधा शुरू की जानी चाहिए. ऐसे में कोई बीमार होता है, तो उसे आसानी से ऑक्सीजन मिल सकती है, अगर कम लक्षण है, तो घर पर इलाज हो सकता है और ज्यादा बीमार होता है, तो उसे अस्पताल भेजा जा सकता है. ऐसा करने से हर गांव में कोरोना पर नियंत्रण की सुविधा तैयार हो जाएगी और अस्पतालों पर दबाव कम हो जाएगा.


यह समय एक दूसरे की या किसी सरकार की बुराई करने का नहीं है, एक दूसरे से लड़ने का नहीं है. यह समय है, सबको साथ मिलकर कोरोना से लड़ने का. मिलकर लड़ेंगे तो कोरोना हारेगा, आपस में लड़ेंगे, तो कोरोना जीत जाएगा.


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