Delhi Coal Shortage: दिल्ली में कोयले की कमी ने बढ़ाई सरकार की चिंता, सत्येंद्र जैन ने केंद्र से मांगी मदद
नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरशन के दादरी-II और झज्जर पॉवर प्लांट्स मुख्य रूप से दिल्ली में बिजली की आवश्यकता को पूरा करने के लिए स्थापित किए गए थे. लेकिन इन पॉवर प्लांट्स में कोयले का बेहद कम स्टॉक बचा है.
Delhi Coal Shortage: दिल्ली में कोयले की कमी के गहराते संकट के बीच दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने चिंता जाहिर की है. इसे लेकर गुरुवार को दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) ने दिल्ली सचिवालय में एक आपातकालीन बैठक की. साथ ही केंद्र सरकार को पत्र लिखकर राजधानी दिल्ली को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों के लिए पर्याप्त कोयला देने के लिए केंद्र से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया. ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि बिजली आपूर्ति करने वाले विभिन्न थर्मल स्टेशनों में इस समय कोयले की बहुत ज्यादा कमी है.
नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (NTPC) के दादरी-II और झज्जर (अरावली) दोनों पॉवर प्लांट्स मुख्य रूप से दिल्ली में बिजली की आवश्यकता को पूरा करने के लिए स्थापित किए गए थे. लेकिन इन पॉवर प्लांट्स में कोयले का बेहद कम स्टॉक बचा है.
दिल्ली मेट्रो और अस्पतालों में बिजली आपूर्ति में आ सकती है दिक्कत
वक्त रहते कदम नहीं उठाया गया तो दिल्ली मेट्रो और अस्पतालों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति में दिक्कत आ सकती है. दिल्ली में दादरी-II,ऊंचाहार, कहलगांव, फरक्का और झज्जर पावर प्लांट से प्रतिदिन 1751 मेगावाट बिजली की आपूर्ति होती है.
दिल्ली को दादरी-II पावर स्टेशन से सबसे ज्यादा 728 मेगावाट, जबकि ऊंचाहार पावर स्टेशन से 100 मेगावाट बिजली की आपूर्ति होती है. ऐसे में इन दोनों पावर स्टेशन से विद्युत आपूर्ति बाधित होने से दिल्ली मेट्रो और अस्पताल समेत कई आवश्यक संस्थानों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति में दिक्कत आ सकती है.
पावर प्लांट का नाम और इसमें कितने दिनों के लिए कोयले का स्टॉक बचा है.
1. दादरी- II में एक दिन का स्टॉक बचा है
2. ऊंचाहार में दो दिनों का स्टॉक बचा है
3. कहलगांव में साढ़े तीन दिनों का स्टॉक बचा है
4. फरक्का में 5 दिनों का स्टॉक बचा है
5. झज्जर (अरावली) में 7-8 दिनों का स्टॉक बचा है
केंद्र सरकार से मामले में दखल देने की अपील
सत्येंद्र जैन ने कहा कि राजधानी के कुछ इलाकों में लोगों को बिजली के संकट का सामना न करना पड़े, इसके लिए दिल्ली सरकार स्थिति पर निगरानी बनाए हुए है और स्थिति से निपटने का हर संभव प्रयास कर रही है. वर्तमान में कोयले की कमी से जूझ रहे इन पॉवर स्टेशन के जरिए दिल्ली में 25% से 30% की बिजली की मांग को पूरा किया जा रहा है.
दिल्ली के कुछ हिस्सों में ब्लैक आउट से बचने के लिए और डीएमआरसी, अस्पतालों और आगामी गर्मी के मौसम में बिजली की निरंतर आपूर्ति के लिए इन पावर स्टेशनों की अहम भूमिका रहती है. ऐसे में दिल्ली को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों में कोयले की उचित व्यवस्था होती रहे, इसके लिए केंद्र सरकार से मामले में दखल देने की अपील की है. ताकि केंद्र सरकार पर्याप्त कोयले की आपूर्ति का प्रबंधन करें और दिल्ली वालों को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति करने में कोई बाधा ना आए.
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