टूलकिट मामले में गिरफ्तार जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को लेकर दिल्ली महिला आयोग ने मंगलवार को डीसीपी, साइबर क्राइम सेल और दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजा है. आयोग की तरफ से पुलिस से कहा गया है कि वे एफआईआर की कॉपी उलब्ध कराएं. इसके साथ ही, दिल्ली महिला आयोग ने कारण पूछा है कि आखिर ट्रांजिट रिमांड पर दिशा रवि को लेने से पहले क्यों नहीं उसे स्थानीय अदालत में पेश किया गया.


उधर, दिल्ली के पुलिस आयुक्त ने दिशा रवि की गिरफ्तारी को लेकर कहा कि यह सब प्रक्रिया के तहत की गई है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा- "जहां तक दिशा रवि की गिरफ्तारी का सवाल है तो ये प्रक्रिया के तहत की गई है. कानून 22 वर्ष और 50 साल के आयुवर्ग के बीच कोई भेद नहीं करता है. दिशा रवि को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गय है. यह गलत है जब लोग कहते हैं कि उसकी गिरफ्तार में कुछ खामियां हुई हैं."





उधर, ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलन के समर्थन में एक टूलकिट शेयर करने के बाद उसे डिलीट कर दिया था क्योंकि उस टूलकिट में देश विरोधी कंटेट थे. इस टूलकिट को लेकर ग्रेटा थनबर्ग और दिशा रवि के बीच व्हाट्स ऐप पर जो बातचीत हुई थी वो सामने आ गई है.


दिशा रवि की व्हाट्सएप चैट आई सामने


इस चैट में दिशा ग्रेटा को टूलकिट शेयर नहीं करने के लिए कह रही है. दिशा ने ग्रेटा को ये बताया है कि हमलोगों के खिलाफ UAPA कानून के तहत कार्रवाई हो सकती है. ABP न्यूज के पास चैट की पूरी कॉपी मौजूद है. दोनों के बीच करीब बीस मिनट तक व्हाट्सऐप पर बातचीत होती रही. इस चैट में दिशा ने ग्रेटा थनबर्ग को ये भी भरोसा दिया कि उस पर कोई आंच नहीं आएगी.


दिल्ली पुलिस का कहना है कि उसके पास पूरे सबूत हैं. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि दिशा रवि ने टूल किट डॉक्यूमेंट को तैयार करने और उसे वायरल करने में अहम भूमिका निभाई थी. उसने व्हाट्सएप ग्रुप शुरू किया था और टूल किट तैयार करने में सहयोग किया था और ड्राफ्ट तैयार करने वालों के साथ जुड़कर काम कर रही थी. दिल्ली पुलिस के मुताबिक दिशा रवि खालिस्तान समर्थक पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के सहयोग से देश के खिलाफ असंतोष का माहौल बनाने का काम कर रही थी. दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि का मोबाइल फोन बरामद कर लिया है.


टूलकिट क्या है ?
डिजिटल हथियार, जिसका इस्तेमाल सोशल मीडिया पर आंदोलन को हवा देने के लिए होता है. पहली बार अमेरिका में ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन के दौरान इसका नाम सामने आया था. इसके जरिए किसी भी आंदोलन को बड़ा बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों जोड़ा जाता है. इसमें आंदोलन में शामिल होने के तरीकों को बारे में सिलसिलेवार ढंग से बताया जाता है.


ये भी पढ़ें: Toolkit Case: टूलकिट अपलोड होने के ठीक बाद दिशा ने ग्रेटा से की थी बात, दोनों के बीच व्हाट्सएप चैट आयी सामने