Delhi Election: कांग्रेस प्रत्याशी अलका लांबा पोलिंग बूथ पर भिड़ीं, AAP कार्यकर्ता को मारा थप्पड़
2015 की तरह 2020 में भी चांदनी चौक सीट पर कांग्रेस नेता और कांग्रेस के पूर्व नेता के बीच मुख्य मुकाबला है.बताया जा रहा है कि अलका लांबा के कांग्रेस चुनाव चिह्व का बैज लगाने पर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आपत्ति की थी.
नई दिल्ली: चांदनी चौक विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार अलका लांबा ने आरोप लगाया है कि मजनू का टीला सर्वोदय कन्या विद्यालय बूथ पर एक लड़के ने उनके साथ बदतमीजी की. लांबा का आरोप है कि वो लड़का आप के उम्मीदवार प्रहलाद सिंह के बेटे के साथ था. बताया जा रहा है कि अलका लांबा के कांग्रेस चुनाव चिह्व का बैज लगाने पर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आपत्ति की थी. इसी दौरान एक लड़के ने अलका को लेकर कथित तौर पर कुछ अभद्र टिप्पणी की जिसके बाद अलका को गुस्सा आ गया और उनका हाथ उठ गया. इसके बाद हल्की झड़प जैसी स्थिति बन गई जिसे पुलिस ने काबू किया.
घटना पर अलका लांबा ने एबीपी न्यूज़ को फोन पर बताया कि अभद्र टिप्पणी करने वाला आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता था. पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है और वोटिंग के बाद वो एफआईआर करवाएंगी. उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी अभद्र टिप्पणी करने वाले को बचा रही है.
बता दें कि आम आदमी पार्टी ने चांदनी चौक सीट से कांग्रेस के पूर्व नेता प्रहलाद सिंह को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने आप के टिकट पर 2015 में इलाके से विधायक बनीं अलका लांबा पर दांव लगाया है. बीजेपी ने चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र में आने वाली चांदनी चौक सीट पर सुमन कुमार गुप्ता को टिकट दिया है. 2015 में भी इस सीट पर इन तीनों उम्मीदवारों की टक्कर ही देखने को मिली थी.
कांग्रेस का गढ़ रही हैं चांदनी चौक सीट
1998 के बाद से 2015 तक चांदनी चौक विधानसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है. इस सीट पर कांग्रेस के पूर्व नेता प्रलहाद सिंह ने लगातार चार बार जीत दर्ज की. 1998 में प्रलहाद सिंह को 48 फीसदी, 2003 में 60 फीसदी, 2008 में 46 फीसदी और 2013 में 38 फीसदी वोट हासिल करके जीत दर्ज की. इन चारों चुनाव के दौरान बीजेपी चांदनी चौक सीट पर दूसरे नंबर पर ही रही.
2015 में हुआ उलटफेर
2015 में कांग्रेस से आप में शामिल हुईं अलका लांबा को पार्टी ने चांदनी चौक सीट से अपना उम्मीदवार बनाया. अलका लांबा करीब 50 फीसदी वोट हासिल करके जीत दर्ज करने में कामयाब हुईं. पिछले चुनाव में सबसे बड़ा झटका चार बार के पूर्व विधायक प्रहलाद सिंह को ही लगा. प्रहलाद सिंह केवल 24 फीसदी वोट हासिल करने में कामयाब हुए और उन्हें तीसरे नंबर पर संतोष करना पड़ा. बीजेपी उम्मीदवार सुमन कुमार गुप्ता 25 फीसदी वोट के साथ दूसरे नंबर पर रहे.
2020 में बदला समीकरण
2015 की तरह 2020 में भी चांदनी चौक सीट पर कांग्रेस नेता और कांग्रेस के पूर्व नेता के बीच मुख्य मुकाबला है. हालांकि इस बार आप और कांग्रेस दोनों के चेहरे बदल चुके हैं. चार बार के विधायक प्रहलाद सिंह कांग्रेस छोड़कर आप में शामिल हो चुके हैं, जबकि अलका लांबा घर वापसी करके कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. बीजेपी ने इस बार भी सुमन कुमार गुप्ता पर ही दांव लगाया है.
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