राजधानी में पूर्वांचल के मतदाताओं को साधने में जुटी दिल्ली प्रदेश कांग्रेस
माना यह जाता है कि पूर्वांचल के मतदाता दिल्ली में राजनीतिक दलों के लिए खासा मायने रखते हैं क्योंकि यही मतदाता कई सीटों पर राजनीतिक पार्टियों का भविष्य तय करते हैं.
नई दिल्ली: गुजरात में पूर्वांचल के लोगों पर हुए हमलों को लेकर दिल्ली की राजनीति भी गर्म है. दिल्ली में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इस मुद्दे को लेकर गुजरात भवन पर प्रदर्शन किया जिसकी अगुवाई दिल्ली कांग्रेस के पूर्वांचल के नेता माने जाने वाले महाबल मिश्रा ने की. वैसे तो ये हमले गुजरात में हुए थे और इन हमलों को करवाने का आरोप कांग्रेस के विधायक अल्पेश ठाकुर पर लगा था. जो हमले हुए वह बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों पर हुए थे. लेकिन फिर भी दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने दिल्ली में प्रदर्शन किया. दिल्ली में हुए इस प्रदर्शन के राजनैतिक मायने भी हैं.
पूर्वांचल मतदाताओं की अहमियत जानकारी के मुताबिक दिल्ली में पूर्वांचल वोटरों की संख्या करीब 35 फीसदी है. माना यह जाता है कि पूर्वांचल के मतदाता दिल्ली में राजनीतिक दलों के लिए खासा मायने रखते हैं क्योंकि यही मतदाता कई सीटों पर राजनीतिक पार्टियों का भविष्य तय करते हैं.
पूर्वांचल से जुड़े मुद्दे और उम्मीदवारों को मिलती रही तरजीह दिल्ली के चुनाव में अलग-अलग राजनीतिक दलों की कोशिश यही होती है कि कैसे भी इन पूर्वांचल के मतदाताओं को साधा जा सके. इसी को ध्यान में रखते हुए राजनीतिक दल पूर्वांचल के मुद्दों के साथ ही पूर्वांचल से जुड़े उम्मीदवारों को भी चुनाव मैदान में उतारते रहे हैं.
खोया वोट बैंक वापस पाने की कोशिश में दिल्ली कांग्रेस माना यह जा रहा है कि पिछले कुछ चुनावों के दौरान पूर्वांचल के मतदाता जिनको कभी कांग्रेस का वोट बैंक माना जाता रहा है वह कांग्रेस के पास से छिटककर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के पास पहुंच गए हैं. लिहाजा इस तरह के प्रदर्शनों के ज़रिए कांग्रेस पूर्वांचल के मतदाताओं को साधने की कोशिश भी करती दिख रही है. इसके साथ ही गुजरात की बीजेपी सरकार पर हमला कर ये भी बताने की कोशिश कर रही है कि बीजेपी ही पूर्वांचल के लोगों पर हमले की ज़िम्मेदार है.
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