Delhi Congress Meeting: लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने तैयारी शुरू कर दी है. दिल्ली के कांग्रेस नेताओं के साथ बुधवार (16 अगस्त) को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मीटिंग की. इस बैठक से दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के गठबंधन की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
कांग्रेस ने अपने पत्ते तो नहीं खोले, लेकिन पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि दिल्ली सेवा बिल पर कांग्रेस का रुख सैद्धांतिक था. ये कि किसी व्यक्ति के समर्थन में नहीं था. एबीपी न्यूज को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बैठक में राहुल गांधी ने नेताओं से मिल कर काम करने, लोगों के बीच जाने और पार्टी लाइन के मुताबिक बयान देने की नसीहत दी. वहीं खरगे ने दलित और मुस्लिम वोटरों को साधने के निर्देश दिए हैं.
कांग्रेस जल्दबाजी क्यों नहीं करना चाहती?
गठबंधन का फैसला दिल्ली कांग्रेस के नेताओं ने पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया है. सूत्रों का मानना है कि आप के साथ गठबंधन की पूरी संभावना है, लेकिन अंदरखाने बात तय होने से पहले कांग्रेस जल्दबाजी नहीं करना चाहती.
क्या सवाल उठ रहे हैं?
इस साल के आखिऱ में होने वाले मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में आप के रुख को लेकर भी कांग्रेस नजर बनाए हुए हैं. सवाल ये भी कि क्या केजरीवाल दिल्ली और पंजाब के बाहर भी कांग्रेस से सीटें मांगेंगे? कुल मिलाकर भले ही केजरीवाल विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में शामिल हैं, लेकिन कांग्रेस इसको लेकर फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रही है.
बैठक में क्या हुआ?
दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा कि बैठक में गठबंधन पर बात नहीं हुई. चौधरी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा और केजरीवाल अगला विधानसभा चुनाव हारेंगे.
क्यों गठबंधन की बात कही जा रही है?
कांग्रेस और आप 26 विपक्षी दलों वाले गठबंधन 'इंडिया' का हिस्सा है. राज्ससभा और लोकसभा में कांग्रेस ने दिल्ली सेवा बिल पर आप का साथ दिया था तो ऐसे में चर्चा हो रही है कि दोनों पार्टी लोकसभा चुनाव को लेकर दिल्ली में साथ आ सकती है.
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