ठाकरे कैबिनेट के कांग्रेसी मंत्रियों को दिल्ली बुलाकर सोनिया-राहुल ने दिया मंत्र
बैठक में मौजूद एक नेता के मुताबिक राहुल गांधी ने नए मंत्रियों को कहा कि बिना विचारधारा से समझौता किए लोगों के लिए काम करें. मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से पार्टी के कुछ नेताओं में नाराजगी की खबरों पर अशोक चव्हाण ने कहा कि कोई गंभीर बात नहीं है.
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मुंबई: महाराष्ट्र की नई सरकार में कांग्रेस कोटे के सभी मंत्रियों को दिल्ली बुलाकर उन्हें पार्टी आलाकमान ने पार्टी की विचारधारा और गठबंधन सरकार के साझा न्यूनतम कार्यक्रम के लिए काम करने की नसीहत दी है. कांग्रेस के सभी बारह मंत्रियों ने मंगलवार सुबह राहुल गांधी और फिर सोनिया गांधी से मुलाकात की. इन मंत्रियों में से दस ने सोमवार दोपहर ही शपथ ग्रहण की थी. सूत्रों के मुताबिक मंत्रियों के प्रदर्शन की नियमित समीक्षा की जाएगी.
बैठक में मौजूद एक नेता के मुताबिक राहुल गांधी ने नए मंत्रियों को कहा कि बिना विचारधारा से समझौता किए लोगों के लिए काम करें. मंत्रियों को ये भी निर्देश दिए गए कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम को मजबूती से लागू किया जाए. एक नेता ने बताया, नेतृत्व द्वारा कहा गया कि लोगों को आपसे उम्मीदें हैं, उनके लिए काम कीजिए. मंत्रियों को दिए गए मंत्र से साफ है कि कांग्रेस आलाकमान गठबंधन के बावजूद शिवसेना की विचारधारा को लेकर बेहद सावधानी बरत रही है.
मुलाकात के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि, "ये एक शिष्टाचार भेंट थी. हम महाराष्ट्र में अच्छा काम करेंगे और पार्टी को मजबूत करेंगे. हम अपने नेताओं से मार्गदर्शन और सहयोग के लिए आए थे. मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से पार्टी के कुछ नेताओं में नाराजगी की खबरों पर अशोक चव्हाण ने कहा कि कोई गंभीर बात नहीं है. पार्टी सभी नेताओं का ख्याल रखेगी."
वहीं, मंत्री विजय वडट्टीवार ने कहा कि, "हाईकमान की नजर मंत्रियों के प्रदर्शन पर रहेगी. ये जरूरी भी है कि अगर पद मिला है तो काम भी करना होगा. हाइकमान ने हमें साझा न्यूनतम कार्यक्रम को मजबूती से लागू करने के लिए निर्देश दिए हैं. हमें अपनी विचारधारा के साथ समझौता नहीं करना है."
आपको बता दें कि 28 नवम्बर को उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री की शपथ ली थी. उनके साथ शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के दो-दो मंत्रियों ने भी शपथ ली थी. इसके ठीक एक महीने बाद 29 नवम्बर को उद्धव सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार हुआ. जिसमें शिवसेना के 12, एनसीपी के 14 और कांग्रेस के 10 मंत्रियों ने शपथ ली.
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