(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
जेएनयू हिंसा रोकने में विफलता को लेकर केंद्र, दिल्ली पुलिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर
ये याचिका तहसीन पूनावाला ने दायर की है. याचिका में विगत जुलाई के कोर्ट के आदेश का जानबूझकर अनुपालन न करने को लेकर कथित अवमाननाकर्ताओं के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग की गई है.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसमें जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में भीड़ हिंसा को रोकने और इससे निपटने के लिए शीर्ष अदालत के निर्देश का कथित तौर पर पालन न करने को लेकर केंद्र और दिल्ली पुलिस के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग की गई है.
तहसीन पूनावाला द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि शीर्ष अदालत ने 17 जुलाई 2018 को सरकार और पुलिस अधिकारियों के लिए भीड़ हिंसा को रोकने और इससे निपटने के लिए एहतियातन और उपचारात्मक दिशा-निर्देश जारी किए थे और निष्कर्ष दिया था कि कोई भी व्यक्ति निजी हैसियत से या समूह के रूप में कानून को अपने हाथों में नहीं ले सकता और दूसरे से दोषी के रूप में व्यवहार नहीं कर सकता.
याचिका में कहा गया कि कथित अवमाननकर्ता/प्रतिवादी (भारत सरकार) जेएनयू परिसर में पांच जनवरी 2020 को घुसने वाले नकाबपोश शरारती तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रही है और दोषियों के खिलाफ अब तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है.
इसमें कहा गया कि शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि प्रत्येक पुलिस अधिकारी का यह दायित्व होगा कि वह सीआरपीसी की धारा 129 के तहत अपनी शक्ति का इस्तेमाल कर ऐसी किसी भी भीड़ को तितर-बितर करे जो उसके मत के हिसाब से हिंसा कर सकती हो या समाज के स्वयंभू ठेकेदार अथवा किसी अन्य रूप में किसी व्यक्ति को पीट-पीटकर मार डालने की प्रवृत्ति रखती हो.
उन्होंने कहा कि हालांकि जब लाठी-डंडों, हथौड़ों और अन्य हथियारों से लैस नकाबपोश शरारती तत्वों ने, जिनका बुरा इरादा एकदम स्पष्ट था, परिसर में प्रवेश किया तो वहां तैनात दिल्ली पुलिस ने उन्हें नहीं रोका.
क्या है पूरा मामला राजधानी दिल्ली में जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में रविवार रात लाठियों और रॉड से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों और शिक्षकों पर हमला कर दिया था और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था जिसके बाद प्रशासन को पुलिस बुलानी पड़ी थी.
जेएनयू कैंपस के बाहर सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती
जेएनयू कैंपस के बाहर सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती की गई है. यूनिवर्सिटी के अधिकारी केवल वैध पहचान पत्र वाले छात्रों को ही परिसर के अंदर जाने की अनुमति दे रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक छात्रावासों, प्रशासनिक खंड और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों के बाहर सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है. सूत्रों ने बताया कि मीडिया सहित किसी भी बाहरी लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित है.
जेएनयू मामले पर दिल्ली पुलिस का क्या कहना है? जेएनयू मामले पर आज दिल्ली पुलिस ने कहा कि क्राइम ब्रांच को कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं और उस पर काम हो रहा है. दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने कहा कि ये केस अब क्राइम ब्रांच के पास है. दिल्ली पुलिस ज्वाइंट सीपी वेसर्टन रेंज शालिनी सिंह फैक्ट फाइंट कमेटी की हेड हैं. कोड वर्ड और जो वीडियो क्लिप मिले हैं उनपर जांच चल रही है.
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