नई दिल्ली: टीकाकरण के ज़रिए कोरोना की लड़ाई को और सशक्त बनाने के लिए अब दिल्ली में उन लोगों का भी टीकाकरण किया जा रहा है, जिनके पास न छत है और न ही कोई पहचान पत्र. दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिले में रैन बसेरों में रहने वाले बेघरों और एक जगह से दूसरी जगह पर विचरण करने वाले धर्म गुरुओ के टीकाकरण के लिए खास वैक्सीनेशन साइट बनाई गई है. इसके साथ ही दिव्यांगजनों का टीकाकरण भी यहां किया जा रहा है.


शास्त्री पार्क के गवर्नमेंट बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल के वैक्सीनेशन सेंटर में बनी अलग अलग वैक्सीनेशन साइट पर दिव्यांगों और बेघरों का वैक्सीनेशन किया जा रहा है. 31 साल के रमनदीप पास के ही एक रैनबसेरे में 1 साल से रहते हैं. पेंटिंग का काम करते हैं, लेकिन कोरोना और लॉकडाउन के चलते अभी काम बंद पड़ा है. रमनदीप ने बताया कि उनके पास पहचान पत्र था, लेकिन खो गया. उनका कहना है कि यहां से कुछ लोग रैन बसेरे पर आए थे और हमें बुलाकर लाये टीका लगवाने के लिए. हमसे कहा गया कि अगर पहचान पत्र नहीं भी है तो किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी टीका लग जाएगा. सभी ने टीका लगाया है, तो हमें लगाना भी जरूरी है. इसी से हम सुरक्षित रहेंगे.


रमनदीप की तरह ही रैन बसेरे में रहने वाले शिवकुमार ने भी इसी वैक्सीनेशन साइट पर टीका लगवाया है. शिवकुमार ने बताया कि वो दिल्ली सरकार के रैन बसेरे में रहते हैं और पास में कोई पहचान पत्र नहीं है. दिल्ली सरकार ने हमारे लिए टीका लगवाने की यह व्यवस्था की उसके लिए हम शुक्रगुजार हैं. हमें टीका लग चुका है और किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है. मन में कोरोना का डर तो था पर यह उम्मीद भी थी कि हमें भी टीका लग जाए, क्योंकि यह महामारी फैली हुई है और टीके का फायदा सभी को मिलना चाहिए. वैक्सीनेशन साइट से एक स्टाफ रैन बसेरे में गए थे उन्होंने हमें बताया कि यहां पर आप लोगों का टीकाकरण किया जाएगा. सबके लिए अलग-अलग काउंटर बने हुए हैं, जिनके पास आईडी प्रूफ नहीं है, उनको भी लगाए जा रहा है और जिनके पास आईडी प्रूफ है, उनको अलग काउंटर पर टीका लगाया जा रहा है.


दिव्यांगों और बेघरों के लिए खास वैक्सीनेशन साइट के बारे में उत्तर पूर्वी दिल्ली की डीएम गीतिका शर्मा ने बताया कि 25 मई को यह साइट शुरू की गई थी, अब तक 160 से ज्यादा दिव्यांग लोगों का टीकाकरण हो चुका है. इसी स्कूल में हमने एक अलग साइट बनाई है उन लोगों के लिये जिनके पास किसी भी तरह का पहचान पत्र नहीं है, जैसे साधु संत, जैन मुनि, या जो लोग रैन बसेरों में रहते हैं, बेघर हैं. इन सभी लोगों के लिये सरकार के आदेश के मुताबिक टीकाकरण का प्रावधान किया गया है.


रैन बसेरों से लोगों को लाने और उनको टीका लगवाने के लिये एक नोडल ऑफिसर की नियुक्ति की गई है. डीएम के मुताबिक उत्तर पूर्वी जिले में DUSIB के 5 रैन बसेरे हैं. डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर के जरिए हमें धर्म गुरुओं का कॉन्टैक्ट मिल जाता है. रैन बसेरों के इंचार्ज से हमने सभी की लिस्ट बनवाई और उसी लिस्ट के अनुसार टीकाकरण किया जा रहा है. आईडी-प्रूफ के लिए दिल्ली सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक शेल्टर होम के इंचार्ज का मोबाइल नंबर, नाम और पहचान पत्र का इस्तेमाल करके इन लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है.


लोगों को टीकाकरण के बारे जागरूक करने के लिए समाज सेवी संस्थाएं भी प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रही हैं. ऐसी ही एक संस्था से जुड़े विनोद जैन ने बताया कि जब मुझे सरकार के इस आदेश के बारे में पता चला तो हमने प्रशासन से संपर्क किया. कई सारे लोग जो एक जगह से दूसरी जगह आते जाते रहते हैं, रैन बसेरों में रहते हैं या जिनके पास पहचान पत्र नहीं होते, हमें लगा उनकी मदद करनी चाहिए. ऐसे सभी लोग जो हमारे संपर्क में हैं उनके लिए हमारी संस्था काम कर रही है.