एक्सप्लोरर

दिल्ली में बढ़ते कोरोना केस के बीच मजदूरों से लेकर दुकानदारों तक... आखिर किस बात का सता रहा है डर?

लोगों का कहना है कि हम मेहनत मजदूरी के साथ अपना और अपने परिवार का पेट पालते हैं. ऐसे में अगर लॉकडाउन लगाया जाता है तो हमारा जीना मुहाल हो जाएगा. लोगों का कहना है कि हम नहीं चाहते कि पिछले साल की तरह इस साल भी ऐसा हो और हमें किसी के आगे हाथ फैलाना पड़े.

राजधानी दिल्ली में कोरोना का कहर पूरे जोरों पर है. बीते 24 घंटे की बात करें तो दिल्ली में कोरोना ने 10,000 का आंकड़ा पार कर लिया है, जिसे लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चिंता भी जाहिर की है और नाइट कर्फ्यू के साथ-साथ कुछ और पाबंदियां भी लागू की गई हैं. इस दौरान हम दिल्ली के घोंडा गांव में कामगारों और उनके मकान मालिकों के बीच पहुंचे. उनके मन की बात जानने के लिए. कोरोना के बढ़ते प्रकोप और नाईट कर्फ्यू के बाद से इन लोगों के मन में किस बात की चिंता ज्यादा है. इस पर कामगारों के मन में जिस बात का डर सबसे ज्यादा है, वह है लॉक डाउन का. इन लोगों का कहना है कि हम मेहनत मजदूरी के साथ अपना और अपने परिवार का पेट पालते हैं. ऐसे में अगर लॉकडाउन लगाया जाता है तो हमारा जीना मुहाल हो जाएगा और हम नहीं चाहते कि पिछले साल की तरह इस साल भी ऐसा हो और हमें किसी के आगे हाथ फैलाना पड़े.

हालांकि, इस इलाके के जो कामगार हैं, उन्होंने एक बात कही कि पिछले साल लॉकडाउन में जहां दिल्ली सरकार की तरफ से मदद मिली थी, तो वहीं मकान मालिकों ने भी मदद की थी. थोड़ा किराया माफ किया, थोड़ा खाने का सामान उपलब्ध करवाया, जिस वजह से कुछ लोग अपने गांव लौटे ही नहीं और कुछ लोग महीने- सवा महीने के बाद अपने गांव लौट गए थे. यहां पर जो लोग मकानदार है, उनका कहना है कि लॉकडाउन नहीं होना चाहिए क्योंकि किसी की भी आर्थिक स्थिति सही नहीं है, लेकिन अगर ऐसी कोई परिस्थिति बनती है तो इस बार भी हम अपने किरायेदारों के साथ ही हैं. उनकी मदद के लिए तैयार हैं, जो संभव मदद हो सकेगी हम करेंगे.

 

केस स्टडी मकान मालिक

1. राज कुमार- हमारे यहां पर काफी किराएदार है. अभी जब कोरोना का प्रकोप ज्यादा बढ़ रहा है और नाइट कर्फ्यू लागू कर दिया गया है, तो इस बात की आशंका हो गई है कि लॉकडाउन न लगा दिया जाए. हम यही चाहते हैं कि लॉकडाउन किसी भी सूरत में नहीं लगना चाहिए. रात में कर्फ्यू ठीक है, लेकिन दिन में लोगों को काम-धंधा करने की छूट होनी चाहिए, क्योंकि सभी की माली हालत खराब है. पिछले साल जब लॉकडाउन हुआ था तो मेरे यहां जितने भी किराएदार हैं, किसी को मैंने जाने नहीं दिया था. मुझसे जो मदद हो पाई थी मैंने की थी. खाने से, पैसे से, किराया भी माफ किया और मैं इनके बीच रहकर सोया भी. सिर्फ इसलिए कि इनके मन में किसी भी बात का कोई डर न रहे.

 

2. अजय चौधरी- मेरे यहां भी कुछ किराएदार रहते हैं. कुछ छोटी-मोटी फैक्ट्री चलाते हैं. पिछले साल जब लॉकडाउन हुआ था. तब के हालात बेहद बेकार थे, क्योंकि काम धंधा बंद था. सभी लोग रोज कमाते हैं. रोज खाते हैं. इन लोगों के पास पैसे की बहुत तंगी हो गई थी. तब जो सरकार से मदद मिल रही थी उससे और कुछ मदद हम लोगों से जो बन सकी, हमने की, जैसे किराया माफ कर दिया. खाने पीने में कुछ मदद कर दी. लेकिन इस बार की स्थिति अलग है. इस बार सभी की हालत टाइट है और दिन में कर्फ्यू यानी लॉकडाउन नहीं लगना चाहिए. अगर लॉकडाउन लगाया जाता है, तो हम से जो भी मदद हो सकेगी, अपनी किरायेदारों के लिए वह हम करेंगे लेकिन लॉकडाउन नहीं लगना चाहिए.

 

3- तुषार डेढ़ा - हमारे यहां पर लगभग 40 किराएदार रहते हैं. सभी छोटा मोटा काम करते हैं और अभी सभी के मन में लॉक डाउन का डर सता रहा है, क्योंकि नाइट कर्फ्यू लग चुका है. इस बार लॉकडाउन नहीं होना चाहिए क्योंकि सभी के सामने पैसे की दिक्कत खड़ी हो जाएगी. पिछली साल ही सबके लिए काफी समस्या खड़ी हो गई थी. लॉक डाउन की वजह से लोगों के काम धंधे छूट गए थे. नौकरी छूट गई. खाने-पीने तक को घरों में नहीं था, जिसके बाद हमसे जो मदद बन सकी वह हमने की. सरकार की तरफ से जो मदद मिल सकी उससे इन लोगों ने किसी तरीके से गुजारा चलाया. कुछ लोग वापस गांव लौट गए थे और कुछ लोग हमारे भरोसे यहां पर टिके रहे. मदद तो हम इस बार भी करेंगे, लेकिन सरकार से यही चाहते हैं कि लॉकडाउन न करें. सभी लोग सावधानी बरतें.

 

केस स्टडी

कामगार

1 मोहम्मद शहजाद - मैं मूल रूप से बिजनौर का रहने वाला हूं. खराद का काम करता हूं. अभी जब से कोरोना के केस बढ़ने लगे हैं और नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है, तो मन में डर लग रहा है कि कहीं इस बार भी लॉकडाउन न लगा दिया जाए, क्योंकि इसी साल भी ऐसा ही हुआ था. बोला कुछ गया था किया कुछ गया था. जिसकी वजह से हम जैसे लोग जो रोज कमाते हैं, रोज खाते हैं. हम लोगों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा था. यहां पर हमें सरकार से थोड़ी बहुत मदद मिली, थोड़ी मदद मकान मालिकों से मिली. उन्होंने कुछ किराया माफ कर दिया. थोड़ा बहुत खाने पीने को दिया, लेकिन वे लोग भी कब तक देते. हम लोग एक सवा महीने यहां रुके और फिर अपने गांव वापस चले गए थे. इस बार भी अगर लॉकडाउन लगता है तो, मैं मजबूरन अपने गांव लौट जाऊंगा.

2- शकील अहमद - मैं भी खराद फैक्ट्री में काम करता हूं. अभी नाईट कर्फ्यू से ही परेशानी होने लगी है. रात को खाना खाने जाओ तो भी पुलिस नहीं जाने देती. अब मन मे डर ये लगता है कि अगर लॉक डाउन हो गया तो खाएंगे कमाएंगे क्या? मजबूरी में जाना पड़ेगा.

3- मोहम्मद आमिर - मैं दिल्ली में काफी लंबे समय से रह रहा हूँ. अभी कोरोना की वजह से दोबारा नाईट कर्फ्यू लगाया गया है, डर है कि लॉक डाउन न लगा दें. पिछली साल बहुत बुरा था. पैसा नहीं था. थोड़ी मदद सरकार से मिली, थोड़ी मकान मालिक से.

4- मोहम्मद सलमान - लॉक डाउन बिल्कुल नहीं होना चाहिए. अभी नाईट कर्फ्यू में ही बुरा हाल है. पुलिस खाना खाने के लिए भी नहीं जाने देती. हम लोग रात को काम करके खाना लेने जाते हैं, उसी में परेशानी होती है. पिछली साल में गांव में था, लेकिन मेरा भाई यहां था.

5- इम्तियाज - मैं अपने परिवार के साथ यहां किराए के कमरे में रहता हूं. मैं इलेक्ट्रिशियन का काम करता हूं. अभी जब से नाइट कर्फ्यू शुरू किया गया है, तब से मन में डर सता रहा है कि फिर से लॉकडाउन न लग जाए, क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो हम लोगों का जीना मुश्किल हो जाएगा. पिछले साल जब लॉकडाउन में लगा था, तो हमारी बहुत बुरी हालत हो गई थी. हम रोज खाते हैं, रोज कमाते हैं. पैसा तक नहीं था. दिल्ली सरकार की तरफ से कुछ मदद दी गई और कुछ मदद मकान मालिक की तरफ से हुई थी. कई बार ऐसी स्थिति हो गई थी कि हमें अपने छोटे बच्चों को खाना खिलाने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा बांटे जा रहे खाने को लेने के लिए जाना होता था, लेकिन वहां पर पुलिस की मार भी खानी पड़ जाती थी. बच्चों की भूख की वजह से हमने पुलिस की मार भी खाई नहीं चाहते कि इस बार ऐसा हो. बच्चे बीमार हो गए थे. इलाज के पैसे भी नहीं थे. मकान मालिक ने मदद की, इसलिए हम दिल्ली में ही रुके रहे.

 

6- मोहम्मद फारुख- मैं लेडीज टेलर हूं और अपने परिवार के साथ यहां किराए के कमरे में रह रहा हूं. मैं नहीं चाहता कि लॉक डाउन लगे, क्योंकि लॉक डाउन की वजह से जो बचा खुचा काम धंधा है, वह भी बंद हो जाएगा और हम खाने को भी मोहताज हो जाएंगे. पिछला साल बहुत बुरा रहा. हमें हाथ फैलाने पड़े थे. अब नहीं चाहते कि किसी के सामने हाथ फैलाने की जरूरत पड़े. तीन महिलाओं बेबी, महजबी और अंजुम का भी कहना है कि कोरोना की वजह से लगे नाईट कर्फ्यू के चलते लॉक डाउन का डर बैठ गया है. नहीं चाहते कि लॉक डाउन लगे, वरना हम नहीं रह पाएंगे.

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'कौन कहां है और क्या कर रहा है, सब पता है', जानिए किस तंत्र के बारे में बोले नौसेना प्रमुख
'कौन कहां है और क्या कर रहा है, सब पता है', जानिए किस तंत्र के बारे में बोले नौसेना प्रमुख
Patna Crime: राजधानी पटना में लुटेरों ने तनिष्क ज्वेलरी शॉप को बनाया निशाना, लाखों की लूट
राजधानी पटना में लुटेरों ने तनिष्क ज्वेलरी शॉप को बनाया निशाना, लाखों की लूट
फिल्म ‘तेरा यार हूं मैं’ के मुहूर्त पर पहुंचे अजय देवगन और आमिर खान, एकसाथ दिए रेड कार्पेट पर पोज
‘तेरा यार हूं मैं’ के मुहूर्त पर पहुंचे अजय देवगन और आमिर खान, देखें तस्वीरें
'बिना मांगे दहेज क्यों दिया?' ससुराल वालों के खिलाफ अदालत पहुंचा दामाद, जानिए क्या हुआ फैसला?
'बिना मांगे दहेज क्यों दिया?' ससुराल वालों के खिलाफ अदालत पहुंचा दामाद, जानिए क्या हुआ फैसला?
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

MahaKumbh 2025: महाकुंभ में गैर हिंदुओं की एंट्री पर बैन ? | ABP News | Prayagraj NewsMaharashtra Election 2024 : महाराष्ट्र में 'मुस्लिम वोट' का 'सौदा'? वोट लो...बदले में आरक्षण दो?UP Politics: Akhilesh Yadav ने किया तंज...भीषण हुई यूपी की सियासी जंग | CM YogiMaharashtra Elections 2024: मुस्लिम वोटों को लेकर Kirit Somaiya ने किया बड़ा दावा | Breaking News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'कौन कहां है और क्या कर रहा है, सब पता है', जानिए किस तंत्र के बारे में बोले नौसेना प्रमुख
'कौन कहां है और क्या कर रहा है, सब पता है', जानिए किस तंत्र के बारे में बोले नौसेना प्रमुख
Patna Crime: राजधानी पटना में लुटेरों ने तनिष्क ज्वेलरी शॉप को बनाया निशाना, लाखों की लूट
राजधानी पटना में लुटेरों ने तनिष्क ज्वेलरी शॉप को बनाया निशाना, लाखों की लूट
फिल्म ‘तेरा यार हूं मैं’ के मुहूर्त पर पहुंचे अजय देवगन और आमिर खान, एकसाथ दिए रेड कार्पेट पर पोज
‘तेरा यार हूं मैं’ के मुहूर्त पर पहुंचे अजय देवगन और आमिर खान, देखें तस्वीरें
'बिना मांगे दहेज क्यों दिया?' ससुराल वालों के खिलाफ अदालत पहुंचा दामाद, जानिए क्या हुआ फैसला?
'बिना मांगे दहेज क्यों दिया?' ससुराल वालों के खिलाफ अदालत पहुंचा दामाद, जानिए क्या हुआ फैसला?
पाकिस्तान में हालात हुए खराब, एयर क्वालिटी इंडेक्स 2000 के पार, कई जगह लगाना पड़ा लाॅकडाउन
पाकिस्तान में हालात हुए खराब, एयर क्वालिटी इंडेक्स 2000 के पार, कई जगह लगाना पड़ा लाॅकडाउन
Myths Vs Facts: गर्भवती महिला को अक्सर सीने में रहती है जलन तो बच्चे का बाल होगा घना? जानें क्या है पूरा सच
गर्भवती महिला को अक्सर सीने में रहती है जलन तो बच्चे का बाल होगा घना, जानें क्या है पूरा सच
Neeraj Chopra New Coach: कौन है नीरज चोपड़ा का नया कोच? जिसके नाम है तीन वर्ल्ड चैंपियनशिप खिताब
कौन है नीरज चोपड़ा का नया कोच? जिसके नाम है तीन वर्ल्ड चैंपियनशिप खिताब
ट्रंप की वापसी से 'अमेरिका फर्स्ट' की नीति पर मुहर, भारत पर लेकिन नहीं पड़ेगा असर
ट्रंप की वापसी से 'अमेरिका फर्स्ट' की नीति पर मुहर, भारत पर लेकिन नहीं पड़ेगा असर
Embed widget