नई दिल्ली: दिल्ली कोर्ट ने दक्षिणी दिल्ली के एक रेस्टोरेंट में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की जमाखोरी से जुड़े एक मामले में कारोबारी नवनीत कालरा को जमानत दे दी है. वहीं दिल्ली पुलिस ने शनिवार को अदालत को बताया कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की कालाबाजारी मामले में आरोपी कारोबारी नवनीत कालरा ने ‘सफेदपोश अपराध’ (समाज में ऊंची हैसियत और सम्मान रखने वाले शख्स द्वारा किया गया अपराध) को अंजाम दिया और मृत्यु शैय्या पर लेटे मरीजों को अत्यधिक दामों पर चिकित्सा उपकरण बेचकर मुनाफा कमाया.
दरअसल, हाल ही में एक छापे के दौरान कालरा के रेस्तरां खान चाचा, टाउन हॉल और नेगे एंड जू से कोविड-19 मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले 524 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स बरामद किए गए थे. हालांकि नवनीत कालरा को अब जमानत दे दी गई है. मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अरुण कुमार गर्ग ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की कथित जमाखोरी करने और उन्हें ऊंचे दामों पर बेचने के लिए 17 मई को गिरफ्तार किए गए कालरा की जमानत अर्जी पर सुनवाई की.
वहीं दिल्ली पुलिस की तरफ से पैरवी कर रहे अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने अदालत को बताया, 'उसकी मंशा लोगों को ठगने और मुनाफा कमाने की थी. यह सफेदपोश अपराध है. उसने मृत्यु शैय्या पर पड़े जरूरतमंद लोगों को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स बेचे.' श्रीवास्तव ने कालरा की जमानत याचिका खारिज करने का अनुरोध किया था.
नहीं थी आपराधिक मंशा
दिल्ली पुलिस ने यह टिप्पणियां तब की है जब एक दिन पहले कालरा ने वरिष्ठ वकील विकास पहवा के जरिए अदालत को बताया कि उसकी लोगों को ठगने की आपराधिक मंशा नहीं थी और उसे मुकदमे की सुनवाई से पहले हिरासत में नहीं रखा जा सकता. शनिवार को सुनवाई के दौरान लोक अभियोजक ने अदालत को कालरा के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स विवरण पुस्तिका दिखाई और कहा कि ये जर्मनी से नहीं लाए गए थे जैसा कि आरोपी ने दावा किया है.