नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने देशभक्ति साबित करने के लिए कश्मीरी अलगाववादी नेता शब्बीर शाह से ‘भारत माता की जय’ बोलने के लिए कहने वाले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक वकील को फटकार लगाई. अदालत ने कहा कि यह कोई टेलीविजन स्टूडियो नहीं है. न्यायाधीश सिद्धार्थ शर्मा ने वकील को उनकी टिप्पणियों के लिए डांट लगाई.


अदालत ने बाद में आतंकवादियों को कथित रूप से वित्तीय मदद के एक दशक पुराने मामले में शाह की हिरासत की समय सीमा छह दिन बढ़ाकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को उससे पूछताछ की अनुमति दी.


ईडी के वकील राजीव अवस्थी ने आरोप लगाया कि शाह आतंकियों को वित्तीय मदद देने के लिए धन का प्रयोग करके देश को बर्बाद कर रहे हैं और यहां तक कि उन्होंने अलगाववादी नेता को अपनी देशभक्ति साबित करने के लिए ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाने की चुनौती दी.


हालांकि नाराज न्यायाधीश ने उन्हें रोका और चेतावनी दी कि अदालत ‘टेलीविजन स्टूडियो’ नहीं है. न्यायाधीश ने वकील को गुण-दोष के आधार पर दलीलें पेश करने की हिदायत दी. शाह की ओर से वकील एम एस खान ने आरोप लगाया कि निदेशालय के अधिकारी शाह की हिरासत के दौरान उन पर दबाव बना रहे हैं और उन्हें कई बयान देने के लिए मजबूर किया जा रहा है.


अदालत ने निदेशालय की पूछताछ के लिए शाह की हिरासत एक दिन बढा दी थी. निदेशालय ने कहा था कि पाकिस्तान, यूएई और ब्रिटेन जैसे देशों से हवाला चैनलों के जरिये भारत में आतंकवादियों को धन मुहैया कराने और ‘राष्ट्र विरोधी क्रियाकलापों’ में उनकी भूमिका का पता लगा रही है.


एजेंसी ने अदालत से कहा था कि शाह पाकिस्तान के आतंकवादियों के अलसचस राष्ट्र विरोधी तत्वों से निरंतर संपर्क में था और उसे ‘जम्मू कश्मीर में शांति बाधित करने के लिए’ हवाला लेनदेन के जरिये कई बार धन मिला था.


शाह अगस्त 2005 के उस मामले में हिरासत में लिया गया जिसमें दिल्ली पुलिस की विशेष सेल ने कथित हवाला डीलर मोहम्मद असलम वानी (35) को गिरफ्तार किया था.