Lakhimpur Case: लखीमपुर केस से चर्चा में आए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को ब्लैकमेलिंग करने वाले पांचों आरोपियों को 3 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. पुलिस का कहना है कि इन पांचों को गिरफ्तार करने में दिल्ली पुलिस ने दो विदेशी एजेंसियों की भी मदद ली. ये दोनों एजेंसियां यूएस और रोमानिया की है, जिन्होंने पुलिस की मदद प्रोटोकॉल आईडी बताकर की.
पुलिस का ये भी दावा है कि आरोपियों ने 7 दिन के अंदर कम से कम 30 से 40 बार कॉल की. पुलिस को अभी इनके एक और साथी की तलाश है, जिसका नाम प्रभात बताया गया है.
अदालत में पुलिस ने क्या-क्या कहा?
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को ब्लैकमेल करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपियों को दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस अदालत में पेश किया. दिल्ली पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ करने व इनके अन्य साथियों की गिरफ्तारी करने की बात कहते हुए 4 दिन की पुलिस रिमांड की मांग की, जिसके बाद अदालत ने आरोपियों को 3 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है.
7 दिन में 30 से 40 कॉल की
पुलिस ने अदालत के सामने ये दावा किया है कि इन पांचों ने 17 दिसंबर से लेकर 23 दिसंबर तक अजय मिश्रा टेनी के पीए को कम से कम 30 से 40 बार धमकी भरे कॉल किए. 2 करोड़ की मांग की. आरोपियों ने 23 दिसंबर की दोपहर लगभग 3:30 बजे भी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पीए को कॉल कर धमकी देते हुए रुपयों की मांग की थी.
नोएडा सेक्टर- 15 के पार्क से करते थे कॉल
पुलिस ने दावा किया है कि आरोपी कॉल करने के लिए नोएडा सेक्टर- 15 के पार्क में आकर कॉल करते थे, क्योंकि यहां दिल्ली और नोएडा दोनों के मोबाइल टावर के सिग्नल कैच करते हैं. इसके अलावा इनके पास से कॉल के लिए इस्तेमाल की गई एक डिवाइस भी बरामद की है.
इंटरनेट कॉलिंग के जरिए की जा रही थी कॉल
पुलिस का दावा है कि आरोपी इंटरनेट कालिंग करते थे. इसके लिए वीओआईपी (वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल) तकनीक का सहारा लेते थे. गिरफ्तार आरोपी अश्वनी (24 साल) आईटी एक्सपर्ट है, जो गूगल सर्च कर अनयूज नंबर की डिटेल्स निकलता और फिर उन्हें वीओआईपी कॉलिंग के लिए इस्तेमाल करता था.
कबीर वर्मा और अमित हैं मास्टरमाइंड
दिल्ली पुलिस ने अदालत के समक्ष यह जानकारी दी कि इस पूरी साजिश के मास्टरमाइंड कबीर वर्मा और अमित हैं. अमित दिल्ली में ही एक कॉल सेंटर भी चलाता है. इन दोनों ने ही पूरी साजिश रची थी और अश्वनी व अन्य दो युवकों को अपने साथ शामिल किया था. इस मामले में एक और आरोपी, जिसका नाम भी अमित है, उसने लगभग 85% कॉल की थी और निशांत नाम के आरोपी ने भी बाकी की 15% कॉल की थी.