Delhi Court: दिल्ली (Delhi) की एक अदालत ने एक महिला को धमकी देने के लिए आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले अंग्रेजी अपशब्द का इस्तेमाल करने के लिए एक पुरुष पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को बरकरार रखा है. अदालत ने पाया कि शख्स ने अपमान करने के इरादे से शब्द का इस्तेमाल किया था.


दरअसल, अदालत साल 2019 में एक महिला के साथ अभद्र व्यवहार के मामले पर सुनवाई कर रही थी. अगस्त 2022 में निचली अदालत ने शख्स के खिलाफ महिला को कथित तौर पर धमकाने और दुर्व्यवहार करने के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था. महिला अदालत ने उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 354ए, 509 और 506 के तहत आरोप तय किए जाने के बाद आरोपी ने सत्र न्यायालय का रुख किया था.


क्या है मामला?


शिकायतकर्ता के अनुसार, आरोपी ने 9 मई, 2019 को अपशब्द "f**k off" का इस्तेमाल किया और उसे धमकी दी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय शर्मा ने अपने हालिया आदेश में यह बात कही कि इस अदालत को आरोप तय करने में कोई भौतिक अवैधता, अनियमितता या क्षेत्राधिकार त्रुटि नहीं मिलती है ... याचिकाकर्ता की दायर आपराधिक पुनरीक्षण याचिका खारिज की जाती है.


क्या कहा अदालत ने


अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता ने विशेष रूप से आरोप लगाया था कि आरोपी ने हिंदी में अपमानजनक वाक्यांश का इस्तेमाल करने के अलावा अपशब्दों का इस्तेमाल किया.


सत्र न्यायालय ने कहा कि शख्स ने जिस शब्द का इस्तेमाल किया है वो एक आपत्तिजनक शब्द है और भारतीय समाज, स्कूल और कॉलेजों में ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किसी को जाने के लिए या दूर जाने के लिए नहीं किया जाता है. सामान्य अर्थों में ये शब्द अपमानजनक और आपत्तिजनक है.


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