Delhi Police Cyber Cell: दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के आईएफएसओ यूनिट (IFSO Unit) ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने इस गिरोह के 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से लगभग 3 हजार लोगों का इंश्योरेंस डेटा बरामद किया गया है, साथ ही 7 मोबाइल फोन और 1 लैपटॉप भी रिकवर किया गया है. आरोपी मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस, आरबीआई, आईआरडीए, बीआईएमए लोकपाल अधिकारी बनकर लोगों के साथ इंश्योरेंस फ्रॉड करते थे. आरोपियों में 2 सगे भाई भी हैं.


क्या है मामला?
आईएफएसओ के डीसीपी प्रशांत गौतम ने बताया कि ये गैंग फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण, आरबीआई के रिजनल डायरेक्टर एसएमएन स्वामी, आईआरडीए समेत विभिन्न इंश्योरेंस कंपनी के अधिकारी के नाम से लोगों के पास फर्जी ईमेल भेजा करते थे. ईमेल एकदम असली जैसी प्रतीत होते थे. ताजा मामले में पीड़ित के पास एक फर्जी लैटर भेजा गया था, उस पर फाइनेंस मिनस्टर निर्मला सीतारमण के हस्ताक्षर किए गए थे. जिसमें लैप्स पॉलिसी का जिक्र करते हुए पीड़ित से कहा गया था कि सरकार ने 12 लाख 46 हजार 518 रुपए सेंक्शन किए हैं. लेकिन इस लाभ को लेने से पहले कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी होगी. 


प्रोसेसिंग फीस के नाम पर ऐंठते थे रकम
पुलिस का कहना है कि औपचारिकता के नाम पर पीड़ित से प्रोससिंग फीस के नाम पर 44 हजार रुपए मांगे गए. पीड़ित ने रकम दे दी. इसके बाद अलग अलग बहाने से दो बार में 27 हजार और 52 हजार रुपए भी ऐंठ लिए. इस तरह उनसे तीन बार में कुल 1 लाख 27 हजार रुपए की रकम हड़प ली गई. धोखाधड़ी की बाबत पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दी, जिस पर स्पेशल सेल ने केस दर्ज किया. मामले की जांच के दौरान पुलिस ने इस केस में सबसे पहले दिल्ली के मुस्तफाबाद निवासी मेहताब आलम को पकड़ा. इसके बाद उसके तीन अन्य साथियों न्यू मुस्तफाबाद निवासी सरताज खान, मोहम्मद जुनैद और सोनिया विहार निवासी दीन मोहम्मद को अरेस्ट किया गया.


आरोपी कर चुके थे इंश्योरेंस कंपनियों में काम
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि सभी आरोपी इंश्योरेंस कंपनियों के लिए काम कर चुके हैं. वहां वे कॉलिंग एजेंट थे और ग्राहकों से सीधे बात करते थे. मेहताब आलम ठगी कर इस धंधे का मास्टरमाइंड है. इन लोगों ने इंश्योरेंस पॉलिसी धारकों का डाटा धोखे से हासिल कर रखा था. इन्हेांने आरबीआई और आईआरडीए की फर्जी वेबसाइट भी बनवा रखी थी. झांसे में आए लोगों को बकायदा गैंग के सदस्य फर्जी चेक भी भेज देते थे, ताकि उसका विश्वास जीत सके. फिर दिए गए अकाउंट में रुपए डलवाने के बाद ये जालसाज दिल्ली की अलग अलग जगहों से रकम निकाल लेते थे.


बीकॉम ग्रेजुएट है आरोपी मेहताब
आरोपी मेहताब आलम यूपी के एक कॉलेज से बीकॉम ग्रेजूयएट है. वह कई इंश्यारेंस कंपनी के लिए टेलीकॉलर का काम कर चुका है. वो लैपटॉप के जरिए विभिन्न सरकारी संस्थाओं के फर्जी दस्तावेज बनाता था. आरोपी सरताज खान बारहवीं कक्षा तक पढ़ा हुआ है. वो भी इंश्योरेंस कंपनी के लिए टेलीकॉलर का काम कर चुका है. 


आरोपी मोहम्मद जुनैद और सरताज खान भाई हैं. कम वक्त में ज्यादा रुपए कमाने की चाहत में वो भाई के साथ मिलकर मेहताब आलम के लिए काम करने लगा था. वहीं आरोपी दीन मोहम्मद भी मेहताब आलम के लिए काम कर रहा था. पुलिस ने आरोपियों के बैंक अकाउंट और एटीएम कार्ड के अलावा पीड़ित लोगों के साथ ईमेल चैट का ब्यौरा भी बरामद किया है.


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