Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने ठगों के ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जो बड़े बड़े ब्रांड की नकली वेबसाइट बनाकर उनकी फ्रेंचाइजी देने के नाम पर लोगों के साथ ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे थे. साइबर सेल ने इस गैंग के चार शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है. आपको जानकर हैरानी होगी कि ये गैंग अबतक 16 राज्यों में 126 ठगी की वारदातों को अंजाम दे चुका है. 


साइबर सेल के डीसीपी अनयेश रॉय ने बताया कि एक महिला की शिकायत के बाद जांच के दौरान इस गैंग को दबोचने में कामयाबी मिली. दरअसल एक महिला ने साइबर सेल में शिकायत दी कि वो जब भी हल्दीराम के आउटलेट में जाती थी तब उसका एक सपना था कि उसका भी एक ऐसा ही आउटलेट हो. महिला ने शिकायत में बताया कि एक दिन वो हल्दीराम की वेबसाइट सर्च कर रही थी. तभी उसे सर्च के दौरान वेबसाइट के माध्यम से आउटलेट खोलने के लिए हल्दीराम की फ्रैंचाइज़ी और डीलरशिप देने की पेशकश की गई. महिला ने वेबसाइट में दिए गए नम्बर पर कॉल किया और जो भी फॉर्मेलिटी थी वो पूरी की. सारे दस्तावेज जमा किए और साथ ही साथ फ़ोन पर हुई बातचीत के आधार पर महिला ने सिक्युरिटी फीस और दूसरे भुगतान मिलाकर कुछ 11.74 लाख रुपये भी जमा कर दिए. लेकिन इसके बाद भी महिला को फ्रेंचाइजी नहीं मिल रही थी. महिला ने फिर से उस नम्बर पर सम्पर्क किया. महिला की बात आशीष कुमार और रवि कुमार से हो रही थी ये दोनों खुद को हल्दीराम का आधिकारी बता रहे थे. इन्होंने महिला से करीब डेढ़ लाख रुपये की और मांग की. तब महिला को एहसास हुआ कि उसके साथ ठगी की गई है. महिला ने तुरंत इस मामले की ऑनलाइन शिकायत साइबर सेल को की. 


शिकायत मिलते ही साइबर सेल ने जांच शुरू की. जांच के दौरान साइबर सेल को पता चला कि हल्दीराम के नाम से बड़ी संख्या में फर्जी वेबसाइटें चल रही है. और ये सभी वेबसाइटें हल्दीराम की फ्रेंचाइजी की पेशकश कर रही हैं इतना ही नही जांच में ये भी सामने आया कि देश भर में बड़ी संख्या में लोग इन फर्जी वेबसाइटों के शिकार हुए है. ये भी पाया गया कि इन शातिर ठगों ने ठगी के लिए 36 से ज्यादा स्मार्टफोन का इस्तेमाल किया इतना ही नहीं साइबर सेल को कई बैंक अकाउंट और फर्जी सिम कार्ड के बारे में भी पता चला. इसके बाद साइबर सेल की टीम ने संदिग्धों की पहचान की. 


साइबर सेल की टीम को पता चला कि ठगी का गैंग भारत के अलग अलग हिस्सों में फैला हुआ है. 27 अगस्त को देश के अलग अलग राज्यों (नालंदा, फरीदाबाद, लुधियाना और दिल्ली) में छापेमारी करते हुए पुलिस ने 4 ठगों को गिरफ्तार किया. जिनके नाम है विकास मिस्त्री, विनय विक्रम सिंह, विनोद कुमार और संतोष कुमार. साइबर सेल की माने तो इस गैंग का मास्टरमाइंड विकास मिस्त्री है. गिरफ्तार आरोपियों के पास से बरामद उपकरणों की जांच के बाद पता चला कि ये गैग सिर्फ हल्दीराम की ही फर्जी वेबसाइट नहीं चला रहा था बल्कि अमूल और पतंजलि जैसे प्रतिष्ठित ब्रांडों की फर्जी साइट चला रहे थे. इन वेबसाइटों का इस्तेमाल पूरे भारत में लोगों को ठगने के लिए किया जा रहा था. 


साइबर सेल की टीम ने जब उनसे पूछताछ की तो पूछताछ में आरोपी विकास ने बताया कि वह अपने साथियों के साथ हल्दीराम,अमूल, पतंजलि आदि जैसे बड़े-बड़े ब्रांड के डोमेन नाम खरीद लेता था. और उसके बाद इन ब्रांड की फर्जी वेबसाइट तैयार करवाई जाती थी वेबसाइट को इस तरीके से बनवाया जाता था कि वह देखने में एकदम असली वेबसाइट दिखाई देती थी बाकायदा फेक वेबसाइट पर एक फोन नंबर भी दिया जाता था जो लोग फ्रेंचाइजी लेने के इच्छुक होते थे वह उस नंबर पर कॉल करते थे और उसके बाद यह गैंग लोगों को ठगी का शिकार बना लेता था. साइबर सेल की माने तो यह गैंग 16 राज्यों में 126 ठगी की वारदातों को अंजाम दे चुका है और एक करोड़ से ज्यादा की ठगी कर चुका है. 


साइबर सेल के डीसीपी अनयेश रॉय के मुताबिक इस गैंग का मास्टरमाइंड विकास मिस्त्री है जोकि बिहार का रहने वाला है यही वह शख्स है जो हल्दीराम का अधिकारी बनकर लोगों को अपने जाल में फंसाता था. इसके अलावा गिरफ्तार विनय विक्रम सिंह फरीदाबाद का रहने वाला है उसने एमबीए किया है और गुरुग्राम में एक डिजिटल मार्केटिंग कंपनी में सीईओ है. इसका काम था गिरोह के कहने पर फर्जी वेबसाइट डिजाइन करना और गूगल विज्ञापनों के जरिए फर्जी वेबसाइटों को बढ़ावा देना. आरोपी विनोद कुमार पंजाब का रहने वाला है उसने बीसीए किया है जबकि आरोपी संतोष कुमार भी पंजाब का रहने वाला है और इस गोरखधंधे में सहयोगी है. 


 



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