Delhi Crime: मयूर विहार में पत्रकार पर चाकुओं से ताबड़तोड़ हमला, पीएचडी थीसिस ने बचाई जान
Delhi Crime News: संजय झील पार्क के पास तीन लड़कों ने पत्रकार के साथ लूटपाट की. विरोध करने पर उन्हें चाकू भी मार दिया.
Journalist Attacked In Delhi: पांडव नगर थाना क्षेत्र के मयूर विहार फेस टू इलाके में तीन लुटेरों ने चाकू के बल पर एक पत्रकार के साथ लूटपाट की वारदात को अंजाम दिया है. वारदात के दौरान लुटेरों ने पत्रकार पर चाकू से कई वार भी किए, जिसकी वजह से पत्रकार घायल हो गया. लेकिन गनीमत रही कि पीड़ित की पीठ पर एक बैग था, जिसमें उनकी पीएचडी की थीसिस थी. चाकू के अधिकतर वार बैग पर ही पड़े जबकि उनके शरीर पर तीन जगह चाकू लगे हैं. उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. वहीं, पुलिस ने लूट की धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश कर रही है.
क्या है मामला
पुलिस के अनुसार पीड़ित पत्रकार का नाम धनसुमोद (43) है. वो मलयाली चैनल में पत्रकार हैं और दिल्ली के ब्यूरो चीफ हैं. शनिवार रात को जब वो मंगलम से मयूर विहार फेज-2 स्थित अपने घर आ रहे थे, तो संजय झील पार्क के पास तीन लड़कों ने उनके साथ लूटपाट की. विरोध करने पर उन्हें चाकू भी मारा. चोर उनका पर्स और मोबाइल लूट कर फरार हो गए.
पीड़ित ने क्या बताया
मलयाली पत्रकार धनसुमोद ने बताया कि वो पंचकुइया रोड से बस में सवार हुए थे. धनसुमोद पांडव नगर में मंगलम चौक के पास उतरे और पैदल अपने घर की तरफ चलने लगे. रात के लगभग 9 बजे थे तभी, संजय झील के पास तीन लड़के उनके पास आए. उन्होंने बताया कि लड़कों ने मुझसे माचिस मांगी. मैंने कहा कि नहीं है, जिसके बाद उन्होंने मुझे घेर लिया. एक लड़का जो लंबा सा था, उसने मुझसे पर्स, मोबाइल देने के लिए कहा. अन्य दो लड़कों ने मेरे दोनों हाथ पीछे की तरफ मोड़ दिए. मैं शोर मचाने लगा तो मेरा मुंह दबाने लगे और फिर लंबे वाले लड़के ने कहा कि इसे चाकू मारो.
लड़कों ने मेरी पीठ पर कई वार किए- धनसुमोद
पत्रकार धनसुमोद ने बताया, इसके बाद लड़कों ने मुझ पर चाकू से वार किए. मेरी पीठ पर बैग था, उसमें मेरी पीएचडी की थीसिस थी. इनकी वजह से मेरी जान बच सकी क्योंकि चाकू से जो वार किए गए थे, उनमें से अधिकतर बैग पर ही पड़े. मेरी कमर में ऊपर, नीचे और आगे की तरफ तीन जगह चाकू मारा गया है.
उन्होंने कहा कि गनीमत रही कि घाव ज्यादा गहरे नहीं है. इस वारदात के बाद सबसे पहले मैंने अपने परिचित को कॉल किया, जो दिल्ली पुलिस में एसीपी हैं. उन्होंने मुझे 112 नम्बर पर कॉल करने के लिए कहा. मैंने कॉल किया. फिर मुझे अस्पताल ले जाया गया, जहां से उपचार के बाद मुझे छुट्टी दे दी गई. पुलिस ने मेरी शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली है.
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