Delhi Police: सफदरजंग एंक्लेव इलाके में स्थित बलजीत लॉज के अंदर हुई दीपक सेठी नामक शख्स की हत्या के मामले में पुलिस ने एक महिला को गिरफ्तार किया है. महिला का नाम अंजलि उर्फ निक्की उर्फ निकिता है. ये महिला हरियाणा के पानीपत की रहने वाली है. पुलिस का दावा है कि 31 मार्च को जब दीपक की हत्या का खुलासा हुआ था, तो पुलिस जांच के दौरान एक सीसीटीवी फुटेज में दीपक और एक महिला दिखे थे.


इसके बाद पुलिस को सुराग लगा था कि इस हत्या में एक महिला का हाथ है. पुलिस को दीपक के पास से एक नोट भी मिला था जिसमें लिखा था कि "आप एक नाइस पर्सन है. सॉरी सॉरी सॉरी, मेरी बहुत ज्यादा मजबूरी थी जो आपके साथ ये किया. एक्सट्रीमली सॉरी यार" पुलिस को मधुमिता नाम की एक अन्य महिला की भी तलाश है. जो पुलिस के मुताबिक कोलकाता चली गई और अब उसका फोन स्विच ऑफ है.


ये थी घटना


पुलिस के अनुसार 31 मार्च की सुबह पीसीआर कॉल मिली कि बलजीत लॉज, ए-2/13, सफदरजंग एनक्लेव कमरा नंबर-204 में एक व्यक्ति मृत पड़ा है. पुलिस मौके पर पहुंची तो पता चला कि सफाई कर्मी जब कमरे के पास पहुंचा तो कमरे का दरवाजा थोड़ा खुला हुआ था. चाबी ताले के अंदर थी. सफाई कर्मचारी ने दरवाजा खटखटाया तो अंदर से कोई जवाब नहीं मिला. दरवाजा खोला गया तो एक व्यक्ति अचेत अवस्था में पड़ा मिला. व्यक्ति की पहचान दीपक सेठी पुत्र जेपी सेठी उम्र 54 वर्ष के रूप में हुई. 


पुलिस को मौके से कुछ गोलियां, हाथ से लिखा एक नोट और थोड़ी मात्रा के साथ वोडका की एक बोतल मिली. लॉज के विजिटर रजिस्टर की जांच में पाया गया कि उक्त व्यक्ति अंजलि (24) वर्ष के साथ आया था. सीसीटीवी फुटेज चेक किए जाने पर पता चला कि वो युवती 30 मार्च  की रात 8:18 बजे लॉज में दिखी थी. पुलिस ने मौके पर क्राइम टीम से मुयायना कराया और मौके से सैंपल कलेक्ट किए. पुलिस को ये भी पता चला कि वो युवती 30/31 मार्च के दरमियानी रात 12:30 बजे लॉज से बाहर निकली थी और एक वैगन-आर कार में गई थी.


फर्जी आधार कार्ड दिया था होटल में


स्पेशल सीपी रविन्द्र यादव के अनुसार जांच में पता चला कि जो युवती दीपक सेठी के साथ आई थी. उसने जो आधार कार्ड होटल स्टाफ को दिया था वो फर्जी था. आधार कार्ड पर अंजलि नाम लिखा हुआ था. पुलिस टीम ने दीपक सेठी का मोबाइल नंबर भी हासिल किया. दीपक सेठी के फोन से मिले 500 से अधिक नंबरों का विश्लेषण करने के बाद टीम को कुछ नंबरों पर संदेह हुआ. जांच में पता चला कि जिस संदिग्ध मोबाइल नंबर को खंगाला जा रहा है, वो भी फर्जी दस्तावेजों पर लिया गया है. जांच में पता चला कि नम्बर 20 मार्च 2023 को ही सक्रिय हुआ था.


23 मार्च को फोन हुआ था रिचार्ज


पुलिस के अनुसार कॉल डिटेल रिकॉर्ड और जांच करने पर पता चला कि संदिग्ध मोबाइल फोन 23/03/23 को संतगढ़, दिल्ली में रिचार्ज किया गया था. टीम संतगढ़ पहुंची और काफी मशक्कत के बाद उस दुकान का पता चला, जहां से संदिग्ध मोबाइल फोन रिचार्ज कराया गया था. पुलिस को पता चला कि फोन को एक नाइजीरियाई नागरिक चिडे ने रिचार्ज कराया था. 


चिडे से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि फोन निक्की उर्फ निकिता का है, जो उसकी लिव इन पार्टनर मधुमिता की दोस्त है. लेकिन वो निकिता उर्फ निक्की को नहीं जानता. पुलिस को निकिता उर्फ निक्की का एक और नंबर मिला. कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने उषा उर्फ अंजलि उर्फ निक्की उर्फ निकिता को नोएडा से गिरफ्तार किया.


दीपक सेठी की अंगूठी आदि बरामद की


पुलिस के अनुसार आरोपी उषा उर्फ अंजलि उर्फ निक्की उर्फ निकिता के पास से दीपक सेठी का नीला बैग, सोने की अंगूठी, नकली आधार कार्ड और अपराध में प्रयुक्त मोबाइल फोन भी बरामद किया है. आरोपी महिला ने ये भी माना कि जो नोट दीपक सेठी के पास से मिला था, वो उसी ने लिखा था.


मकसद लूटपाट या कुछ और?


क्राइम ब्रांच के स्पेशल सीपी रविंद्र यादव का कहना है कि अब तक की जांच में और पूछताछ में आरोपी महिला अंजलि उर्फ निक्की यही दावा कर रही है कि उसका मकसद दीपक सेठी की हत्या करना नहीं था. उसने लूटपाट के मकसद से नशीली गोलियां दीपक को ड्रिंक में मिलाकर पिलाई थी. 


वहीं, पुलिस का कहना है कि अभी मधुमिता की तलाश की जा रही है. जब तक वह नहीं पकड़ी जाती, तब तक इस हत्या के पीछे का मकसद अधूरा है. उससे पूछताछ के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि वाकई दीपक को जो नशीली गोलियां दी गई थी वो सिर्फ लूटपाट के मकसद से दी गई थी या फिर हत्या करने के मकसद से.


अंजली के खिलाफ पहले से आपराधिक मामला दर्ज 


पुलिस के अनुसार जांच के दौरान ये पाया गया है कि आरोपी अंजलि के खिलाफ आईपीसी की धारा 379ए के तहत पहले से एक मामला दर्ज है. वो कुछ समय तक जेल में भी थी. उसी समय उसकी मुलाकात एक अन्य महिला मधुमिता से जेल में हुई थी. दोनों दोस्त बन गए और संतगढ़, दिल्ली में एक साथ रहने लगे. 30/03/23 को मृतक दीपक सेठी ने उषा से संपर्क किया और उनकी योजना थी कि उषा उर्फ अंजलि दीपक सेठी को कुछ नशीले पदार्थ देकर बेहोश कर देंगे. फिर अंजलि उसके पैसे और अन्य सामान लेकर भाग जाएगी.


मधुमिता भी उषा का पीछा कर रही थी और रात के दौरान उसने उषा उर्फ निक्की को फोन किया और दीपक का सामान चुराने के बाद उसे होटल छोड़ने के लिए गाइड किया. रात करीब 12 बजे जब दीपक सेठी बेहोश हो गया तो आरोपी निकिता दीपक का बैग, मोबाइल फोन और कुछ गहने लेकर वहां से फरार हो गई. 
 
आरोपी का प्रोफाइल


दीपक सेठी की हत्या की आरोपी महिल उषा उर्फ अंजलि उर्फ निक्की उर्फ निकिता पानीपत की रहने वाली है. उसकी शादी अंकुर नामक व्यक्ति के साथ हुई थी लेकिन बाद में उनका तलाक हो गया. पूजा के तीन बच्चे हैं. पूजा उर्फ अंजलि उर्फ निक्की के खिलाफ मॉडल टाउन थाना पानीपत में पहले से 379ए आईपीसी की धारा तहत मामला दर्ज है. वो 22 जून 2022 से सितंबर 2022 तक जेल में रही है.


मधुमिता की भूमिका


दिल्ली पुलिस का दावा है कि इस पूरी साजिश में मधुमिता की अहम भूमिका है. मधुमिता ही वह महिला है जो दीपक को पहले से जानती थी. पुलिस का यह भी दावा है कि कोरोना काल से पहले दीपक का व्यवसाय बेहद अच्छा चलता था, लेकिन कोरोना में उसे काफी घाटा हुआ था. जिसके बाद मधुमिता का दीपक से मेलजोल कम हो चुका था. 


इसके अलावा मधुमिता ने पानीपत में पहले भी हाईप्रोफाइल लोगों के साथ दोस्ती करने के बाद उनको नशीली गोलियां खिलाकर लूटपाट की थी. वह इसी मामले में जेल में भी गई थी. वहीं पर वो अंजलि के संपर्क में आई. मधुमिता और अंजलि ने मिलकर दीपक सेठी को टारगेट किया. साजिश के तहत 23 मार्च को अंजली ने दीपक सेठी को कॉल किया और कहा कि मधुमिता से उसका नम्बर मिला है. दीपक ने बताया कि वो फिलहाल मुंबई में है और 30 मार्च को मिलते हैं. 


30 मार्च को अंजलि कनॉट प्लेस में पहुंची, वहां पहले मधुमिता से मिली, फिर इसके बाद दीपक से मिली. वहां से मधुमिता कैब लेकर चली गई और अंजलि उर्फ निक्की दीपक के साथ चली गई. 30/31 मार्च की आधी रात को अंजली होटल से बाहर निकल कर मधुमिता के साथ फरार हो गई थी. पुलिस मधुमिता की तलाश कर रही है.