(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Delhi Crime: भारत में अमेरिकी महिला की किडनैपिंग से उड़े पुलिस के होश, जांच में हुआ ये सनसनीखेज खुलासा
US Woman Kidnapping Case: गिरफ्तार महिला ने पुलिस को बताया कि उसके पैसे खत्म हो गए थे. इसलिए उसने अपने से मां-बाप पैसे निकलवाने के लिए अपने फर्जी अपहरण की प्लानिंग की.
Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने 27 साल की अमेरिकी महिला (US Woman) के अपहरण का मामला हल करने का दावा किया है. इस मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि महिला ने स्वयं ही अपने फर्जी अपहरण की कहानी रची थी. उसने ये सब अपने मां-बाप को इमोशनल ब्लैकमेल कर उनसे पैसे निकलवाने के लिए किया था. महिला की पहचान क्लो मैक्लॉघलिन के रूप में हुई है जो 3 मई को दिल्ली (Delhi) आई थी. महिला अमेरिका के एक विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट है और उसके पिता एक पूर्व-सेना अधिकारी हैं जो वाशिंगटन डीसी में रहते हैं.
पुलिस ने कहा कि, मैक्लॉघलिन ने 7 जुलाई को अपनी मां को फोन कर बताया कि वो एक असुरक्षित वातावरण में है और उसके साथ एक जान-पहचान वाले व्यक्ति द्वारा मारपीट की जा रही है. लेकिन महिला ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि वो उस समय कहां पर है. इसके बाद उसकी मां ने अमेरिकी दूतावास (US Embassy) से संपर्क किया. महिला की मां की शिकायत के बाद दूतावास ने मामले की नई दिल्ली डिस्ट्रिक पुलिस (News Delhi District Police) ये मामला सौंप दिया. पुलिस ने कहा कि पीड़ित के भारत आने के ढाई महीने से अधिक समय के बाद मामला दर्ज किया गया था.
दूसरी बार भी नहीं हो सकी पूरी बात
मैक्लॉघलिन ने एक बार फिर से 10 जुलाई को व्हाट्सएप पर एक वीडियो कॉल (WhatsApp Video Call) के जरिए अपनी मां से बात की. लेकिन इससे पहले कि उसकी मां को उसके बारे में कुछ और जानकारी मिलती, एक आदमी कमरे में आया और उनकी कॉल कट गई.
पुलिस को मिला पहला सुराग
पुलिस ने कहा कि उन्होंने इस केस में तकनीकी खुफिया जानकारी का इस्तेमाल किया. इसके लिए पुलिस ने महिला के लेटेस्ट लोकेशन का पता लगाने के लिए याहू डॉट कॉम से भी मदद मांगी गई. जिससे पता चला कि मैकलॉघलिन ने 9 जुलाई को अपने इमीग्रेशन दस्तावेज़ कार्य के बारे में अमेरिकी नागरिक सेवाओं को एक ई-मेल भेजा था. अधिकारी ने कहा कि जब इमीग्रेशन ब्यूरो से कथित पीड़िता का पता लगाने के लिए उसका इमिग्रेशन फॉर्म चेक किया गया तो उसमें महिला ने भारत में अपने रहने का पता ग्रेटर नोएडा दर्ज किया हुआ था.
ऐसे हुई महिला की गिरफ्तारी
इसके बाद पुलिस ने तुरंत होटल में छापेमारी की, जहां महिला के रुकने का संदेह था. लेकिन होटल के कर्मचारियों ने कहा कि इस नाम से किसी ने भी उनके होटल में चेक इन नहीं किया था. इस बीच, जांचकर्ताओं ने पाया कि मैकलॉघलिन अपनी मां को वीडियो कॉल करने के लिए किसी और के वाईफाई का उपयोग कर रही थी. पुलिस ने उसी आईपी अड्रेस से जुड़े मोबाइल नेटवर्क को ट्रैक किया. जो पुलिस को गुरुग्राम में एक 31 वर्षीय नाइजीरियाई नागरिक ओकोरोफोर चिबुइके ओकोरो तक ले गया. उसने पुलिस को बताया कि महिला ग्रेटर नोएडा में रह रही थी. उसके इनपुट के बाद, पुलिस ने मैक्लॉघलिन को ट्रैक किया और उसे गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस पूछताछ में महिला ने खोले राज
मैक्लॉघलिन ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसी ने ही अपने किडनैपिंग की फर्जी कहानी बनाई थी. महिला ने बताया कि उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि भारत आने के कुछ दिनों के भीतर ही उसके पास पैसे खत्म हो गए थे. जिसके बाद उसने और उसके प्रेमी ओकोरो ने अपने माता-पिता से पैसे वसूलने की योजना बनाई. पुलिस ने कहा कि महिला का पासपोर्ट छह जून को समाप्त हो गया था और उसके प्रेमी के पासपोर्ट की भी वैधता समाप्त हो गई थी. पुलिस ने बताया कि वह ओकोरो के साथ रहने के लिए भारत आई थी, जिससे उसने यहां आने से पहले फेसबुक पर दोस्ती की थी. पुलिस ने कहा कि वैध पासपोर्ट और वीजा के बिना भारत में अधिक समय तक रहने के लिए दोनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
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