नई दिल्ली: दिल्ली सरकार वैट GST विभाग ने सायबर टैक्स फ़्रॉड के बड़े मामले का पर्दाफाश किया है. इस मामले में कुछ साइबर अपराधी दिल्ली सरकार और बैंको के वैट विभाग के आईडी पासवर्ड चुराकर 262 करोड़ रुपए का चूना लगा चुके हैं. टैक्स विभाग ने बताया कि ये फ्रॉड साल 2013 से चल रहा था. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसके बारे में जानकारी दी है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली में 27 बैंकों के ज़रिए टैक्स जमा किया जाता है. साइबर अपराधियों ने 13 बैंकों और संबंधित विभाग के आईडी पासवर्ड चुराए और 262 करोड़ रुपये के लेनदेन उसमें दिखा दिए.


बताया जा रहा है कि ये फर्जीवाड़ा साल 2013 से चल रहा था और इसमें 8 हज़ार 700 ट्रेडर्स भी शामिल थे. सरकार ने बताया कि तीन महीने पहले हमें इसकी जानकारी मिली थी. तभी से इसे हम इस पर नज़र बनाये हुये थे और सिस्टम को हाई अलर्ट पर रखा हुआ था. सरकार ने आर्थिक अपराध शाखा (EOW) में इसकी FIR भी दर्ज करवा दी है. सिसोदिया ने कहा कि अगर डिपार्टमेंट में भी मिलीभगत होगी किसी को छोड़ा नहीं जायेगा.


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कैसे हो रहा था टैक्स फ्रॉड?


दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के मुताबिक साढ़े आठ हज़ार से ज़्यादा ट्रेडर्स ने हमारे वैट सिस्टम में फिक्टिसियस ID बनाई. उसके साथ-साथ जिन बैंकों में टैक्स जमा होता है, उनमें से 13 बैंकों में ID जनरेट और क्रैक की गयी. वैट जमा करने के सिस्टम को भी क्रैक किया. इन व्यपारियों ने जनता से तो टैक्स लिया लेकिन बैंकों और सिस्टम में टैक्स जमा करने की एंट्री दिखा देते थे लेकिन सच्चाई में टैक्स जमा नहीं कराते थे. इससे ऐसा लगता था कि टैक्स बैंक में आया और हमारे सिस्टम में जमा हो गया.


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फिलहाल सरकार ने इस मामले में FIR दर्ज करवा दी है. सरकार को आशंका है कि अभी 262 करोड़ का मामला पकड़ में आया है हो सकता है ये फ्रॉड इससे ज़्यादा का हो. कौन लोग ये फ्रॉड कर रहे थे ये अभी जांच का विषय है.


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