(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की मीटिंग कल, स्कूल और जिम खोलने पर हो सकता है फैसला
इससे पहले 27 जनवरी को जो DDMA की मीटिंग हुई थी. उसमें बाजारों को पूरी तरह खोलने के साथ-साथ सरकारी दफ़्तर, सिनेमा हॉल और रेस्टोरेंट भी 50% फ़ीसदी क्षमता के साथ खोलने का फ़ैसला लिया गया था.
नई दिल्ली: दिल्ली में कल यानी 4 फ़रवरी को DDMA ( दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी) की बैठक होनी है. इस बैठक में कोरोना की मौजूदा स्थिति पर चर्चा होगी, जिसके बाद यह तय किया जायेगा कि दिल्ली में जो प्रतिबंध लगाये गये है क्या उनमें किसी तरह की ढील दी जा सकती है या नहीं. हालाँकि इससे पहले 27 जनवरी को जो DDMA की मीटिंगहुई थी उसमें बाजरों को पूरी तरह खोलने के साथ-साथ सरकारी दफ़्तर, सिनेमा हॉल और रेस्टोरेंट भी 50% फ़ीसदी क्षमता के साथ खोलने का फ़ैसला लिया गया था.
ऐसे में इस बार की मीटिंग में सबका ध्यान इस बात पर है कि क्या अब दिल्ली में स्कूल और जिम भी खोले जा सकेंगे. दरअसल पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामलों में लगातार कमी आयी है, संक्रमण दर भी 5 फ़ीसदी से नीचे चली गयी है. ऐसे में ये माना जा रहा है कि अब स्कूल और जिम खोलने और नाइट कर्फ़्यू ख़त्म करने पर सरकार फ़ैसला ले सकती है.
कुछ दिनों पहले पैरेंटस एसोसिएशन से जुड़े एक डेलीगेशन ने इस मामले में दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से भी मुलाक़ात की थी जिसमें उन्होंने माँग की थी कि अब स्कूलों को पूरी तरह से खोल देना चाहिये क्योंकि मानसिक और शारिरिक तौर पर बच्चों का विकास नहीं हो पा रहा है, बच्चे ऑनलाइन क्लास से उतना नहीं सीख पा रहे हैं जितना स्कूल जाकर सीखते है. इनकी माँग पर शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने तब सहमति भी जतायी थी और DDMA की मीटिंग में इस प्रस्ताव को रखा भी था लेकिन तब इस पर सभी की सहमति नहीं बना पायी.
अब कल होने वाली DDMA की मीटिंग से पहले इन सभी पैरेंटस ने एक बार फिर ये मांग की है कि सरकार स्कूल खोलने का फ़ैसला ले. शिक्षा मंत्री से मुलाक़ात करने वाले इन पैरेंट्स ने बातचीत में बताया कि बाक़ी जगह स्कूल खुल गये लेकिन दिल्ली में स्कूल नहीं खुल रहे है, इसका बच्चों पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है. इन्होंने बताया कि बच्चों की मानसिक स्थिति पर इसका काफ़ी ज़्यादा असर देखने को मिल रहा है, छोटे बच्चे ये तक भूल गये हैं कि क्लासरूम और स्कूल कैसा होता है? ऑफ़लाइन पढ़ाई कैसे होती है? एक बच्चे की माँ ने कहा कि वर्किग पैरेंट के लिये ये सबसे ज़्यादा मुश्किल वक्त है, एक तरफ़ ऑफिस खुल गये हैं जबकि स्कूल अभी बंद है, ऐसे में घर पर बच्चों को सँभालने के साथ ऑफिस का काम करना आसान नहीं होता, इसकी वजह से कई महिलाओं को नौकरी तक छोड़नी पड़ी है.
इसके साथ ही दिल्ली प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने भी सरकार और LG से माँग की है कि अब स्कूल जल्द ही खुल जाने चाहिये. दिल्ली प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष आर सी जैन ने कहा कि बाक़ी राज्यों में स्कूल अब खुलने शुरू हो गये है ऐसे में दिल्ली में भी नर्सरी से लेकर बारहवीं तक के सभी क्लास के लिये स्कूलों को खोल देना चाहिये. उन्होंने कहा कि सभी स्कूल इसके लिये पूरी तरह तैयार है.
एक सर्वे में भी ये जानकारी निकल कर आयी है कि दिल्ली के 48% पैरेंट्स चाहते हैं कि स्कूल अब खुल जाने चाहिये जबकि 69% पैरेंट्स का ये मानना है कि दिल्ली में कोरोना की संक्रमण दर जब 2% से नीचे चले जाए तब वो अपने बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार है. हालाँकि कुछ दिनों पहले दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया का भी इस पर एक बयान सामने आया था जिसमें मनीष सिसोदिया ने कहा कि कोरोना के दौरान हमारे लिए बच्चों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता थी, लेकिन अब जिस प्रकार से विभिन्न रिसर्च के माध्यम से यह निकल कर आ रहा है कि कोरोना छोटे बच्चों के लिए घातक नहीं है. ऐसे में यह बेहद जरुरी हो गया है कि जल्द से जल्द स्कूलों को खोला जाए, क्योंकि अब यह समय परीक्षाओं व उससे संबंधित तैयारियों का भी है. मनीष सिसोदिया ने कहा कि विश्व के कई देशों में और भारत में भी कई राज्यों में अब स्कूलों को खोला जा रहा है.
दिल्ली में मौजूदा कोरानो स्थिति की बात करें तो दिल्ली सरकार द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक़ पिछले 24 घंटे में कोरोना के 3,028 नए मामले सामने आए हैं जबकि संक्रमण दर 4.73 फीसदी पर पंहुच गयी है. पिछले 24 घंटे में कोरोना से 27 लोगों की मौत भी हुयी है. लगातार घटते इन मामलों को देखते हुये ये अंदेशा जताया जा रहा है कि DDMA की इस मीटिंग में स्कूल और जिम खोलने का फ़ैसला सरकार ले सकती है, उम्मीद ये भी जतायी जा रही है कि नाइट कर्फ़्यू हटाने पर भी सरकार इस मीटिंग में कोई फ़ैसला ले सकती है.
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