UN Security Council Committee: भारत की अगुवाई में हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के आतंकवाद निरोधक कमेटी की बैठक के बाद दिल्ली घोषणा पत्र पारित हुआ है. इसमें नई और उभरती तकनीकों से पैदा आतंकी खतरों के खिलाफ मजबूत उपाय करने पर सहमति बनी. बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ कई मुद्दों को उठाया था. उन्होंने पाकिस्तान और चीन को भी आड़े हाथ लिया था. साथ ही आतंकवाद में नई तकनीकों के इस्तेमाल पर रोक लगाने पर जोर दिया था.


‘दिल्ली घोषणापत्र’ (Delhi Declaration) नामक यह दस्तावेज़, आतंकवादी उद्देश्यों के लिए नई और उभरती टैक्नॉलॉजी के इस्तेमाल पर लगाम कसने पर केंद्रित है. बैठक के दौरान इस चुनौती के अनेक पहलुओं पर चर्चा हुई थी. यह बैठक 28 अक्टूबर को मुंबई के ताज होटल और 29 अक्टूबर को नई दिल्ली ताज पैलेस में आयोजित की गई थी, जिसमें सदस्य देशों के प्रतिनिधियों, यूएन अधिकारियों, नागरिक समाज संस्थाओं, निजी सैक्टर और शोधकर्ताओं ने हिस्सा लिया था.


दिल्ली घोषणा पत्र के अहम बिंदु



  • इस बात पर सहमति जताई गई है कि आतंकवाद हर आकार और शक्ल में अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है. इस खतरे से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर प्रयासों को अधिक कारगर बनाने की जरूरत है. 

  • आतंकवाद को किसी जाति धर्म, नागरिकता या सभ्यता से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. 

  • इस बात पर चिंता जताई गई कि इंटरनेट और सोशल मीडिया समेत सूचना व संचार साधनों का इस्तेमाल आतंकी कामों के लिए बढ़ रहा है. 

  • क्राउडफंडिंग प्लेटफार्म जैसे वित्तीय तकनीकों के आतंकी फंडिंग में दुरुपयोग का खतरा मौजूद है.

  • वैश्विक स्तर पर मानव रहित विमानों का क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर पर हवाई हमलों के लिए बढ़ता इस्तेमाल चिंताजनक है.

  • सभी सदस्य देशों से आग्रह किया गया कि वह आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएं, जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत उनकी जिम्मेदारी भी है.

  • नई और उभरती तकनीकों के आतंकी इस्तेमाल पर चर्चा को G20 समिट और अंतरराष्ट्रीय मंचो पर भी जारी रखा जाना चाहिए

  • एक समग्र आतंकवाद निरोधक संधि के लिए प्रयास जारी रहना चाहिए.

  • नई तकनीकों का आतंकी इस्तेमाल रोकने के लिए निजी क्षेत्र सिविल सोसाइटी संगठनों और महिला संगठनों के साथ सहयोग बढ़ाने की जरूरत है.

  • संयुक्त राष्ट्र से जुड़ा 'आतंकवाद के खिलाफ तकनीक' जैसा प्रयास महत्वपूर्ण है.

  • यह जरूरी है कि आईएसआईएस, अलकायदा और इनसे जुड़े संगठनों की तरफ से आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए लोगों की भर्ती के प्रयासों को प्रभावी तरीके से रोका जाए. 

  • आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी प्रचार और तकनीकों का इस्तेमाल करते रहना जरूरी है. 

  • वर्चुअल ऐसेट और वर्चुअल ऐसेट सर्विस प्रोवाइडर संस्थाओं के संबंध में एफएटीएफ के प्रयास महत्वपूर्ण है.

  • बैठक में तय किया गया कि नई भुगतान और फंडरेजिंग तकनीकों के आतंकी इस्तेमाल को रोकने और मानव रहित विमानों के दुरुपयोग की रोकथाम को लेकर सदस्य देश प्रयासों को आगे बढ़ाएंगे.


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