Delhi-Dehradun Expressway: सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे( Delhi-Dehradun Expressway) परियोजना में उल्लेखनीय सफलता मिली है. केंद्रीय मंत्री गडकरी ने बताया कि इस एक्सप्रेसवे का आखिरी 20 किलोमीटर का हिस्सा राजाजी राष्ट्रीय उद्यान के पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र से होकर गुजरता है. अब इस 20 किलोमीटर मार्ग का निर्माण हो रहा है. यहां पर एशिया का सबसे लंबा वन्य जीव गलियारा (12 किमी.) बनाया जा रहा है, जिसमें 340 मीटर की डाट काली सुरंग भी शामिल हैं.


केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ट्विटर थ्रेड में कहा कि सुरंग का उद्देश्य आसपास के वन्य जीवों की रक्षा करना है. उन्होंने कहा कि एक बार शुरू होने के बाद यह एक्सप्रेसवे देहरादून से दिल्ली की छह घंटे की यात्रा को घटाकर ढाई घंटे कर देगा और दिल्ली से हरिद्वार की यात्रा पांच घंटे से घटकर दो घंटे रह जाएगी.






दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को कब मंजूरी मिली? 
सुप्रीम कोर्ट से अप्रैल 2022 में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को हरी झंडी मिली थी. इस दौरान कोर्ट ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(NGT) की तरफ से नियुक्त एक्सपर्ट पैनल के भी पुनर्गठन का निर्देश दिया था. बता दें कि  उच्चतम न्यायालय ने एनजीटी को एक्सपर्ट पैनल  बनाने के लिए इसलिए कहा क्योंकि एक्सप्रेसवे के कारण  करीब 11 हजार पेड़ काटे जाने थे. एक्सपर्ट पैनल को कोर्ट ने जिम्मेदारी दी थी कि वो वनरोपण  करेगा.   


क्यों हो रहा विरोध? 
यह एक्सप्रेसवे यूपी के गणेशपुर से लेकर उत्तराखंड के अशारोदी (20 किलोमीटर) से भी होकर गुजरता है. यह 20 किलोमीटर जंगल के इलाके से गुजरने के कारण करीब 11 हजार पेड़ों को काटा जाना है. कई पर्यावरणविद और एनजीओ इस कारण इसका विरोध कर रहे हैं.


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