Delhi Dengue News: कोरोना की तीसरी लहर की सम्भावना के बीच दिल्ली में डेंगू का खतरा भी मंडरा रहा है. दिल्ली नगर निगम द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में अगस्त के महीने में अब तक कुल 124 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. हालांकि गनीमत की बात ये है कि इस साल डेंगू से मौत का अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है. इन 124 मामलों में से-
उत्तरी दिल्ली नगर निगम से 21 केस
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम से 39 केस
पूर्वी दिल्ली नगर निगम से 12 केस
NDMC के इलाकों से 7 केस
दिल्ली कैंट से 2 केस
जांच के बाद अनट्रेस्ड 43 केस शामिल हैं.
- चिंता की बात ये है कि इन 124 मामलों में 72 मामले अकेले अगस्त के महीने में आये हैं जो कि कुल मामलों का 58 फीसदी है. वहीं 1 सितंबर से 4 सितंबर की अवधि के बीच कोई नया मामला नहीं मिला है.
- दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक मुताबिक 1 जनवरी से 4 सितंबर की अवधि में 2018 के बाद इस साल 2021 में सबसे ज़्यादा लोग डेंगू की चपेट में आए हैं. साल 2018 में इस अवधि तक 137 डेंगू के केस रिपोर्ट हुए थे. जबकि इस अवधि के दौरान 2019 में 122 और 2020 में 96 केस डेंगू के मिले थे.
- डेंगू के अलावा इस साल 4 सितंबर तक मलेरिया के कुल 57 और चिकनगुनिया के कुल 32 केस मिले हैं.
बीते दिनों दिल्ली में जमकर बारिश हुई है और जगह-जगह जलभराव भी हुआ है. जिसके बाद डेंगू मलेरिया जैसी बीमारियां फैलने का खतरा भी बढ़ गया है. दवाई का छिड़काव कराना, फॉगिंग, घरों में लार्वा की चेकिंग आदि का ज़िम्मा दिल्ली नगर निगम के पास है. पूर्वी दिल्ली नगर निगम में फॉगिंग और दवाई के छिड़काव का काम कराया जा रहा है. खुली नालियों में स्प्रे गन से दवाई का छिड़काव हो रहा है, घरों और गलियों में छोटी मशीन के ज़रिए फॉगिंग की जा रही है, इसके साथ ही पैम्फलेट बांटकर लोगों को डेंगू मलेरिया और चिकनगुनिया से सावधान रहने और लार्वा न पनपने देने के बारे में जागरूक किया जा रहा है.
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मेयर श्याम सुंदर अग्रवाल ने तैयारी में देरी की बात से इंकार किया. उनका कहना है कि हमारी ओर से कोई देरी नहीं हुई है. हम लगातार काम कर रहे हैं पूरी ईडीएमसी में हमारे कर्मचारी दवाइयों का छिड़काव कर रहे हैं. सितंबर महीने से ही हमने फॉगिंग की शुरुआत भी कर दी है, स्वास्थ्य कारणों से इस को लगातार नहीं कर सकते. इसलिये सुप्रीम कोर्ट और डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के मुताबिक 1 सितंबर से छोटी और बड़ी मशीन के माध्यम से फॉगिंग की शुरुआत कर दी गई है. फॉगिंग में हम पेट्रोल और दवाई का इस्तेमाल करके छिड़काव करते हैं. जिन जगहों पर बड़ी मशीन जा सकती है वहां बड़ी मशीन से छिड़काव करते हैं. नालियों में जो लार्वा होता है उसके लिए नालियों में दवाई का छिड़काव किया जाता है. घरों में भी छिड़काव किया जा रहा है. घरों में हमारी टीम जाकर पानी की टंकी, कूलर और बाल्टी में जमा पानी को चेक कर रही है. हर घर में कूलर में डालने वाली दवाइयां बांट रहे हैं. एक घर की 2 महीने में 5 बार चेकिंग करते हैं. दुकानों में भी चेकिंग की जाती है. हर व्यक्ति को जागरूक करते हैं और लगातार अभियान चलाते हैं. पूर्वी दिल्ली में अभी 12 केस आये हैं लेकिन हमारा लक्ष्य है कि एक भी केस न आए.
पूर्वी दिल्ली नगर निगम में साउथ ज़ोन के डीएचओ डॉ संतोष तोमर ने बताया कि हमने 3 तरह से एरिया का डिवीजन किया हुआ है, पहला यमुना रिवर बेल्ट का एरिया है यहां पर वेक्टर की डेंसिटी बहुत ज्यादा होती है क्योंकि मॉनसून में ब्रीडिंग होने के ज्यादा चांस होते हैं. दूसरा आसपास के राज्यों से लगे हुए जो इलाके हैं और तीसरा इन दोनों बेल्ट के बीच में जो एरिया आता है जिनमें वेक्टर पैदा होने के चांसेस कम होते हैं. हम घर-घर पर ब्रीडिंग चेकिंग करते हैं, कूलर में टेमिफूज़ ग्रैंन्यूल्स डालते हैं, इंडोर फॉगिंग करा रहे हैं और हाई डेंसिटी वाले इलाकों में आउटडोर फॉगिंग करा रहे हैं. बड़े नालों में मेलोथॉन के गद्दे मानसून से पहले डाल दिये गए थे.
डेंगू के बढ़ते मामलों को लेकर आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने एमसीडी पर निशान साधते हुए कहा कि मैं दिल्ली में रहता हूं और मैं अभी भी इंतजार कर रहा हूं कि एमसीडी वाले कब मेरे घर पर आकर चेकिंग करके जो नंबर लिख कर जाते हैं मलेरिया विभाग का वह लिखकर जाएं. मैंने अभी तक मलेरिया विभाग को देखा नहीं है. मुझे लगता है कि दिल्ली सरकार की तरफ से एमसीडी को आदेश दिलवाएंगे एमसीडी को कि जो मलेरिया विभाग है वह थोड़ा सजग हो जाए, क्योंकि अगर इसकी रोकथाम कर लेंगे तभी बच पाएंगे. अगर एक बार यह डेंगू फैल गया तो उसको बचाव कर पाना मुश्किल हो जाएगा. हम लोग भी कोशिश करेंगे कि एमसीडी को इसके लिए थोड़ा दुरुस्त करें ताकि उसकी रोकथाम की जा सके.
कोरोना के खतरे के बीच डेंगू के बढ़ते मामले दिल्ली के लिये चिंता का सबब बनते जा रहे हैं. बीते कुछ सालों में दिल्ली में डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों के मामलों पर लगाम लगी है, लेकिन इस बार अगस्त के महीने में मामलों में आया उछाल सभी सरकारी एजेंसियों के लिए खतरे की घन्टी है.
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