दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को हरियाणा सरकार पर दिल्ली के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति रोकने का आरोप लगाया. गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी के कई अस्पताल लगातार दूसरे दिन ऑक्सीजन की कमी के बीच कोरोना वायरस के मरीजों की जान बचाने की कोशिश में लगे हुए है. उधर हरियाणा सरकार ने सिसोदिया के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि प्रशासन में से किसी ने भी कुछ बाधित नहीं किया है.


उपमुख्यमंत्री ने केंद्र से ऑक्सीजन कोटा बढ़ाने की मांग की


बता दें कि सिसोदिया ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्यों के लिए ऑक्सीजन का कोटा केन्द्र निर्धारित करता है और आम आदमी पार्टी सरकार केन्द्र से दिल्ली के लिए ऑक्सीजन कोटा 378 मीट्रिक टन से बढ़ा कर 700 मीट्रिक टन करने की मांग करती रही है. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने इस संबंध में अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है.सिसोदिया ने कहा,‘‘ हम फिर से मांग करते हैं कि केन्द्र बढ़ती खपत को देखते हुए हमारा ऑक्सीजन कोटा बढ़ाकर 700 मीट्रिक टन करे. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान सहित कई राज्यों के मरीज शहर के अस्पतालों में भर्ती हैं.’’


हरियाणा सरकार के एक अधिकारी ने रोकी ऑक्सीजन की आपूर्ति


उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार के एक अधिकारी ने फरीदाबाद के एक संयंत्र से दिल्ली के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति रोकी थी. सिसोदिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मंगलवार को एक इसी प्रकार की घटना हुई,जिससे कुछ अस्पतालों में संकट पैदा हुआ. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की आपूर्ति अब बहाल हो गई है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की मांग है कि राज्यों को उनके हिस्से में आवंटित ऑक्सीजन की मात्रा मिलनी चाहिए और उसमें किसी का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए.


हरियाणा सरकार ने सभी आरोपों से किया इंकार


वहीं  हरियाणा के मुख्य सचिव विजय वर्धन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ' दिल्ली को कोई आपूर्ति बंद नहीं की गई है, यह सच नहीं है. इससे पहले हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने दिन में आरोप लगाया कि अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के मरीजों के लिये ऑक्सीजन लेकर पानीपत से फरीदाबाद जा रहे एक टैंकर को दिल्ली सरकार द्वारा ‘‘लूट लिया गया.’’ उन्होंने कहा कि सभी ऑक्सीजन टैंकरों का आवागमन अब पुलिस सुरक्षा में होगा.


दिल्ली को ऑक्सीजन से कर दिया गया है महरूम


दिल्ली सरकार ने एक बयान में कहा,‘‘ यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य दिल्ली के लिए जीवन रक्षक ऑक्सीजन की आपूर्ति में कटौती कर रहे हैं.’’ बयान में कहा गया, ‘‘ हरियाणा सरकार की ही भांति उत्तर प्रदेश सरकार ने भी ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों पर अवैध कब्जा कर लिया है और दिल्ली को ऑक्सीजन से महरूम कर दिया है. इससे भी खराब बात यह है कि उच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेश के बावजूद वे इस तरह के असंवेदनशील काम में लिप्त हैं.’’


राजधानी के कई अस्पतालों ने आक्सीजन की आपूर्ति रोकने का लगाया था आरोप


बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी के कई अस्पतालों ने बुधवार को आरोप लगाया था कि हरियाणा सरकार विक्रेताओं को उन्हें ऑक्सीजन की आपूर्ति करने की मंजूरी नहीं दे रही है और उनके पास ऑक्सीजन की सीमित मात्रा बची है.  एक अधिकारी के अनुसार पूसा रोड स्थित सर गंगा राम सिटी अस्पताल के पास शाम साढ़े चार बजे के आसपास पांच घंटे की ऑक्सीजन शेष थी और अस्पताल में कोविड के 58 मरीज हैं जिनमें से दस मरीज सघन देखभाल कक्ष (आईसीयू) में भर्ती हैं. एक अधिकारी ने कहा,‘‘ विक्रेता के प्रतिनिधि ने बताया कि हरियाणा सरकार उसे पूसा रोड के सर गंगा राम सिटी अस्पताल को ऑक्सीजन सिलेंडर और तरल ऑक्सीजन की आपूर्ति करने की मंजूरी नहीं दे रही है.’’ सेंट स्टीफेंस अस्पताल के एक प्रवक्ता ने आरोप लगाया, ‘‘ हरियाणा सरकार हमारे विक्रेता को हमें ऑक्सीजन की आपूर्ति करने की अनुमति नहीं दे रही है.अस्पताल में भर्ती 350 मरीजों में से कम से कम 200 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं.’’


फरीदाबाद की उपायुक्त ने आरोपों  से किया इंकार


फरीदाबाद की उपायुक्त गरिमा मित्तल ने भी इन आरोपों से इनकार किया कि फरीदाबाद के एक संयंत्र से दिल्ली को ऑक्सीजन की आपूर्ति रोक दी गई थी. मित्तल ने पीटीआई भाषा से कहा,‘‘ ऐसा हरगिज नहीं है कंपनी के कुछ टैंकर मेरठ से फरीदाबाद के संयंत्र में पहुंच रहे हैं और हमेशा की तरह उनके पहुंचने पर भरे जाएंगे और आपूर्ति की जाएगी.’’ हरियाणा के मुख्य सचिव विजय वर्धन ने कहा कि फरीदाबाद संयंत्र से 32 अस्पतालों को आपूर्ति की जाती है, जिनमें से 25 दिल्ली में हैं.


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