Manish Sisodia Arrested By CBI: दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की गिरफ्तारी से पहले सीबीआई (CBI) कई बार उनके खिलाफ एक्शन में है. करीब 6-7 महीने से सीबीआई लगातार सिसोदिया पर शिकंजा कसे हुए थी. 19 अगस्त 2022 को सीबीआई ने उनके घर पर पहला छापा मारा था. यह कार्रवाई करीब 5 से 6 घंटे चली थी. तब उन्होंने खुद बताया था कि 'उनके घर पर सीबीआई आई है. उनका स्वागत है. हम कट्टर ईमानदार हैं. लाखों बच्चों का भविष्य बना रहे हैं'. 


इसके बाद  30 अगस्त 2022 को सिसोदिया के बैंक लॉकर की तलाशी ली गई. गाजियाबाद के वसुंधरा स्थित मेवाड़ कॉलेज के पीएनबी बैंक में सीबीआई की टीम ने सिसोदिया और उनकी पत्नी की मौजूदगी में तलाशी ली थी. हालांकि, उन्होंने तलाशी के बाद दावा किया था कि सीबीआई को उनके लॉकर से कुछ नहीं मिला. उन्होंने तंज किया कि प्रधानमंत्री की जांच में उनका परिवार पाक साफ है. 


CBI की चार्जशीट में नहीं था सिसोदिया का नाम 


मामले में 25 नवंबर 2022 को सीबीआई की चार्जशीट सामने आई. चार्जशीट में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम नहीं था. हालांकि, सात लोगों को इसमें आरोपी बनाया गया था. तब सिसोदिया ने कहा था कि चार्जशीट से साफ है कि कोई शराब घोटाला हुआ ही नहीं है.  बीजेपी ने शराब घोटाले के नाम पर परेशान और बदनाम किया है. साथ ही उन्होंने दिल्ली के एलजी के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी उठाई थी. क्योंकि इस मामले में एलजी विनय सक्सेना ने ही सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. 


19 फरवरी को सिसोदिया ने मांगा था CBI से समय 


मामला शांत होता नजर आ ही रहा था कि सीबीआई ने 19 फरवरी 2023 को पूछताछ के लिए सिसोदिया को समन जारी कर दिया. इसपर दिल्ली बजट का हवाला देते हुए सिसोदिया ने समय मांगा और फरवरी के आखिर में कभी भी बुलाने की बात कही. मामले में बीते दिन यानी 26 फरवरी 2023 को करीब 8 घंटे चली पूछताछ के बाद अब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. आप के तमाम नेता और कार्यकर्ता इसके खिलाफ केंद्र पर हमला बोले हुए हैं. आज आप देशव्यापी विरोध प्रदर्शन भी करेगी. 


सिसोदिया पर कितनी धाराएं लगी हैं?



  • धारा 7 (भ्रष्टाचार निरोधक कानून). इसमें न्यूनतम 3 साल, अधिकतम 7 साल की जेल और जुर्माने की सजा है. 

  • धारा IPC 120 B (आपराधिक साजिश) के तहत कार्रवाई होगी. इसकी सजा 6 महीने जेल/जुर्माना या दोनों भी हो सकते हैं. 

  • सिसोदिया के खिलाफ धारा IPC 477 A (धोखाधड़ी का इरादा) के तहत भी कार्रवाई की जाएगी. इसमें 7 साल जेल/जुर्माना या दोनों की सजा का प्रावधान है. 



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