Manish Sisodia Attack On LG: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल्स की भर्ती पर राजनीति शुरू हो चुकी है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल पर डर्टी पॉलिटिक्स करने का आरोप लगाया है. सिसोदिया ने दावा किया कि केंद्र सरकार और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने पिछले 7 सालों में दिल्ली सरकार के स्कूलों में प्रिंसिपल्स की भर्ती रोक रखी है. उन्होंने कहा, "LG दफ्तर की ओर से जारी किए गए दावे गलत और झूठे हैं."


इससे पहले उपराज्यपाल के दफ्तर ने दावा किया कि राजधानी के सरकारी स्कूलों में प्रधानाचार्यों और उप शिक्षा अधिकारियों के 126 पदों को मंजूरी दे दी है, जो दो साल से अधिक समय से खाली पड़े थे. एलजी दफ्तर की ओर से कहा गया, "दिल्ली के शिक्षा विभाग की ओर से प्रस्तावित प्राचार्यों और उप शिक्षा अधिकारियों के 244 पदों को समाप्त करने के प्रस्ताव को भी रोक दिया है क्योंकि ये पद भी पांच साल से अधिक समय से खाली पड़े थे."


एलजी दफ्तर ने क्या कहा?


एलजी दफ्तर ने अधिकारियों ने कहा, "उपराज्यपाल सक्सेना ने शिक्षा विभाग से प्रधानाध्यपक या उप शिक्षा अधिकारी के पदों को समाप्त करने या सृजन के लिए एक उपयुक्त प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए कहा है."


वहीं, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक बयान में कहा, "यह दावा झूठ का नया पुलिंदा है और तथ्य को छिपाने का घोर प्रयास है. तथ्य यह है कि केंद्र सरकार और एलजी कार्यालय ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति को सात साल से अधिक समय से रोक रखा है."


'2013-14 से खाली पड़े हैं पद'


अधिकारियों ने कहा, "सरकार के नियमों में दो साल से अधिक समय से खाली पड़े पदों को समाप्त समझा जाएगा और पांच साल से अधिक समय से खाली पड़े पदों को निश्चित समाप्त माना जाएगा." उन्होंने कहा, "शिक्षा निदेशालय की ओर से वर्ष 2013-14 से 2019 तक भर्ती नियमों के अनुसार इन 370 पदों (126 डीम्ड समाप्त पद और 244 समाप्त पद माने गए) को पदोन्नति के माध्यम से भरा जाना था."


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