मनीष सिसोदिया ने कहा- अच्छी और सस्ती शिक्षा के खिलाफ है बीजेपी
सिसोदिया ने दावा किया कि जब दिल्ली सरकार ने छात्रों की फीस देने का फैसला किया तो दिल्ली बीजेपी नेताओं ने केंद्र से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की परीक्षा फीस बढ़ाने को कह दिया.
नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को बीजेपी पर “अच्छी और किफायती” शिक्षा के खिलाफ होने का आरोप लगाया. साथ ही उन्होंने सीबीएसई परीक्षा शुल्क में बढ़ोतरी को शहर के “छह लाख परिवारों पर बोझ” बताते हुए इस बारे में पार्टी से स्पष्टीकरण मांगा. सिसोदिया की यह टिप्पणी बीजेपी द्वारा आप पर ‘‘किसी अन्य द्वारा किए गए कार्य’’ का श्रेय लेने का आरोप लगाए जाने के कुछ घंटे बाद आई. आगामी विधानसभा चुनाव से पहले दोनों पार्टियों के बीच एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला.
बता दें कि सीबीएसई ने गत अगस्त में कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं के बोर्ड परीक्षा शुल्क में 1,150 रुपये तक की बढ़ोतरी की. यह बढ़ोतरी पांच साल में पहली बार की गई. दिल्ली के शिक्षा मंत्री का प्रभार संभालने वाले सिसोदिया ने यह आरोप भी लगाया कि बीजेपी “अच्छी और किफायती” शिक्षा के खिलाफ है.
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार सरकारी स्कूली छात्रों की पूरी फीस वहन करने को अभी भी प्रतिबद्ध है, बीजेपी के इस कदम ने दिल्ली में निजी स्कूली छात्रों पर भारी वित्तीय बोझ थोप दिया है. सिसोदिया ने कहा, ‘‘ये परिवार बीजेपी को माफ नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि फीस बढ़ाकर बीजेपी ने दिल्ली के छह लाख परिवारों पर बोझ डाल दिया है. यह दिखाता है कि बीजेपी शिक्षा के खिलाफ है.’’
सिसोदिया ने कहा, ‘‘बीजेपी एक ऐसी राजनीतिक पार्टी है जो शिक्षा सुधार के पूरी तरह से खिलाफ है. आज मैं बीजेपी नेताओं से यह सवाल पूछना चाहता हूं कि वे आप सरकार के किफायती शिक्षा मॉडल के खिलाफ क्यों हैं? मैं यह भी पूछना चाहता हूं कि बीजेपी पूरे भारत में किफायती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के विचार के क्यों खिलाफ है?’’
सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की है कि दिल्ली सरकार सरकारी स्कूलों के सभी कक्षा 10 और 12 के छात्रों की पूरी सीबीएसई परीक्षा फीस का भुगतान करेगी.
उन्होंने कहा, ‘‘यह शुल्क सामान्य के लिए 450 रुपये और एससी/एसटी के लिए 125 रुपये था.’’
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में लगभग 44 लाख छात्र सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में पढ़ रहे हैं जिनमें से लगभग छह लाख 10वीं और 12वीं कक्षा में हैं.
सिसोदिया ने कहा कि उनकी सरकार के सीबीएसई परीक्षा शुल्क के भुगतान के निर्णय से सरकारी स्कूलों के 3.5 लाख से अधिक छात्रों को लाभ होगा.
उन्होंने कहा, ‘‘बीजेपी ने सोचा कि इस फैसले से उसकी राजनीति प्रभावित होगी, इसलिए दिल्ली बीजेपी के नेताओं ने तुरंत अपने राष्ट्रीय नेताओं से संपर्क कर सीबीएसई से इसकी फीस बढ़ाने के लिए कहा. इसके बाद दो अगस्त, 2019 को, सीबीएसई ने कक्षा 10 और 12 के लिए परीक्षा शुल्क में भारी बढ़ोतरी की घोषणा कर दी, जिसके तहत सामान्य वर्ग के लिए यह बढ़कर 1,950 रुपये और एससी/एसटी के लिए 1,650 रुपये हो गई है.’’
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