दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया कि उसने राष्ट्रीय राजधानी की चुनी हुई सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के अधिकारों को छीनकर वो शक्ति उप-राज्यपाल को देने का कानून पास किया है.


उन्होंने कहा कि GNCTD Act (Government of National Capital Territory of Delhi Act ) में बदलाव कर केन्द्र सरकार अब उप-राज्यपाल को इतनी पावर देने जा रही है, जो केन्द्र सरकार को रिपोर्ट करते हैं, जिससे वे दिल्ली सरकार के कामों को रोक सके. उन्होंने कहा कि इसके बाद दिल्ली सरकार के पास निर्णय लेने का अधिकार नहीं होंगे बल्कि एलजी के पास होगा.


सिसोदिया ने कहा कि यह सब बुधवार को बहुत ही गोपनीय तरीके से हुआ और खुफिया तरीके से इस कानून को कैबिनेट से पास किया गया. उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के खिलाफ तो है ही, यह संविधान के खिलाफ भी है.


दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय संविधान में यह साफ लिखा हुआ है कि दिल्ली में चुनी हुई सरकार के पास तीन चीज- जमीन, पुलिस, और पब्लिक ऑर्डर को छोड़कर दिल्ली की चुनी हुई सरकार, दिल्ली के विधानसभा सभी मसलों पर फैसले ले पाएगी.


गौरतलब है कि दिल्ली में अधिकारों को लेकर केन्द्र और दिल्ली सरकार के बीच टकराव होते रहे हैं. दोनों के बीच यह मामले सुप्रीम कोर्ट तक जा चुका है. ऐसे में, GNCTD Act बदलाव के केन्द्र के कदम के बाद एक बार फिर से दिल्ली सरकार और केन्द्र के बीच टकराव बढ़ना तया है. यह पर ध्यान देने वाली बात ये भी है कि केजरीवाल सरकार की तरफ से लगातार दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की जाती रही है.


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