नई दिल्ली: सर्दियों से पहले एक बार फिर दिल्ली में प्रदूषण का मुद्दा गरमा रहा है. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को केंद्र पर निशाना साधते हुए प्रदूषण की समस्या पर कोई कदम न उठाने की बात कही. सिसोदिया ने कहा कि सर्दियों से पहले उत्तर भारत के कई राज्यों में फसलों के अवशेष और पराली जलाने से प्रदूषण बढ़ जाता है. यह केवल दिल्ली की ही समस्या नहीं है, बल्कि पूरा उत्तर भारत इससे प्रभावित होता है.
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर साल भर कोई कदम नहीं उठाया और फिर कुछ बैठकों पर औपचारिकताएं पूरी की. उसके बाद भी केंद्र ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया. सिसोदिया ने कहा कि, केंद्र सरकार को उत्तर भारत में प्रदूषण को कम करने के लिए एक भूमिका निभानी होगी.
सिसोदिया ने कहा कि इस बार कोरोनावायरस के कारण स्थिति पहले से ही खराब है, ऐसे में प्रदूषण बढ़ने से समस्या और भी गंभीर हो जाएगी. गौरतलब है कि दिल्ली में कोरोना के मामले 3 लाख को पार कर गए हैं. राहत की बात यह है कि उनमें से बड़ी संख्या में लोग रिकवर भी हुए हैं.
प्रदूषण को लेकर हर साल होता है बवाल
खास बात यह है कि पिछले कई सालों से लगातार दिल्ली में सर्दियों के दौरान प्रदूषण गंभीर स्तर तक पहुंच जाता है. इसके पीछे उत्तर भारत के कई राज्यों में किसानों द्वारा पराली को जलाना बड़ी वजह होता है. पराली को लेकर केंद्र सरकार ने कई नियम भी बनाए हैं, लेकिन इसका कोई ठोस समाधान अब तक नहीं निकला है. ऐसे में दिल्ली सरकार कई सालों से केंद्र सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रही है. वहीं केंद्र सरकार इस मामले में दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराती है.