AAP Vs LG: दिल्ली में उपराज्यपाल वीके सक्सेना और केजरीवाल सरकार की लड़ाई बिजली बोर्ड तक पहुंच गई है. एलजी सक्सेना ने बिजली वितरण कंपनियों के डिस्कॉम बोर्ड से आप के दो मनोनीत सदस्यों को शनिवार (11 फरवरी) को हटा दिया है. इसको लेकर आने वाले दिनों में तकरार बढ़ सकती है. 


एलजी वीके सक्सेना बोर्ड से हटाने वालों में आप के प्रवक्ता जैस्मीन शाह और आप सांसद एनडी गुप्ता के बेटे नवीन गुप्ता को सरकार के नामित व्यक्ति के तौर पर हटा दिया. यह लोग अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली डिस्कॉम- बीवाईपीएल, बीआरपीएल और एनडीपीडीसीएल (टाटा) के बोर्ड में  नामित थे. 


'अधिकार नहीं है'


आप ने एलजी वीके सक्सेना डिस्कॉम के बोर्ड से शाह और गुप्ता को हटाने के आदेश को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने अवैध और असंवैधानिक बताया. उन्होंने दावा है कि सक्सेना के पास इस तरह के आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है. 


किस आधार पर हुआ फैसला? 


वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव की एक रिपोर्ट के आधार पर जैस्मिन शाह और नवीन गुप्ता को हटाया है. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि आप के दोनों नेताओं ने सरकारी खजाने से डिस्कॉम को वित्तीय लाभ प्रदान किए. इस पर आप कह चुकी है कि आरोप गलत है.  


मनीष सिसोदिया ने क्या कहा? 


डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली की चुनी हुई सरकार के लिए गए फैसलों को पलटने का एक नया चलन शुरू किया है. उन्होंने आरोपों को खारिज किया कि अरविंद केजरीवाल सरकार के नियुक्त सदस्यों ने निजी डिस्कॉम (बिजली वितरण कंपनियों) को 8,000 करोड़ रुपये का लाभ पहुंचाया. साथ ही सिसोदिया ने कहा कि सक्सेना कथित 'घोटाले' की जांच किसी केंद्रीय एजेंसी से करा सकते हैं. 


ये भी पढ़ें- Delhi: मनीष सिसोदिया पर लगे जासूसी के आरोपों की होगी CBI जांच, LG ने दी अनुमति, जानें- पूरा मामला