Delhi Drainage Master Plan: दिल्ली में बारिश के दौरान होने वाले जल भराव की समस्या को लेकर दिल्ली सरकार का दावा है कि बहुत जल्द ये समस्या दूर कर दी जाएगी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के ड्रेनेज मास्टर प्लान को लेकर आज दिल्ली सचिवालय में समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान जलमंत्री सत्येंद्र जैन, दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा और मुख्य सचिव समेत जल बोर्ड और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
बैठक में दिल्ली के ड्रेनेज मास्टर प्लान-2021 को लेकर रिपोर्ट पेश की गई. बैठक में आईआईटी दिल्ली द्वारा दिए गए सुझावों के मुताबिक नालियों में बदलाव करने का निर्णय लिया गया. साथ ही, दिल्ली में किस नाली का स्लोप खराब है, कौन सी नाली कहां मिलती है और किस नाली को किस नाले से जोड़ना है, उसके लिए हर नाली और नाले का अलग-अलग प्रोजेक्ट बनाने का भी प्रस्ताव रखा गया. संबंधित अधिकारियों को इसका पूरा प्लान जल्द से जल्द बनाने के निर्देश दिए गए हैं. मुख्यमंत्री ने इसके लिए एक कंसल्टेंट हायर करने के निर्देश भी दिए हैं और कहा कि यह कंसल्टेंट एक-एक नाली और एक-एक नाले का प्लान और प्रोजेक्ट रिपोर्ट्स बनाएंगे, ताकि इसको जल्द से जल्द लागू किया जा सके.
गौरतलब है कि दिल्ली में छोटी-बड़ी करीब 2846 नालियां हैं और इनकी लंबाई करीब 3692 किलोमीटर है. इन नालियों का एक बड़ा हिस्सा पीडब्ल्यूडी के पास है और पीडब्ल्यूडी इसका नोडल विभाग भी है. दिल्ली को तीन मुख्य प्राकृतिक जल निकासी बेसिन में विभाजित किया गया है. यह तीन जल निकासी बेसिन ट्रांस यमुना, बारापुलाह और नजफगढ़ हैं. इसके अलावा, कुछ बहुत छोटे जल निकासी बेसिन अरुणा नगर और चंद्रवाल भी हैं, जो सीधे यमुना में गिरते हैं.
क्या है दिल्ली ड्रेनेज मास्टर प्लान-
दिल्ली ड्रेनेज मास्टर प्लान का उद्देश्य एक निश्चित समय सीमा के अंदर दिल्ली की जल निकासी में सुधार करना और करीब 30-35 सालों के लिए दिल्ली में जल निकासी के लिया एक मास्टर प्लान तैयार करना है. साथ ही, मास्टर प्लान को चरणबद्ध तरीके से कार्यान्वयन के लिए कार्य योजना तैयार करना और दिल्ली की जरूरतों को पूरा करने के लिए आगे की योजनाओं के साथ-साथ पहले पांच साल के लिए प्राथमिकता वाली परियोजनाओं के लिए उचित रिपोर्ट तैयार करना है.
दिल्ली ड्रेनेज मास्टर प्लान-2021 को धरातल पर उतारने के लिए एक टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया गया है. इस टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी के पास कई जिम्मेदारियां हैं. जिसमें डिजाइन पैरामीटर या तकनीकी इनपुट जैसे बारिश की तीव्रता, रिटर्न अवधि, रनऑफ गुणांक, प्रतिधारण अवधि आदि का निर्णय करना है, जिसका उपयोग कंसल्टेंट द्वारा दिल्ली के मास्टर प्लान तैयार करने के लिए किया जाना है.
डिजिटल मॉडलिंग से जल निकासी प्रणाली का किया गया अध्ययन-
दिल्ली की जल निकासी व्यवस्था में सुधार करने के लिए पूरे दिल्ली में फिजिकल ड्रेनेज सिस्टम का डिजिटल मॉडलिंग प्रणाली का इस्तेमाल करते हुए अध्ययन किया गया है. इस प्रणाली के अध्ययन के बाद दो मॉडल बनाए गए हैं-
1- हाइड्रोलॉजिकल मॉडल - नालियों में कुल फ्लो का आंकलन करने के लिए मिट्टी और पानी का मूल्यांकन उपकरण
2- अर्बन स्टॉर्म वॉटर मैनेजमेंट मॉडल - मौजूदा समस्याओं को हल करने के लिए जल निकासी समाधान और ड्रेन डायमेंशन प्रदान करना
दिल्ली ड्रेनेज मास्टर प्लान में की गई सिफारिशें-
- बरसाती पानी की नालियों पर अतिक्रमण न हो और सीवेज न जाए
- बरसाती पानी की नालियों में कोई ठोस अपशिष्ट या सीएंडडी अपशिष्ट जाने की अनुमति नहीं दी जाए
- प्रभावी तरीके से बरसाती नालों की डी-सिल्टिंग का काम
- कोई बरसाती पानी सीवर सिस्टम में नहीं बहाया जाना चाहिए
- किसी भी बरसाती पानी की नालियों के अंदर निर्माण की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. एलिवेटेड रोड, मेट्रो और खंभों को बरसाती पानी की नालियों के अंदर अनुमति नहीं दी जानी चाहिए
- बरसाती पानी के नए नालों का डिजाइन अलग से नहीं किया जाना चाहिए
- जल निकायों का कायाकल्प किया जाना चाहिए
- कम प्रभाव विकास (एलआईडी) विकल्प, जहां भी संभव हो, जैसे नालियों के संबंधित जलग्रहण क्षेत्रों में गड्ढे, वर्षा उद्यान, जैव-प्रतिधारण तालाब, जैव-स्वाल आदि करना
- बाढ़ प्रबंधन में सुधार के लिए सेंसर का उपयोग कर बाढ़ की निगरानी करना
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