नई दिल्ली: दिल्ली के साथ ही बीजेपी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) पिछले दो साल में छह राज्यों में सत्ता गंवा चुका है. पिछली बार दिल्ली में महज 3 सीटें जीतने वाली बीजेपी को इस बार बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी. दिल्ली के प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने 48 सीटों पर जीत के अनुमान के साथ सत्ता में आने की उम्मीद अंतिम क्षणों तक लगाए हुए थे, लेकिन बीजेपी की दिल्ली की सत्ता में आने की उम्मीद टूट गई. बीजेपी के लिए देश का सियासी नक्शा नहीं बदला है. दिल्ली समेत 12 राज्यों में अभी भी बीजेपी विरोधी दलों की सरकारें हैं। राजग की 16 राज्यों में ही सरकार है. इन राज्यों में 42 फीसदी आबादी रहती है.


कांग्रेस खुद के बूते या गठबंधन के जरिए महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, पुडुचेरी में सत्ता में है. दिसंबर में हुए चुनाव में झारखंड में सरकार बनने के बाद कांग्रेस की 7 राज्यों में सरकार है. दिल्ली में आम आदमी पार्टी लगातार तीसरी बार जीती है. पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, केरल में माकपा के नेतृत्व वाला गठबंधन, आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस, ओडिशा में बीजद और तेलंगाना में टीआरएस सत्ता में है.


एक और राज्य तमिलनाडु है, जहां बीजेपी ने अन्नाद्रमुक के साथ लोकसभा चुनाव तो लड़ा था, लेकिन राज्य में उसका एक भी विधायक नहीं है. इसलिए वह सत्ता में भागीदार नहीं है.


दिसंबर, 2017 में राजग बेहतर स्थिति में था. बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के पास 19 राज्य थे. एक साल बाद बीजेपी ने तीन राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में सत्ता गंवा दी.यहां अब कांग्रेस की सरकारें हैं. चौथा राज्य आंध्र प्रदेश है, जहां बीजेपी-तेदेपा गठबंधन की सरकार थी. मार्च 2018 में तेदेपा ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया.


साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां वाईएसआर कांग्रेस ने सरकार बनाई. पांचवां राज्य महाराष्ट्र है, जहां चुनाव के बाद शिवसेना ने राजग का साथ छोड़ा और हाल ही में कांग्रेस-राकांपा के साथ सरकार बना ली.अब दिल्ली ने एक बार फिर बीजेपी को निराश किया है.


दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में अरविंद केजरीवाल का तीसरा कार्यकाल होगा


आम आदमी से जुड़े मुद्दों और विकास के एजेंडे के साथ राजनीति में आये अरविंद केजरीवाल लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत के साथ दिल्ली की सत्ता में लौटे हैं और दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में यह उनका तीसरा कार्यकाल होगा. दिल्ली विधानसभा के पिछले चुनाव (2015) में आम आदमी पार्टी (आप) को कुल 70 में 67 सीटों पर जीत हासिल हुई थी.


केजरीवाल वर्ष 2013 में पहली बार मुख्यमंत्री बने थे और उस चुनाव में आप ने सिर्फ 28 सीटों पर जीत हासिल की थी और उन्होंने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. हालांकि, उनकी यह सरकार केवल 49 दिनों तक ही चल पाई थी.


केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप 2020 के विधानसभा चुनाव में दिल्ली की 70 सीटों में 63 सीटों पर जीत दर्ज करने की ओर बढ़ रही है, जबकि बीजेपी सात सीटों पर आगे है.


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