दिल्ली का मूड: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में क्या शिक्षा में सुधार हुआ? देखें रिजल्ट
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में क्या शिक्षा में सुधार हुआ है? एबीपी न्यूज़ ने दिल्ली का मूड जानने के लिए ऑनलाइन पोल कराया है. पढ़ें रिजल्ट-
![दिल्ली का मूड: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में क्या शिक्षा में सुधार हुआ? देखें रिजल्ट Delhi Election 2020: Did education system in Delhi improve under the AAP government here Dilli Ka Mood दिल्ली का मूड: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में क्या शिक्षा में सुधार हुआ? देखें रिजल्ट](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/02/03155604/Delli-Ka-mood.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Delhi Election 2020: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए AAP, कांग्रेस और बीजेपी का धुंआधार कैंपेन जारी है और यह कैंपेने दो दिनों बाद यानि 6 फरवरी की शाम को थम जाएगा. सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) अपने प्रचार अभियान में पिछले पांच साल के काम पर वोट की अपील कर रही है. पार्टी का फोकस शिक्षा व्यवस्था पर भी है. वहीं विपक्षी दल बीजेपी और कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पांच साल के कार्यकाल में एक भी नया स्कूल या यूनिवर्सिटी नहीं बना.
राजनीतिक दलों के आरोप प्रत्यारोप के बीच एबीपी न्यूज़ ने दिल्ली का मूड जानने के लिए ऑनलाइन पोल कराया. सवाल था- दिल्ली के सरकारी स्कूलों में क्या शिक्षा में सुधार हुआ है? लोगों को हां और नहीं के दो विकल्प दिए गए थे. इस पोल में करीब 32 हजार लोगों ने भाग लिया.
पोल रिजल्ट के मुताबिक, 65 फीसदी लोगों ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा में सुधार हुआ है. वहीं 35 प्रतिशत लोगों ने नहीं में जवाब दिया.
बता दें कि पिछले ही दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम 'शिखर सम्मेलन' में कहा था कि हमने प्राइवेट स्कूल से बेहतर सरकारी स्कूल बनाए हैं. उनका दावा है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों से पिछले साल 12वीं की परीक्षा में 96.2 फीसदी बच्चे पास हुए थे जबकि प्राइवेट स्कूलों के 93 फ़ीसदी बच्चे ही पास हो पाए थे.
उन्होंने कहा, ''70 साल के इतिहास में पहली पार्टी (AAP) है जो कह रही है कि स्कूल बनवाए हैं तो वोट देना, अस्पताल अच्छे किए हैं तो वोट देना. क्या कभी ऐसा हुआ है?'' शिखर सम्मेलन में दिल्ली के शिक्षा मंत्री सिसोदिया ने कहा, ''हमने करीब 600 के बराबर स्कूल का इंफ्रास्टक्चर बनाया है. 20 हजार कमरे बनाए हैं. मैं चुनौती देता हूं कि देश में कोई सरकार कहे कि मैंने इतने स्कूल बनाएं हैं और हमने काम किया है. मैं मान जाऊंगा कि अच्छा काम किया है.''
अब इन दावों पर विपक्षी दल कांग्रेस और बीजेपी का कहना है कि पांच साल पहले स्कूल बनाने का वादा किया गया था और यह हकीकत है कि एक भी स्कूल नहीं बने हैं. दोनों ही दल का वादा है कि सत्ता में आने पर स्कूल को और बेहतर स्थिति में पहुंचाएंगे. इन आरोपों पर आम आदमी पार्टी का कहना है कि हमने स्कूल नहीं बनाए लेकिन उससे अधिक का इंफ्रास्टक्चर खड़ा किया है. साथ ही आप स्कूलों की अलग-अलग रैंकिंग का हवाला दे रही है.
आम आदमी पार्टी अन्य राज्य सरकारों के दिल्ली के नक्शेकदम पर चलने से भी खुश है. दरअसल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा है कि हम दिल्ली के एजुकेशन मॉडल को राज्य में लागू करेंगे. यही वजह है कि सत्तारूढ़ दल लोगों से काम के आधार पर वोट की अपील कर रही है. दिल्ली में आठ फरवरी को वोट डाले जाएंगे और वोटों की गिनती 11 फरवरी को होगी.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)