दिल्ली का मूडः दिल्ली के सरकारी स्कूलों में क्या शिक्षा में सुधार हुआ है?
Delhi Election 2020: क्या आपको लगता है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा में सुधार हुआ है? आप हमें वोट कर बता सकते हैं-
नई दिल्ली: दिल्ली में विधानसभा चुनाव (Delhi Election 2020) के लिए वोटिंग में एक सप्ताह से भी कम समय बचा है. इससे पहले सभी मुख्य पार्टियां जनता को रिझाने के लिए तरह-तरह के वादे और दावे कर रही है. सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) अपने प्रचार अभियान में पिछले पांच साल के काम पर वोट की अपील कर रही है. पार्टी का विशेष फोकस शिक्षा व्यवस्था पर है. वहीं विपक्षी दल बीजेपी और कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यकाल में एक भी नया स्कूल या यूनिवर्सिटी नहीं बना है.
राजनीतिक दलों के आरोप प्रत्यारोप के बीच आप भी हमें वोट कर शिक्षा के हालात बदले हैं या नहीं इससे रूबरू करा सकते हैं. करें वोट
पिछले ही दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम 'शिखर सम्मेलन' में कहा कि हमने प्राइवेट स्कूल से बेहतर सरकारी स्कूल बनाए हैं. उनका दावा है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों से पिछले साल 12वीं की परीक्षा में 96.2 फीसदी बच्चे पास हुए थे जबकि प्राइवेट स्कूलों के 93 फ़ीसदी बच्चे ही पास हो पाए थे.
उन्होंने कहा, ''70 साल के इतिहास में पहली पार्टी (AAP) है जो कह रही है कि स्कूल बनवाए हैं तो वोट देना, अस्पताल अच्छे किए हैं तो वोट देना. क्या कभी ऐसा हुआ है?'' शिखर सम्मेलन में दिल्ली के शिक्षा मंत्री सिसोदिया ने कहा, ''हमने करीब 600 के बराबर स्कूल का इंफ्रास्टक्चर बनाया है. 20 हजार कमरे बनाए हैं. मैं चुनौती देता हूं कि देश में कोई सरकार कहे कि मैंने इतने स्कूल बनाएं हैं और हमने काम किया है. मैं मान जाऊंगा कि अच्छा काम किया है.''
अब इन दावों पर विपक्षी दल कांग्रेस और बीजेपी का कहना है कि पांच साल पहले स्कूल बनाने का वादा किया गया था और यह हकीकत है कि एक भी स्कूल नहीं बने हैं. दोनों ही दल का वादा है कि सत्ता में आने पर स्कूल को और बेहतर स्थिति में पहुंचाएंगे. इन आरोपों पर आम आदमी पार्टी का कहना है कि हमने स्कूल नहीं बनाए लेकिन उससे अधिक का इंफ्रास्टक्चर खड़ा किया है. साथ ही आप स्कूलों की अलग-अलग रैंकिंग का हवाला दे रही है.
हाल ही में शिक्षा से जुड़े पोर्टल एजुकेशन वर्ल्ड ने 'इंडियन स्कूल रैंकिंग 2019' जारी किया था. इसमें दिल्ली के एक सरकारी स्कूल को देश के सभी सरकारी स्कूलों में पहला स्थान मिला था, वहीं राष्ट्रीय राजधानी के दो अन्य स्कूल भी शीर्ष-10 में जगह बनाने में सफल हुए.
आम आदमी पार्टी अन्य राज्य सरकारों के कदमों से भी अपनी पीठ थपथपा रही है. दरअसल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा है कि हम दिल्ली के एजुकेशन मॉडल को राज्य में लागू करेंगे. यही वजह है कि सत्तारूढ़ दल लोगों से काम के आधार पर वोट की अपील कर रही है. दिल्ली में आठ फरवरी को वोट डाले जाएंगे और वोटों की गिनती 11 फरवरी को होगी.