नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल के बीच बातचीत नहीं बन पाई. अकाली दल ने एलान किया कि वह दिल्ली विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी. बड़ी बात ये है कि मौजूदा विधायक मनजिंदर सिरसा भी चुनाव नहीं लड़ेंगे. इसके पीछे के लिए पार्टी ने नागरिकता संशोधन कानून को जिम्मेदार बताया है.


अकाली दल के मुताबिक सीएए पर हमारा स्टैंड कायम है. हम इसे नहीं बदलेंगे इसलिए गठबंधन का टूटा. अकाली दल ने कहा कि बीजेपी बार-बार हम पर दबाव डाल रही थी. हमारी मांग है कि मुस्लिमों को भी कह मिले. धर्म के नाम पर बाहर निकलना मान्य नहीं है. अकाली दल एनआरसी के खिलाफ भी खड़ा है.





मंजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि बीजेपी से हमारा पुराना रिश्ता है लेकिन सीएए को लेकर सुखबीर सिंह बादल के रुख लेकर हमने फैसला लिया कि ये चुनाव नहीं लड़ेंगे. सिरसा ने कहा कि नागरिकता कानून को लेकर सुखबीऱ सिंह बादल का रुख ये है कि इसमें सभी धर्मों के लोगों को जोड़ा जाना चाहिए. देश को धर्म और जात पात के आधार पर नहीं बांटा जा सकता. देश सबका है. उन्होंने कहा कि हमने सीएए का स्वागत किया लेकिन हमने कभी ये मांग नहीं की कि किसी एक धर्म को इससे बाहर रखा जाए.


साल 2015 में चार सीटों पर लड़ी थी अकाली दल

2015 में अकाली दल ने हरिनगर, कालकाजी, राजौरी गॉर्डन और शाहदरा सीटों पर चुनाव लड़ा था. अकाली दल के नेता मनिंदर सिंह सिरसा ने 2017 के राजौरी गार्डन उपचुनाव में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था. मनिंदर सिंह सिरसा जीत दर्ज करने में कामयाब रहे थे और बीजेपी के विधायकों की संख्या तीन से बढ़कर चार हो गई थी.