दिल्ली का मूड: क्या पिछले पांच साल में बिजली और पानी के हालात सुधरे हैं? देखें रिजल्ट
Delhi Election 2020: क्या पिछले पांच सालों में दिल्ली में बिजली-पानी के हालात सुधरे हैं? देखें ऑनलाइन पोल का रिजल्ट क्या कहता है-
Delhi Election 2020: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए जारी कैंपेन कल शाम को थम जाएगा और इसके एक दिन बाद यानि आठ फरवरी को वोट डाले जाएंगे. चुनावी कैंपेन के केंद्र में कई अन्य मुद्दों के अलावा बिजली और पानी का मुद्दा भी रहा. खासकर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने हर एक सभाओं और कैंपेन के अन्य माध्यमों में इसका जिक्र किया. वहीं बीजेपी-कांग्रेस ने अपने-अपने आंकड़ों के आधार पर केजरीवाल सरकार पर सवाल उठाए.
इस बीच एबीपी न्यूज़ ने बिजली और पानी के मुद्दे पर ऑनलाइन पोल के माध्यम से 'दिल्ली का मूड' जाना. सवाल था- क्या पिछले पांच सालों में दिल्ली में बिजली-पानी के हालात सुधरे हैं? लोगों को हां और नहीं के दो विकल्प दिए गए थे. इस पोल में करीब 30 हजार लोगों ने भाग लिया. रिजल्ट के मुताबिक, 61 फीसदी लोगों ने कहा कि दिल्ली में बिजली और पानी के हालात सुधरे हैं. वहीं 39 फीसदी लोगों ने नहीं में जवाब दिया.
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपने गारंटी कार्ड में कहा है कि लोगों के लिए 200 युनिट फ्री बिजली की व्यवस्था जारी रहेगी. गली-गली में स्ट्रीट लाइट लगाई जाएंगी. हर घर में नल से पानी, फ्री 20 हज़ार लीटर पानी दिया जाएगा.
वहीं बीजेपी के संकल्प पत्र में कहा गया है कि 200 यूनिट तक फ्री बिजली दी जाएगी और 20 हज़ार लीटर पानी फ्री दिया जाएगा. हर घर में नल से साफ पानी पहुंचाया जाएगा. वहीं कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में 300 यूनिट तक बिजली फ्री करने और 20 हजार लीटर मुफ्त पानी, कम खर्च करने पर कैशबैक जैसे वादे किए हैं.
ऐसे में ये सवाल उठता है कि अगर दिल्लीवासियों के बिजली-पानी की समस्या का समाधान हो गया है तो पार्टियां फ्री बिजली और पानी को क्यों अपने चुनावी मेनिफेस्टो में जगह दे रही हैं? इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अभी भी दिल्लीवासियों के लिए बिजली और पानी का मुद्दा कई दूसरे मुद्दों से बढ़कर है और इसके जरिए पार्टियां दिल्ली का दंगल जीतने की कोशिश कर रही हैं.
बता दें कि दिल्ली में आठ फरवरी को वोट डाले जाएंगे, वोटों की गिनती 11 फरवरी को होगी और उस दिन साफ हो जाएगा कि दिल्ली की जनता ने एक बार फिर आम आदमी पार्टी को दिल्ली की सत्ता सौंपी है या विपक्षी बीजेपी या कांग्रेस पार्टी में से किसी को मौका दिया है.