नई दिल्ली: दिल्ली चुनाव को लेकर जनता का मूड तेजी से बदल रहा है. एबीपी न्यूज के लिए सी वोटर की टीम लगातार दिल्ली के वोटरों को ट्रैक कर रही है. आज शुक्रवार है यानी आज हम पूरे हफ्ते का हिसाब करेंगे. दिल्ली की सभी 70 सीटों पर 8 फरवरी को वोटिंग होनी है. यानी अब चुनाव होने में एक सप्ताह का समय बाकी रह गया है. 11 फरवरी को नतीजे आने हैं.


इस बीच दिल्ली की जनता से सवाल किया क्या गया कि क्या चुनाव आयोग के चाबुक से नेताओं के विवादत बयान पर रोक लगेगी. दिल्ली की 57 फीसदी जनता ने कहा कि चुनाव आयोग की कार्रवाई से विवादित बयान पर रोक लगेगी. वहीं 43 फीसदी लोग ऐसा नहीं मानते हैं.


चुनाव आयोग के चाबुक से विवादित बयानों पर रोक लगेगी ?
हां - 57%
नहीं- 43%


दिल्ली में कुल सीट- 70, किसे कितना वोट शेयर


बीजेपी 37%
आप 47%
कांग्रेस 4%
अन्य 1%
तय नहीं 11%



किसे कितनी सीटें?


इलेक्शन चस्का के डायरेक्टर संजीव सिंह के मुताबिक दिल्ली की कुल 70 सीटों में से बीजेपी 24 सीटें जीत सकती है. वहीं आम आदमी पार्टी के खाते में 44 सीटें जा सकती हैं. वहीं इस बार कांग्रेस अपना खाता खोलते हुए दो सीटों पर कब्जा जमा सकती है.


पिछले पांच दिनों के सर्वे में आप का वोट शेयर घट रहा है


सर्वे के मुताबिक पिछले पांच दिनों के आकंड़े ये बता रहे हैं कि आम आदमी पार्टी का वोट शेयर घटता जा रहा है. 27 जनवरी के सर्वे में आप को 51 फीसदी वोट शेयर मिल रहे थे. अगले दिन 28 जनवरी को ये घटकर 50 फीसदी पर आ गया. 29 जनवरी के सर्वे में भी वोट शेयर 50 फीसदी पर बना रहा लेकिन 30 जनवरी को किए गए सर्वे में ये घटकर 49 फीसदी हो गया. वहीं जनवरी महीने की आखिरी तारीख 31 जनवरी को आम आदमी पार्टी का वोट शेयर 47 फीसदी हो गया.



पिछले पांच दिनों के सर्वे में बीजेपी का वोट शेयर बढ़ रहा है


वहीं बीजेपी का दिल्ली में वोट शेयर लगातार बढ़ता जा रहा है और वह फायदे में दिख रही है. सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक 27 जनवरी को बीजेपी का वोट शेयर 31 फीसदी था. 28 जनवरी को इसमें दो फीसदा का इजाफा हुआ और ये बढ़कर 33 फीसदी हो गया. 29 जनवरी के आंकड़े के मुताबिक बीजेपी का वोट शेयर बढ़कर 34 फीसदी, 30 जनवरी को 35 फीसदी और 31 जनवरी को बढ़कर 37 फीसदी पर पहुंच गया. कांग्रेस का वोट शेयर चार-पांच फीसदी के बीच रह रहा है. 27 जनवरी को ये आंकड़ा पांच फीसदी, 28 जनवरी को भी पांच फीसदी, 29 जनवरी को 4.5 फीसदी, 30 जनवरी को चार फीसदी और 31 जनवरी को भी ये आंकड़ा चार फीसदी पर बना हुआ है.