दिल्ली चुनाव:15 साल तक सत्ता में रहने वाली कांग्रेस को करारी शिकस्त, मिले सिर्फ 4% वोट
2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटों पर जीत दर्ज की थी. बीजेपी मात्र तीन सीट पर सिमट गई थी और वहीं कांग्रेस खाता खोलने में भी नाकामयाब रही थी.
नई दिल्ली: कभी 15 साल तक दिल्ली सत्ता में रहने वाली कांग्रेस को इस विधानसभा चुनाव में सिर्फ 4% वोट मिले. कांग्रेस के लिए यह चुनाव निराशा भरा रहा. कांग्रेस को 2015 की तरह ही इस बार भी एक भी सीट मिली है और इसबार तो पार्टी का मत प्रतिशत भी कम हो गया है. आंकड़ों के मुताबिक कांग्रेस के प्रत्याशियों को 5 हज़ार वोटों के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है.
चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करने वाली कांग्रेस ने जनादेश स्वीकार करते हुए दावा किया कि राष्ट्रीय राजधानी की जनता ने भाजपा के ‘विभाजनकारी और खतरनाक’ एजेंडे को पराजित किया है.
पार्टी ने यह भी कहा कि वह दिल्ली में संगठन का नए सिरे से निर्माण करेगी और एक सजग विपक्ष की भूमिका निभाएगी.
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने हार की नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार की और भाजपा एवं आम आदमी पार्टी पर ध्रुवीकरण का आरोप लगाया.सुभाष चोपड़ा ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि मैं पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेता हूं. सुभाष चोपड़ा ने कहा कि केजरीवाल को बधाई लेकिन अपने काम की वजह से नहीं चतुराई और विज्ञापनों की वजह से जीते.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, ‘‘आप की जीत हुई, बेवकूफ बनाने तथा फेंकने वालों की हार हुई. दिल्ली के लोग, जो भारत के सभी हिस्सों से हैं, उन्होंने भाजपा के ध्रुवीकरण, विभाजनकारी और खतरनाक एजेंडे को हराया है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं दिल्ली के लोगों को सलाम करता हूं जिन्होंने 2021 और 2022 में अन्य राज्यों जहां चुनाव होंगे, उनके लिए मिसाल पेश की है.’’ लोकसभा में कांग्रेस के नेता चौधरी ने संसद परिसर में कहा, 'यह चुनाव द्विदलीय हो गया. शायद यही वजह रही कि कांग्रेस को उम्मीद के मुताबिक वोट नहीं मिले.' उन्होंने कहा, 'दिल्ली में विकास के एजेंडे की जीत हुई है.सांप्रदायिक एजेंडे की पराजय हुई है.'
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘जनता ने अपना जनादेश दे दिया. जनादेश कांग्रेस के विरूद्ध भी दिया है. हम कांग्रेस और डीपीसीसी की तरफ से इस जनादेश को विनम्रता से स्वीकार करते हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम निराश नहीं हैं. कांग्रेस को जमीनी स्तर पर और नए सिरे से मजबूत करने का संकल्प दृढ़ हुआ है. कांग्रेस के कार्यकर्ता और साथी का हम धन्यवाद करते हैं. हम नवनिर्माण का संकल्प लेते हैं.’’
सुरजेवाला ने कहा, ‘‘हम सजग विपक्ष के तौर पर दिल्ली के ढांचागत विकास और विभिन्न मुद्दों पर नजर भी रखेंगे और जनता की आवाज उठाते रहेंगे.’’ सुभाष चोपड़ा ने कहा, ‘‘ हम जनादेश के समक्ष सिर झुकाते हैं और केजरीवाल को मुबारकबाद देते हैं. कांग्रेस हारी है, लेकिन हताश नहीं है. हमने जनता के समक्ष अपने विचार रखे और 15 साल के कांग्रेस के शासन के विकास के बारे में जनता को बताया.’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘ दोनों पार्टियों ने ध्रुवीकरण करने की कोशिश की और कुछ हद तक वो कामयाब भी रहे.’’
चोपड़ा ने कहा, ‘‘मैं पार्टी के कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करता हूं. मैं इस हार की नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं. मैंने अपनी क्षमता के हिसाब से पूरा काम किया है.’’
दिल्ली का जनादेश स्वीकार, हमने नवनिर्माण का संकल्प लिया- कांग्रेस दिल्ली चुनाव: वो सीटें जहां हारते हारते जीत गए आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता